अगर हनुमानजी न होते तो अनर्थ हो जाता | नवजात शिशु की बचाई जान | श्री हनुमानजी के चमत्कार की सच्ची घटना
मेरा नाम सेरीन जैतवार है और में दुर्ग छत्तीसगढ़ की रहनेवाली हूँ, आज में आप सभी के मेरे और मेरे परिवार के साथ श्री हनुमानजी के चमत्कार की सच्ची घटना शेयर करना चाहती हूँ जो मैंने अनुभव की है, ये बात कुछ ही दिनों पहले की है 3rd अप्रैल की रात 1.20 को मेरी डिलीवरी हुई श्री हनुमानजी की कृपा से मुझे बेटा हुआ, मेरे बेटे को ICU में ऑब्जरवेशन में रखा गया, क्योंकि बच्चे की कंडीशन ठीक नहीं थी उसे सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही थी,
मुझे बेबी को देखने नहीं दे रहे थे, 6 तारिक को जब में पहली बार अपने बेबी को फीडिंग कराने गयी बहुत खुश थी मुझे लगा कि मेरा बेबी ठीक है और मुझे बेबी दे देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, थोड़ी देर फीडिंग कराने के बाद मैंने बेबी का टेम्परेचर छुआ तो मुझे बुखार जैसा लगा, मैंने हॉस्पिटल की नर्स से कहा की आप बेबी का टेम्परेचर चेक करिए,
टेम्परेचर चेक किया तो बेबी को 103 बुखार था उसने डॉक्टर को बताया और डॉक्टर ने आकर देखा और मेडिसिन देने को कहा और नर्स इंजेक्शन देकर चली गयी, वो दिन बुखार ऐसे ही आ रहा था और जा रहा था, बेबी ICU में ही था में अपने हस्बैंड के पास गयी और उनसे कहा की ये लोग बेबी को देख नहीं रहे है हम अपने बेबी को किसी दूसरे डॉक्टर को दिखाते है,
मेरे हस्बैंड रेडी हो गए फिर शाम को हम डॉक्टर से मिले, मेरे हस्बैंड ने डॉक्टर से कह दिया कि कल हम बेबी को अपने रिस्क पर ले जाना चाहते है, पहले डॉक्टर ने मना किया फिर उन्होंने हां कह दिया, उस रात में बेबी के पास बार बार जाकर देख रही थी, उसे बुखार था और ऑक्सीजन पर रखा गया था, मैंने नर्स से पूछा कि मेरे बेबी को ऑक्सीजन पे क्यों रखा गया है उसका saturation तो सही है फिर क्यों,
जयेशभाई में खुद एक स्टाफ नर्स हूँ इसलिए मुझे जानकारी थी, नर्स ने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया सिर्फ कहा की डॉक्टर ने कहा है इसीलिए लगाया है, उसी रात में बेबी का डायपर बदल रही थी, बेबी ने वाइट कलर का मोशन पास किया था, तो मैंने वहां की नर्स को बुलाकर दिखाया फिर डॉक्टर को बताकर मेडिसिन स्टार्ट कर दी गयी,
7 तारिक को मॉर्निंग में मेरे हस्बैंड डॉक्टर से मिलने गए तो डॉक्टर ने मेरे हस्बैंड को और डरा दिया, और कहा कि बेबी को और 11-12 दिन ICU में रखना होगा उसकी कंडीशन ठीक नहीं है, सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही है और इन्फेक्शन है, पर डे का 12 से 15 हज़ार चार्ज लगेगा, मेरे हस्बैंड ने डॉक्टर से कहा की में अब बेबी को ले जाना चाहता हूँ, हस्बैंड में बहार आकर मुझे सारी बात बताई और अपने एक फ्रेंड को जो रायपुर में रहते है उनको इस बारे में जानकारी दी, तो उन्होंने एक ही बात बोली की बेबी को रायपुर ले आ यहाँ एक बच्चों का बहुत अच्छा हॉस्पिटल है,
फिर डॉक्टर बोले कि ऐसे आप बेबी को नहीं ले जा सकते बेबी को ऑक्सीजन की ज़रूरत होगी, फिर मेरे हस्बैंड ने एम्बुलेंस arrange की, जब एम्बुलेंस आने वाली ही थी की हमे पता चला की कोरोना और लोकडाउन के चलते कोई डॉक्टर्स हॉस्पिटल से नहीं जा सकते और एम्बुलेंस कैंसिल करनी पड़ी, हम और परेशान हो गए अब हम बेबी को कैसे लेकर जायेंगे, घर से बड़ी दीदी का बार बार कॉल आ रहा था, में उन्हीं से बात कर रही थी, दीदी बस एक ही बात बोली श्री हनुमानजी की कृपा से बेबी को कुछ नहीं होगा तू टेंशन मत ले,
में सिर्फ रोती जा रही थी फिर मेरी एक फ्रेंड है वो दूसरे हॉस्पिटल में स्टाफ नर्स है उसने एक एम्बुलेंस से बात की पर उसमे भी कोई डॉक्टर नहीं जा सकता था, फिर श्री हनुमानजी की कृपा से एक ICU का स्टाफ रेडी हुआ जाने के लिए, ऐसा करते करते पूरा दिन निकल गया और शाम के 4.15 बजे एम्बुलेंस आयी, में बेबी को अपनी गोद में रख कर ऑक्सीजन लगा के दुर्ग से रायपुर लेकर निकल गए, बेबी कंटिन्यू रो रहा था और उसे देख कर में भी रो रही थी,
बेबी का ऑक्सीजन लेवल कम ज्यादा हो रहा था उसका लेवल जो 90 to 100 होना चाहिए था लेकिन बेबी का 70 तक चला गया था में मॉनिटर देख देख कर रो रही थी, लेकिन मेरे हस्बैंड जो मेरे साथ थे वे लगातार श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे, लोकडाउन के कारण हम लोग सिर्फ 45 मिनट में रायपुर पहुंच गए, बेबी को मेरे हस्बैंड हॉस्पिटल के अंदर लेकर गए, बेबी को ICU में एडमिट करा दिया, डॉक्टर ने कहा चिंता न करे बेबी ठीक हो जायेगा, सारे टेस्ट करके रात के 9 बजे तक में बेबी की कंडीशन बता दूंगा,
ऐसी खतरनाक बीमारी से तो सिर्फ हनुमानजी ही बचा सकते हैं |हनुमानजी के चमत्कार
हमने रुकने के लिए हॉस्पिटल के सामने ही एक रूम arrange कर लिया, वहाँ जाकर देखा तो श्री हनुमानजी का मंदिर था जो हॉस्पिटल से लगा हुआ था मेरे प्रभु से ये ही कहा की हे बजरंगबली मेरे बच्चे को ठीक करदो मैंने रो रो कर अपने बच्चे के लिए उनसे प्राथना की, मेरे हस्बैंड और घर में सब श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे, फिर 9 बजे मेरे हस्बैंड डॉक्टर से मिलने गए, सारे रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने कहा आपका बच्चा ठीक है पर कुछ दिन ऑब्जरवेशन में रखना पड़ेगा,
ये बात आकर जब मेरे हस्बैंड ने मुझसे कही तो में और रोने लगी, मेरे हस्बैंड ने मुझे एक ही बात कही तू चिंता ना कर श्री हनुमानजी के होते हुए हमारे बच्चे को कुछ नहीं होगा, घर में मेरी बड़ी दीदी और बाकि लोग भी श्री हनुमानजी से प्राथना करते थे, 4 दिन बाद डॉक्टर ने कहा कि बेबी को mother के साथ रखेंगे, जब बेबी मेरे पास आया तब भी उसके मुँह में tube लगा था और कुछ कुछ मेडिसिन भी चल रही थी, ये सब देख देख के में श्री हनुमानजी से प्राथना करती रहती कि मेरे बच्चे को ठीक कर दो,
जहा में टिफ़िन खाने बैठी थी वहा से श्री हनुमानजी का मंदिर दीखता था वहा भी रोना आ जाता था, ऐसा करते करते 10 दिन हो गए श्री हनुमानजी की कृपा से मेरा बेटा ठीक होकर 17 को हम घर आ गए और आज बजरंगबली की कृपा से सब ठीक है, हमारा पूरा परिवार श्री हनुमान चालीसा पढ़ना नहीं भूलते, मेरा बेबी रोता भी है तो उसका बड़ा भाई जो अभी 11 साल का है उसको अपनी गोद में लेकर श्री हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर देता है और बोलता है बजरंगबली कुछ नहीं होने देंगे अब.
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धन्यवाद 🙂
जयेश वाघेला
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