ये गलती कभी मत करना जो इस भक्त ने की थी – सच्ची कहानी

Bajrangbali ki Sacchi Ghatna
ये गलती कभी मत करना जो इस भक्त ने की थी – सच्ची कहानी
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Bajrangbali ki Sacchi Ghatna in Hindi

ये गलती कभी मत करना जो इस भक्त ने की थी – रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्ची कहानी 

मेरा नाम एश्वर्या व्यास है और मेरी उम्र 26 साल है और मैं मुंबई की रहनेवाली हूँ, बचपन से ही मैं काफी स्पिरिचुअल यानि आध्यात्मिक हूँ, मैं भगवान गणेश जी की भक्त हूं और हमारे घर में 11 दिन के गणेशजी भी आते है, Bajrangbali ki Sacchi Ghatna

हर एक का सपना होता है कि फॉरेन जाकर काम करे, अपने सपने पूरे करे, लेकिन सबके नसीब में वो नहीं होता, लेकिन मुझे प्रभु की कृपा से वो मौका मिला,

भगवान गणेश जी के आशीर्वाद से मुझे 2019 में क्रूज शिप में जॉब मिली, जयेश भाई में आपको बता दूं की मैं अपनी पूरी कम्युनिटी में पहली लड़की हूँ जिसे क्रूज में जॉब मिली और अमेरिका में पोस्टिंग मिली,

मेरी जोइनिंग 14th जुलाई 2019 को गेलवेस्टन USA में थी, अमेरिका में मैं अकेले रहती थी कोई रिश्तेदार नहीं था वहाँ हमारा, अकेले रहना बहुत कठिन था वहा,

और भगवान गणेश जी की ही कृपा से क्रूज पे मुझे मेरे मंगेतर मेरे लाइफ पार्टनर भी वही मिले, हम एक साथ ही काम करते थे,

14th जुलाई 2019 को फाइनली मेरी जोइनिंग आ गयी उस दिन मैं बहुत खुश थी, जाते जाते अपने साथ भगवान गणेशजी की मूर्ति साथ ली थी और श्री हनुमान चालीसा की छोटी बुक अपने पर्स में रख दी,

अगस्त 2019 की बात है Weather कंडीशन सही नहीं था तो हमारी शिप के काफी पोर्ट्स कैंसिल हो गए थे, तो “नासाउ बहामास” में हमारी शिप ने रात रुकने का निश्चय किया, ऐसा कभी कभार ही होता है,

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Cruise Ship

उसी रात को मेरे मंगेतर के साथ बाहर जाने का प्लान बना और तैयार होके करीब रात के 9 बजे हम बाहर गए, मैं नॉर्मली मेरे बाल खुले ही रखती हूँ और मुझे याद है मैंने वो रात 2 परफ्यूम मिक्स करके लगाए थे,

हम रात के करीब 2 बजे तक बाहर ही थे, वैसे तो बहुत से क्रू मेंबर्स भी बहार गए थे, पर मैं और मेरे मंगेतर शिप के पास ही घूम रहे थे,

उसके बाद कई दिन तो सब सही चला फिर एक हफ्ते बाद जैसे ही मैं मेरे केबिन में आयी मैं बहुत अपसेट थी काम को ले के क्योंकि वो दिन कुछ अच्छा नहीं बीता था मेरा, फिर भी मैं सोने चली गयी,

मैं wall के तरफ मुँह करके सो रही थी, मुझे याद है की जैसे ही मैं सोने गयी तो मुझे ऐसा महसूस हुआ की मेरे बेड पे कोई चढ़ा है, जैसे कोई हलचल सी हुई हो बेड पे,

जैसे ही मैंने पीछे मुड़कर देखा तो कोई भी नहीं था, लाइट्स ऑफ थी पर मैंने इस चीज़ पे ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और मैं सो गयी,

ये किस्सा होने के ठीक 3 दिन बाद मैं जब काम खत्म करके केबिन में आई और जब सोने की तैयारी कर रही थी तभी अचानक अजीब सी ठण्ड लगने लगी मुझे,

मुझे नहीं पता क्यों, जो कुछ भी हो रहा था बहुत ही अजीब था जैसे मानो किसी ने मुझे बर्फीले मौसम में छोड़ दिया हो, ठण्ड बस बढ़ती ही जा रही थी और मुझे बहुत वीकनेस जैसा फील होने लगा था,

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फिर मैं जैसे तैसे सोने चली गयी, उस रात को भी अचानक मुझे ऐसा महसूस हुआ की मेरे बेड पे कोई चढ़ा और जैसे ही मैंने देखने की कोशिश की तो मुझे अपने ऊपर काले बुरखे में कोई दिखा, जैसे कोई औरत पूरे काले बुरखे में थी और उसकी सिर्फ आँखें दिख रही थी,

उसने मेरा मुँह पकड़ा और ज़ोर से पीछे की तरफ धकेल दिया, उसके हाथ का फाॅर्स इतना ज़्यादा था की मैं खुद को बचा ही नहीं पा रही थी,

मुझे नहीं पता की वो क्या था पर मैंने जो फाॅर्स मेरे ऊपर महसूस किया उसका अंदाज़ा भी नहीं लगा सकता कोई, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा कुछ मेरे साथ हो सकता है, Hanumanji ki Sacchi Kahani

फिर मैंने उठने की कोशिश की, एक बहुत ही अजीब सी आवाज़ सुनाई दे रही थी जैसे कोई आदमी की हो, बहुत ही डरावनी थी वो आवाज़, जैसे की वो बहुत ही गुस्से में हो, जैसे कुत्ते गुर्राते है वैसी आवाज़,

मैंने चिल्लाने की बहुत कोशिश की पर मुझे पता था की मेरी आवाज़ कोई सुन नहीं पा रहा था और फिर जब मुझे ये फील हुआ की मैं कुछ भी नहीं कर पा रही हूँ तब मुझे एक ही बात याद आयी की अगर कोई भूत प्रेत आपको दिखे या परेशान करे तो श्री हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर दो,

मैंने तुरंत मन में ही श्री हनुमान चालीसा बोलना शुरू कर दिया और आपको बता दू कि जैसे ही मैंने श्री हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू किया ही था की उस बुरखे वाली औरत ने जैसे मेरा फेस दबा रखा था जोर से झटके के साथ छोड़ दिया,

लेकिन उसके बाद मेरी पूरी बॉडी पे इतना पसीना हो गया था की मैं हाँफते हाँफते उठी, मैं जब उठी और सोचा की क्या ये सच में मेरे साथ हो रहा था,

मैं आज भी वो रात भूल नहीं सकती, मेरी गलती हो गयी थी की उस दिन रात के समय समंदर के किनारे बाल खुले करके और परफ्यूम लगा के बहार निकल गयी थी,

उस रात के बाद मैं हर दिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने लगी और श्री हनुमान चालीसा की वो छोटी बुक जो मैं अपने साथ लायी थी उसे अपने तकिये के निचे रख के सोती हूँ,

मुझे नहीं पता कि कैसे इन सब के बाद मैं श्री हनुमानजी को थैंक्स बोलू, क्योंकि मुझे पता है की वो जो भी था बहुत ही डरावना था,

अब हर दिन मैं श्री हनुमान चालीसा का पाठ करती हूँ और मेरा श्री हनुमानजी के प्रति विश्वास और ज़्यादा बढ़ गया है, जयेश भाई आपके माध्यम से मैं अपने साथ हुई ये सच्ची घटना सबके साथ शेयर करना चाहती हूँ ताकि लोगों का श्री हनुमान जी के प्रति विश्वास और बढे,

क्योंकि मैंने खुदने श्री हनुमान चालीसा की ताकत को उस दिन महसूस किया, नहीं तो पता नहीं क्या होता मेरे साथ उस रात, इसीलिए कहते है न “भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे”…..


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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