Bhagwan Hanuman ki Sacchi Kahani in Hindi
चारो तरफ से आया संकट हो गए सारे दरवाजे बंद फिर क्या हुआ खुद ही देख लो – Sacchi Kahani
मेरा नाम शैलेन्द्र मोहन है और मैं जलंधर पंजाब का रहने वाला हूँ, मैं आपके चैनल सीक्रेट मिस्ट्रीज से पिछले 6 – 8 महीने से जुड़ा हूँ, हम हर मंगलवार और शनिवार को आपकी नयी वीडियो देखने के लिए वेट करते है, Shri Hanuman ki Sacchi Kahani
मेरी और मेरे परिवार की ईष्ट माँ चिंतपूर्णी है और गौरी शंकर को हमारा परिवार भगवान ही नहीं अपने माता पिता मानते है, पर श्री राम भक्त हनुमानजी की हमारे जीवन में एक अलग ही जगह है,
श्री हनुमानजी के हमारे परिवार पर इतने उपकार और कृपा है कि मैं लिख भी नहीं सकता, बस इतना ही कहूँगा की आज अगर हम ज़िंदा है तो सिर्फ और सिर्फ हमारे बजरंगबली की कृपा से है,
मैं कॉलेज के समय में बहुत स्मोकिंग करता था, मैं इतना स्मोक करता था की मेरे दोस्त मुझे चैन स्मोकर कहते थे, यहाँ तक की मेरे कपड़ो में से भी सिगरेट की स्मेल आती रहती थी और मैं नॉनवेज भी खाता था,
साल 2001 में हमारा जीवन एक ऐसे मोड़ पर पहुँच गया जहाँ कोई रास्ता नहीं मिल रहा था, उस समय किसी कारण से मेरी जॉब चली गयी, हम इतने डिप्रेशन में आ गए कि सुसाइड के भी विचार आने लगते थे,
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तभी किसी ने मुझे श्री हनुमानजी की शरण में जाने का सुझाव दिया, उसने मुझे श्री हनुमानजी के व्रत शुरू करने को कहा,
जयेश भाई वो दिन था और आज का दिन है, श्री हनुमानजी की इतनी कृपा रही कि मेरी स्मोकिंग और नॉनवेज खाना दोनों छूट गए, मुझे अच्छी जॉब भी मिल गयी और प्रभु की कृपा से हमें उन सभी चीज़ों की प्राप्ति हुई जो एक अच्छा जीवन जीने के लिए ज़रूरी है,
पर ये तो बस हमारे बजरंगबली की कृपा की शुरुवात थी, यहाँ मैं आपसे हमारा हाल ही में घटित हुआ अनुभव शेयर करना चाहता हूँ,
इसी साल जून 2020 में मेरे पापा हार्ट की पुरानी प्रॉब्लम की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट हुए थे पर 28th जून को उनका देहांत हो गया था,
इस दौरान मेरा छोटा भाई अपनी फैमिली के साथ मेरे शहर जलंधर में लगभग 1 वीक के लिए वो भी अपने परिवार के साथ हमारे घर आकर रह रहा था, Hanumanji ki Sacchi Kahani
लोकडाउन की वजह से कोई रिलेटिव भी बाहर से नहीं पहुंच पाया, इस दौरान पता चला की मेरी भाभी कोरोना पॉजिटिव डिटेक्ट हुई, लेकिन श्री हनुमानजी की कृपा से मेरा भाई और उसका पौने दो साल का बेटा ठीक थे,
अगले दिन Precautionary मैंने भी अपना और अपनी फॅमिली का कोरोना टेस्ट कराया, मैं भी पॉजिटिव टेस्ट हुआ, लेकिन श्री हनुमानजी की कृपा से मेरा परिवार ठीक ठाक था और ये सब तब हुआ जब हम सब साथ रहते थे, मैं अपनी फैमिली के साथ Home Quarantine हो गया,
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Quarantine होते ही हमें पता लग गया कि कौन अपना है और कौन पराया, हमारे जिन नेबर्स से बहुत पुराने और अच्छे रिलेशन्स है, उन्होंने कोई मोरल सपोर्ट तो दूर, हमारे घर की तरफ फेसिंग अपने घर के दरवाज़े ही लॉक कर दिए, लोग इंसानियत भी भूल गए थे,
उनका हमारे लिए व्यवहार इतना बदल गया कि जैसे हमने कोई जुर्म कर दिया हो, ये सब बहुत ही डिप्रेसिंग था, हमें तो अपने राशन तक की टेंशन हो गयी थी, कोई हमारे घर दवाइयाँ तक देने नहीं आ रहा था,
पर हनुमान जी की कृपा से एक ऐसा नेबर हमारी मदद को सामने आया जिसकी ग्रोस्सेरी शॉप है, वो हमारा कोई अच्छा पहचान में नहीं था, फिर भी उसने हमारे मुश्किल समय मे हमे बहुत सपोर्ट किया और सिर्फ राशन ही नहीं, ज़रूरत की हर चीज़ भी लाकर दी, Hanumanji ka Chamatkar
Quarantine का समय पूरा होने के बाद जब मेरे भाई ने अपना ऑफिस ज्वाइन किया तो अचानक उसकी ट्रांसफर पंजाब की ही किसी और सिटी में हो गया जो कि हमारे घर से करीब 110 km की दूरी पर है,
मेरे भाई ने अपनी कार से ही डेली ऑफिस अप – डाउन करना शुरू कर दिया, अभी उसे ज्वाइन करके कुछ ही दिन हुए थे कि एक दिन सुबह घर से निकलते ही उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया, उसकी कार एक साइकिलिंग कर रहे व्यक्ति को टकरा गयी,
मेरा भाई उसे बिना समय गवाए हॉस्पिटल ले गया जहां उसे एडमिट किया गया, उस आदमी के सर में 10 टाँके आये और फिर उस आदमी के परिवार वालो को भी मेरे भाई ने ही इन्फॉर्म करके बुलाया, वो सब मेरे भाई से बिलकुल नार्मल थे,
बड़ी बात ये थी की उस वक़्त मेरे भाई ने इस बारे में मुझे या किसी और को कुछ भी नहीं बताया था, मुझे भी उस दिन देर रात को पता लगा,
हॉस्पिटल वालों ने पुलिस बुलाई और मेरे भाई के कार की RC और उसका ड्राइविंग लाइसेंस पुलिस ने ले लिया, मेरा भाई ही उस आदमी को उसके घर छोड़ कर आया,
पर अगले दिन जब मेरे भाई ने उस आदमी को कॉल किया तो उसकी फॅमिली का बर्ताव बिलकुल अलग था, उन्होंने मेरे भाई का फ़ोन रिसीव करना ही बंद कर दिया था और कहा कि 15 दिन बाद बात करेंगे,
मेरे भाई की टेंशन बहुत बढ़ गयी थी, सबसे पहले पापा का देहांत और फिर कोरोना की वजह से होम Quarantine और अब इस एक्सीडेंट की वजह से उसकी नयी कार डैमेज हो गयी थी और उसकी RC और ड्राइविंग लाइसेंस पुलिस के पास थे,
उसकी एक महीने से ज़्यादा की लीव हो चुकी थी, अब इस मैटर की वजह से छुट्टी मिलना पॉसिबल नहीं था, जयेश भाई आप विश्वास नहीं करोगे की ये काफी टेंशन वाला पीरियड था हम सबके लिए क्योंकि हमने इस छोटे से पीरियड में एक के बाद एक प्रॉब्लम्स फेस की थी,
अब इस मुश्किल की घड़ी में तो सिर्फ हमारे बजरंगबलि ही सहारा थे, इसके बाद जो मंगलवार और शनिवार आया मैंने इन दिनों 108 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया और प्रभु से प्रार्थना की कि हमें इस संकट से बाहर निकाले,
इस बीच मेरे भाई को जो की हर रोज़ बस से ट्रेवल कर रहा था, उस व्यक्ति का जिसका एक्सीडेंट हुआ था उसका कॉल आया, उसने कहा की आप टेंशन मत लो, हमें कोई कंप्लेंट नहीं करनी, हम आपसे घर में बैठकर ही सब सॉर्ट आउट कर लेंगे,
जयेश भाई उस दिन मैंने पहली बार सोचा कि सब सेटल होने के बाद मैं अपना अनुभव आपसे शेयर करूँगा, पर उसके बाद जब हम उस आदमी के घर गए, तो उसकी फैमिली ने फिर ताल-मटोल करना शुरू कर दिया,
ये सब देखने के बाद उस मौके पर तो ऐसा लगा की शायद ये बुरा चैप्टर आज क्लोज नहीं होगा और उसी दौरान मैंने सिर्फ और सिर्फ श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया और मेरे प्रभु का स्मरण करता रहा,
लगभग 2 घंटे बाद उस आदमी ने अपनी फैमिली के खिलाफ जाते हुए कुछ पड़ोसियों की हाजरी में मेरे भाई को कोम्प्रोमाईज़ लेटर दे दिया और वो प्रॉब्लम तुरंत सोल्व हो गयी, Hanumanji ka Chamatkar
ये सब मेरे प्रभु श्री हनुमानजी की कृपा से ही हुआ और मेरे जीवन में एक बार फिर उन्होंने बताया की मैं तेरे साथ हूँ,
आप ये देखिये कि किसी की भी, कभी भी, कही भी और कैसी भी तकलीफ हो, श्री हनुमानजी ने कभी भी उसकी झोली भरने मे समय नहीं लगाया, सही भी तो है, “दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते”.
आखिर में बस ये ही कहना चाहूंगा कि जयेशभाई आप बहुत अच्छा काम कर रहे हो, बहुत भटके हुए लोगों के लिए आपका चैनल एक मार्ग दर्शक है.
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धन्यवाद 🙂
जयेश वाघेला