200 साल पुराने इस दर्दनाक श्राप से हनुमानजी ने बचाया

0
Hanumanji ka Chamatkar in Hindi

200 साल पुराने इस दर्दनाक श्राप से हनुमानजी ने अपने भक्त को बचाया – रोंगटे खड़े कर देने वाला Hanumanji ka Chamatkar in Hindi

में बिहार का रहने वाला हूँ और में अपना नाम गुप्त रखना चाहता हूँ क्योंकि मेरे माता पिता को ये बात अच्छी नहीं लगेगी कि जो मेरे साथ हुआ वो किसी को भी पता चले, Hanumanji ka Chamatkar in Hindi

लेकिन में मेरे साथ हुआ ये अनुभव इसी लिए शेयर करना चाहता हूँ ताकि लोगो को श्री हनुमानजी की महिमा के बारे में पता चले क्योंकि आज में जिन्दा हूँ तो सिर्फ और सिर्फ मेरे बजरंगबली की वजह से हूँ,

2013 की बात है जब में अपना 10th का बोर्ड एग्जाम देने जा रहा था, में बस से एग्जाम सेंटर जा रहा था, तब मुझे पता नहीं क्यों नींद आने लगी, एग्जाम सेंटर पहुंचने में अभी एक घंटा था और मेरी तैयारी भी बहुत अच्छी हुई थी और यह सोच कर में सो गया,

मैंने अपने दोस्त से कहा था कि सेंटर पहुंचने से पहले मुझे उठा देना, लेकिन जब मेरी आँख खुली तो मेरे होश उड़ गए, मैंने अपने आप को गांव के हॉस्पिटल में पाया, जब मुझे होश आया तो मैंने अपने माता पिता को मेरा हाथ पकड़कर कुछ मंत्र पढ़ते सुना,

मैंने पुछा माँ में यहाँ कैसे आया, मेरी माँ रो पड़ी और उन्होंने मुझे बताया की में बस में बेहोश हो गया था और फिर मेरे पापा ने मुझे बिना कुछ कहे बोल दिया की अब तुम एग्जाम नहीं दोगे,

मैंने पुछा क्यों पापा ऐसी क्या बात हो गयी, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी और मुझे फिर घर ले आये, मैंने मेरे पापा से कई बार पुछा कि वे ऐसा क्यों कर रहे है पर वे मेरे सवालों का जवाब नहीं दे रहे थे,

तब में अपनी दादी के पास गया, क्योंकि जब भी में गुस्सा होता तो अपनी दादी के रूम में जाकर सोता था, वो मुझे हमेशा हौसला देती थी, मेरी दादी 95 साल की है और काफी स्वस्थ है,

उन्होंने मुझसे पूछा कि आज किस बात पर गुस्सा हो? तो मैंने उन्हें सारी बात बताई तब उन्होंने कहा की तुम्हारे पापा सही कर रहे है, दादी का ये जवाब सुनकर मैं दंग रह गया,

जब मैंने पूछा ऐसा क्यों दादी तब उन्होंने जो मुझे बताया उसे सुनकर मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गयी, उन्होंने मुझे बताया की मेरे पर दादा के पर दादा जमींदार हुआ करते थे, उस समय वे गांव में सबसे अमीर थे,

एक किसान ने अपने बेटे की शिक्षा के लिए हमारे पास अपनी ज़मीन गिरवी रखी थी, 2 महीने में मेरे पर दादा के पर दादा ने उनका पैसा वापस माँगा, जब उस किसान ने अपनी आप बीती सुनाई तो मेरे पर दादा के पर दादा ने उसे साफ़ मना कर दिया और उसे 5 दिन का वक़्त दिया,

वो किसान पैसे जुटाने में असफल रहा तो मेरे पर दादा के पर दादा ने उसकी सारी जमीन अपने पास रख ली और उसे बेइज़्ज़त किया उसकी धोती फाड़ दी और उसे गांव से निकाल दिया, जब उसके बेटे को ये बात पता चली तो उसने मेरे पर दादा के पर दादा को उल्टा सीधा कहने लगा,

पूरा गांव वहाँ आ गया था और मेरे पर दादा के पर दादा ने सबके सामने उस लड़के को गोली मरवा दी, उस समय अंग्रेजों का राज था और मेरे पर दादा के पर दादा की उनसे अच्छी पहचान थी इसलिए उन्हें कोई सजा नहीं हुई,

उस किसान ने अपने बेटे का खून होता देखकर मेरे पर दादा के पर दादा से कहा “तुमने मुझे मारा पीटा पर मैंने कुछ नहीं कहा क्योंकि उसमे मेरी गलती थी में तुम्हारे पैसे नहीं लौटा पाया, लेकिन आज तुमने मेरे बुढ़ापे का सहारा छीन लिया,

में तुम्हे श्राप देता हूँ की तुम्हारी आने वाली पीढ़ी में कोई भी पढ़ नहीं पाएगा और गरीबी में ही मरेंगे और किसी ने ऐसा करने की कोशिश की तो उसकी मौत बहुत भयानक होगी”,

रोंगटे खड़े कर देने वाला हनुमानजी का अद्भुत चमत्कार | Hanumanji ka Chamatkar in Hindi

scary horror

मेरी दादी ने कहा कि उस समय ज्यादा तर लोग काला जादू करना जानते थे, उसके बाद उस किसान ने आत्महत्या कर ली, लेकिन मेरे पर दादा के पर दादा ने ये बात को नज़रंदाज़ कर दिया और कुछ ही समय के बाद अंग्रेजों ने मेरे परदादा के परदादा को धोखा दिया और उनकी जमीन हड़प ली,

उसके बाद हमारी आनेवाली पीढ़ियों को गरीबी में जीना पड़ा, सिर्फ खेती करके हम अपना गुज़ारा करते रहे है और आज इस बात को 200 साल से भी ज्यादा हो गए है और आज भी उस किसान का श्राप नहीं हटा,

इसी श्राप की वजह से आज तक सिर्फ दो ही मर्द सही सलामत अपनी जिंदगी काट पाए और वो है तुम्हारे पापा और उनके पापा, ये सब सुनने के बाद मुझे रात भर नींद नहीं आयी मैंने सुबह होते ही सोचा की ये एक इत्तेफ़ाक़ भी हो सकता है,

मैंने अपने पापा को मेरी आगे की पढ़ाई के लिए राज़ी करने की बहुत कोशिश की लेकिन वे नहीं माने फिर मैंने उनसे कहा की अगर आपको मेरी इतनी फ़िक्र हो रही है तो में यहाँ रह कर नहीं पढूंगा, में दिल्ली चला जाऊंगा, फिर पापा ने कहा ठीक है और उन्होंने अपनी पाई पाई जोड़कर मुझे दिल्ली भेजा जहाँ मैंने अपनी पढ़ाई वापस शुरू की,

इस बैंक कैशियर के 10000 रुपये हुए गायब | हनुमानजी का अद्भुत चमत्कार

असली हादसा तो अब मेरे साथ शुरू हुआ, में बहुत कमज़ोर हो गया था, मुझे लगा की शायद ये नयी हवा की वजह से ऐसा है, 4-5 दिन ऐसे ही चलते रहा और उसके बाद जो मेरे साथ होना शुरू हुआ वो बहुत ही डरावना था,

जब रात में में सोता तो मुझे ऐसा लगता कि मुझे कोई देख रहा है, सोते सोते मेरी नींद अचानक टूट जाती, ये सब होने के बाद भी मुझे लगा की ये कोई बीमारी का कारण हो सकता है इसलिए मैंने डॉक्टर को भी दिखाया,

डॉक्टर ने कहा की आप चिंता ना करे सब ठीक है, उसी रात जब बाथरूम में में अपना हाथ मुँह धो रहा था तो मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरे पीछे खड़ा है, मुझे लगा की ये शायद मेरा वहम होगा,

लेकिन जब मैं पीछे मुड़ा तो मैंने देखा के एक काला सा लड़का है जिसके सीने पर गोली लगी हुई थी और उसका मुंह पूरा सड़ चुका था और गोली वाली जगह से लगातार खून निकल रहा था,

ये देख कर में अपने घर से भागा और रात भर अपने दोस्त के घर रहा, मैंने उसे सारी बात बताई तो उसने कहा की ये तेरे मन का कोई वहम होगा, मैंने भी उसकी बात मान ली और दुसरे दिन में अपने घर वापस आ गया,

फिर रात हुई और जब में सो रहा था तब मुझे लगा कि कोई मेरे किचन में है, मेरी नींद खुली और मैंने एक डंडा लिया और किचन की और बढ़ा, लेकिन मैंने वहां एक आदमी को देखा जिसकी धोती फटी हुई है और उसके गले पर कांटे के निशान है और वो आदमी अपना हाथ गैस पर जला रहा है,

आप पढ़ रहे है: हनुमानजी का अद्भुत चमत्कार | Hanumanji ka Chamatkar in Hindi

ये देख मैंने उसी समय घर का जो भी जरुरी सामान था वो लेकर में अपने दोस्त के घर आ गया और उस रात के बारे में उसे सब कुछ बताया, जब सुबह हुई तो मैंने अपने गांव फ़ोन लगाया और दादी से उस किसान और उसके लड़के का हुलिया पूछा और उन्होंने जो बताया वो सुनकर मैं दंग रह गया क्योंकि दादी ने वही बताया जो मैंने देखा था,

मैंने सोच लिया था की अब में पढ़ाई नहीं करूँगा, क्योंकि जान है तो जहान है, मैंने अगला दिन अपने दोस्त के यहाँ ही बिताया, लेकिन रात में में जब सो रहा था तब वो लड़का मेरे सपने में आया और मुझसे कहा कि 3 दिन बाद में तुझे मार दूंगा, करले जो करना है तूने पढ़कर बहुत बड़ी गलती कर ली,

सुबह जब मेरी नींद खुली तब मैंने तत्काल में गांव का टिकट बुक कर दिया जो कि शाम का था, जब में स्टेशन पंहुचा तो पता चला कि ट्रेन के ट्रैक पर कोई एक्सीडेंट हो गया है और ट्रेन कैंसिल हो गयी है और अगली ट्रेन मेरे गाँव जाने की परसो चलेगी,

आखिरकार सारी उम्मीद हार कर जब में वापस घर जा रहा था तब मुझे रास्ते में श्री राम जी का मंदिर दिखा और बगल में ही श्री हनुमानजी का मंदिर भी था, मुझे दादी की एक बात याद आयी जो उन्होंने मुझे फ़ोन पर कही थी की श्री हनुमान मंदिर जाना और प्रभु से सच्चे मन से प्राथना करना वे तेरी रक्षा करेंगे,

मुझे इन सब पर यकीन नहीं था पर मैंने सोचा की अगर भूत है तो भगवान भी है, यही सोचता सोचता में पहले श्री रामजी के मंदिर गया और प्रभु से क्षमा मांगी और उसके बाद में श्री हनुमानजी के मंदिर गया,

जैसे ही में बजरंगबली की मूर्ति के सामने गया मुझे रोना आ गया, मैंने मेरे प्रभु को सब कुछ बताया, तभी वहां एक पुजारी आये और उन्होंने मुझे प्रसाद दिया और कहा यहाँ हर तरफ श्री हनुमान चालीसा लिखी हुई है इसका तुम जितनी भी बार हो सके पाठ करो बजरंगबली तुम्हारे सारे कष्ट दूर कर देंगे,

और उन्होंने मुझे केले का गुच्छा दिया और कहा की कल तुम इसे अपने घर की छत पर रख देना, उस समय मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, मैंने 40 बार श्री हनुमान चालीसा पढ़ी और प्रभु को अपने जीवन की डोर दे दी (Hanumanji ka Chamatkar in Hindi)

वो रात आ गयी जैसा उस पुजारी जी ने कहा था मैंने वैसा ही किया मैंने वो केले का गुच्छा अपने छत पर रख दिया और में अपने माता पिता से आखरी बार बात कर रहा था माँ पापा रोये जा रहे थे में भी रो पड़ा, फ़ोन की बैटरी डाउन हो गयी और फ़ोन स्विच ऑफ हो गया,

मैंने बहुत उम्मीद से श्री हनुमान चालीसा पढ़नी जारी रखी और पढ़ते पढ़ते मुझे नींद आ गयी और में सो गया, सुबह उठा तो अपने आप को सही सलामत देख कर में बहुत खुश हुआ, फिर मैंने अपनी खिड़की के बाहर देखा की पूरा मोहल्ला मेरे छत की तरफ ही देख रहा था,

तो में भी निचे गया और देखा की मेरे छत पर 100 से अधिक बन्दर थे, मैंने लोगो से पुछा की आप लोग इन बंदरो को क्यों देख रहे है क्या आपने कभी बन्दर नहीं देखे, तो उन्होंने बताया की आज तक इस इलाके में उन्होंने सालों से बन्दर नहीं देखे और वो भी इतने बड़े तो कभी नहीं,

तो तुरंत ही में नाह धोकर श्री हनुमानजी के मंदिर गया, वहाँ मुझे वो पुजारी कही नहीं मिले, मैंने उस पुजारी के बारे में दूसरे पुजारिओं से पूछा तो उन्होंने बताया कि इस मंदिर में सिर्फ दो ही पुजारी है एक में और वो जो वहां खड़े है,

तब मुझे समझ आया कि वो मेरे बजरंगबलि ही थे, मैंने और सोचा तो मुझे याद आया कि ये सब बात जो मेरे साथ होने वाला था वो सब मैंने सिर्फ मेरे बजरंगबली की मूर्ति के सामने बताया और उस समय वहा आस पास कोई भी नहीं था,

उसके बाद में आज तक हर रोज़ श्री हनुमान चालीसा का पाठ करता आ रहा हूँ और श्री हनुमानजी की कृपा से आज में एक “सॉफ्टवेयर प्रोडूसर” हूँ और अंत में में इतना ही कहूँगा की अगर आपका मन सच्चा है तो बजरंगबली आपको हर मुश्किल परिस्थिति से जरूर बाहर निकालेंगे.

Subscribe Secret Mysteries on YouTube

हनुमानजी का अद्भुत चमत्कार Hanumanji ka Chamatkar in Hindi , इस कहानी पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं और यदि आपके साथ भी इस तरह का कोई चमत्कार हुआ है तो हमें dharmikstory@gmail.com पर लिखें, हम इस वेबसाइट पर आपकी कहानी प्रकाशित करेंगे.

धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here