हनुमानजी ने सुनी इस माँ की पुकार रक्षा की उनके 3 साल के बेटे की

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Hanumanji ki Sacchi Kahani

हनुमानजी ने सुनी इस माँ की पुकार और रक्षा की उनके 3 साल के बेटे की, हनुमानजी का साक्षात चमत्कार

Hanumanji ki Sacchi Kahani – मेरा नाम प्रियंका है, मेरा जन्म पटना बिहार में हुआ है, बचपन में मेरी माँ मुझे श्री हनुमानजी की पूजा करने को कहती थी और में करती भी थी,

लेकिन उस समय मुझे श्री हनुमानजी की कृपा और चमत्कार पर विश्वास नहीं था, आज मेरी माँ नहीं है उनके स्वर्गवास को 10 साल से ज्यादा हो गए, आज मुझे समझ आता है कि जो भी माँ कहती थी बिलकुल सही था, दुनिया की हर माँ भगवान का रूप होती है,

खैर ये अनुभव तब शुरू हुआ जब से में आपका चैनल “सीक्रेट मिस्ट्रीज” देखने लगी, लगभग 2018 से शुरू हुआ है ये और आपके चैनल में बताई गयी भक्तों की सच्ची कहानियां मेरे बचपन से लेकर अब तक की पूरी ज़िन्दगी से जुडी हुई महसूस होती है,

आज में 29 साल की हुँ, जब में छोटी थी सब कुछ बहुत अच्छा था, पर मेरी माँ के गुज़र जाने के बाद सब कुछ बदल गया, मेरा भगवान पर से विश्वास ही उठ गया,

जब में थोड़ी बड़ी हुई और कॉलेज जाने लगी तब कॉलेज जाने के रास्ते पे श्री हनुमानजी का मंदिर मुझे हमेशा दीखता था, पर में कभी भी हाथ जोड़कर श्री हनुमानजी को प्रणाम नहीं करती थी, क्योंकि मुझे उनपे विश्वास नहीं था,

कॉलेज में भी मेरा बुरा टाइम चल रहा था, फिर एक दिन पता नहीं क्यों में कॉलेज जाते वक़्त उस मंदिर को देख कर प्रणाम करके गयी और उस दिन कॉलेज में मेरा दिन बहुत अच्छा गया, अब ऐसा रोज़ होने लगा, मेरे बजरंगबली सब कुछ सही करते गए, तब भी मेरा विश्वास नहीं था उन पर,

आज इतने सालों बाद आज मुझे वो सब बातें याद आती जा रही है जब जब मेरे बजरंगबली ने मेरा साथ दिया मेरी मदद की, अब मेरे हृदय में सिर्फ और सिर्फ मेरे बजरंगबली है, उनसे सच्ची भक्ति करती हूँ,  मेरी भक्ति सच्ची है या नहीं ये तो सिर्फ रघुनाथ ही जाने लेकिन आज में ये सच्चे दिल से कह सकती हूँ कि मेरी उनपर पूरी आस्था है,

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Kid Fever

2019 की वो रात मुझे आज भी याद है जब मेरे बेटे को तेज़ बुखार था, मेरे बेटे को convulsion fever होता है यानी दौरे पड़ते है, ऐसा 4 बार हो चुका है,

में और मेरे हस्बैंड बहुत परेशान थे जब मेरे बेटे को फीवर आया था, में घबरा कर सारी रात जागने लगी की कही फिर से उसे बुखार के कारण दौरे न पड़ने लगे,

तभी रात के 2-3 बज रहे थे की मेरी आँखों में आँसू आते हुए बस बजरंगबली का चेहरा मेरे सामने आने लगा और मेरी हर आंसू की बूंदों में केवल मेरे बजरंगबलि थे,

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उनपर विश्वास की बुँदे मेरे आँखों से बहती चली जा रही थी की तभी मैंने बस रोते हुए श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू किया और अपने बेटे के पास सारी रात बैठ कर उसके सारे बदन पर हाथ फेरती गयी, उसका सिर सहलाती गयी,

श्री हनुमान चालीसा का पाठ पूरा हुआ, ऐसा 2 रात ही चला और मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा की मेरे बेटे का बुखार ठीक भी हो गया और उसे कोई दौरे भी नहीं पड़ा,

जबकि उसे जब भी बुखार चढ़ता था तो टेम्परेचर 99 डिग्री होने के बाद ही convulsion fever शुरू हो जाता था, पर उस रात के बाद कभी भी उसे convulsion fever नहीं आया,

जब कि डॉक्टर ने कहा था कि 5 साल तक बेटे को संभालकर रखना क्योंकि 5 साल तक convulsion fever आने का चांस बार बार होता है, पर उसे जब लास्ट फीवर आया था तब उसकी उम्र 3 साल थी,


श्री हनुमानजी की कृपा से मेरे बेटे को अब तक कोई फीवर नहीं आया है और अब वो 4 साल का होने वाला है, उम्मीद है कि श्री हनुमान जी मेरे बेटे की ज़िन्दगी भर रक्षा करेंगे,

इसी बात पर में मेरे बेटे के 5 साल हो जाने के बाद श्री हनुमानजी के नाम पर पूजा करुँगी और कोलकाता के दक्षिणेश्वर मंदिर पर मां काली की पूजा भी करुँगी,

में सबसे यही कहना चाहूंगी कि कभी भी ईश्वर की भक्ति पर शंका न करे, जीवन में उतार चढ़ाव आते रहेंगे, बस उनपर दृढ विश्वास करे वे ही आपको हर तकलीफ से बाहर निकालेंगे, आज मेरे अटूट विश्वास के कारण श्री हनुमानजी ने मेरे बेटे की रक्षा की.

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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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