देहव्यापार के जुठे केस में फंस गए इस महिला भक्त के पति

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Hanumanji Real Miracle Stories

Hanumanji Real Miracle Stories in Hindi

देहव्यापार के जुठे केस में फंस गए इस महिला भक्त के पति, दिल दहला देने वाली सच्ची घटना – Hanumanji ka Chamatkar

मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं UP के सीतापुर की रहने वाली हूँ और मैं आपकी हर वीडियो देखती हूँ, भईया पहले मैं ज़्यादा पूजा-पाठ नहीं करती थी, बस ऐसे ही शिव चालीसा और गौरि स्तुति नहाकर अपने किचन में काम करते हुए पढ़ लेती थी, Hanumanji Real Miracle Stories in Hindi

आज मैं जो श्री हनुमानजी की कृपा का अपना अनुभव शेयर कर रही हूँ वो 4th सितम्बर 2019 का है, भईया मेरे पति मेडिसिन कंपनी में M.R है, जिसके कारण उन्हें सीतापुर शहर और जिले के लगभग सभी डॉक्टर्स और मेडिकल स्टोर्स वालो को मिलना पड़ता है,

4th सितम्बर को भी उन्हें काम से पास के गाँव जाना पड़ा था, तो वहा उन्हें एक मेडिकल स्टोर वाले का कॉल आया की कुछ दवाइयां लेने लखनऊ जाना है कार से तो तुम भी चलो मेरे साथ, तो मेरे पति ने 4 बजे चलने के लिए हाँ कर दी,

मेडिकल वाला और एक डॉक्टर का बेटा जो की कार चला रहा था गाँव से कुछ दूर निकले ही थे कि उनसे एक लड़की ने लिफ्ट मांगी और उन लोगो ने उसे सीतापुर शहर तक लिफ्ट देने के लिए उसे पीछे वाली सीट पर बैठा दिया,

पर जब उसे सीतापुर पहुंचकर उतरने के लिए बोला तो वो कार से नहीं उतरी, काफी कहने सुनने के बाद भी वो कार से उतर नहीं रही थी और उसी समय मेरे पति भी लखनऊ दवाई खरीदवाने के लिए उन लोगो के पास पहुंचे ही थे कि मेडिकल वाला उस लड़की को हाथ से पकड़कर कार से उतारने की कोशिश करने लगा,

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ठीक उसी समय हरदोई सांसद की गाड़ी वहां से पास हुई और उन्होंने वहां के S.P को कॉल करके बोल दिया की तीन लड़के एक लड़की के साथ बत्तमीज़ी कर रहे है देखो जाकर,

S.P ने क्राइम ब्रांच कॉल करके देखने को बोल दिया, पर मेरे पति, मेडिकल वाला और डॉक्टर के बेटे ने सांसद की कार पास होते तो देखि, लेकिन सांसद ने S.P को और S.P ने क्राइम ब्रांच को कॉल की है ये नहीं जानते थे,

मेरे पति ने सोचा की अब तो लेट हो जायेगा लखनऊ जाने में तो वो शहर के किसी डॉक्टर को मिलने चले गए और क्राइम ब्रांच वालो ने जाकर उस मेडिकल वाले को और उस डॉक्टर के बेटे को पकड़ लिया,

उन दोनों से पूछा गया कि तीसरा व्यक्ति कौन था? तो उन्होंने मेरे पति का नाम बता दिया, फिर मोबाइल नंबर पूछकर वो मेरे घर आकर हमसे मेरे पति के बारे में पूछकर चले गए,

उनके जाने के बाद मैंने अपने पति को फ़ोन करके सारी बात पूछी तो उन्होंने कहा कि ठीक है मैं कोतवाली बात करके 10 बजे तक घर आ जाउंगा, पर घर में सबको नहीं बताना, नहीं तो सब बेकार में परेशान हो जायेंगे, उनके कहने पर मैंने किसी को कुछ नहीं बताया,

मैं बार-बार अपने पति को कॉल कर रही थी, पर उनका फ़ोन बंद आ रहा था, मेरे पति रात भर घर नहीं आये, मैं परेशान होकर बिना कुछ खाए पिए इधर-उधर बालकनी में घूमती रही उनका रास्ता देखती रही,

पर मैंने घर पर किसी से कुछ नहीं कहा इस बारे में, सब खाना खाकर सो गए थे, सुबह मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपने देवर को सारी बात बताई और उसे कोतवाली भेजा,

पर वहाँ मेरे देवर को मेरे पति ने बताया कि राजनीतिक दबाव के कारण F.I.R लिख गयी और G.D पर केस चढ़ गया है, मेरे पति कभी भी पुलिस या इन चक्कर में नहीं पड़े थे, इसलिए वो F.I.R या G.D के बारे में नहीं जानते थे,

जबकि मेरे देवर के पहुंचने तक F.I.R या G.D नहीं लिखी गयी थी, मेरे पति और वो दो लोगो से सिर्फ एक पेपर पर साइन कराये गए थे, जिसे मेरे पति F.I.R समझ रहे थे,

जयेश भईया मेरा देवर अभी सिर्फ 20-22 साल का है वह भी कुछ समझ नहीं पाया, मेरे मायके वाले पापा के जिस सांसद ने S.P को कॉल किया था उनसे अच्छे सम्बन्ध थे और मामा ससुर, मेरे चचेरे जेठ सब वरिष्ठ पत्रकार है,

इसलिए मेरे पति ने F.I.R लिख गयी है ये नहीं बताया होता तो मेरे पति को ऐसे ही छोड़ दिया जाता, पर इस नासमझी के कारण उनका चालान हो गया और उन्हें जेल भेज दिया गया,

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वही मेरे देवर ने वकील किया पर उसका रजिस्ट्रेशन नहीं था, वो अच्छा वकील भी नहीं था इसलिए मेरे पति की ज़मानत लोअर मजिस्ट्रेट के यहाँ नहीं हो पायी,

और मैं आपको ये बात बताना भूल गयी की कोतवाली में जाकर मुझे पता चला की वो लड़की जिसके कारण से सब हुआ वो धंधे वाली है, पुलिस ने बताया कि ये अक्सर ऐसा करती है इसे लिफ्ट नहीं देनी चाहिए थी,

जयेश भाई मेरे पति के साथ ये सब हुआ ये देखकर मैं रो-रोकर पूरी तरह से टूट गयी थी, सिर्फ भगवान- भगवान कर रही थी, मेरे मायके में मम्मी-पापा दोनों हार्ट पेशेंट है, इसलिए मैं उन्हें कुछ बता नहीं सकती और मेरा कोई भाई भी नहीं है, हम सिर्फ चार बहने है जिनकी शादी हो चुकी है,

और ससुराल में मेरे सास-ससुर और एक देवर है, मेरे ससुर बहुत ही सीधे है जो ज़्यादा किसी दुनियादारी को नहीं जानते है, हम सब तो सिर्फ रो रहे थे,

और जब पता चला कि वकील सही नहीं है तो हम सब पूरी तरह से टूट चुके थे और वो वकील हमें ज़मानत रद्द होने के पेपर भी नहीं दे रहा था, बड़ी मुश्किल से उसने पेपर देकर हमारा केस छोड़ा,

जयेश भाई मेरा दिमाग सुन्न हो गया था, आगे क्या होगा कुछ समझ नहीं आ रहा था, मैंने सुंदरकांड पाठ के बारे में बहुत सुना था इसलिए मैंने उस समय ग्यारह दिनों का पाठ मान लिया,

हमारे पड़ोस में एक लड़का है जो की एक वकील है, पर वो किसी दूसरे वकील के अंडर काम सीख रहा था, मैंने उसे बुलाकर सारी बात बतायी और उससे कहा की हमें शहर का सबसे बड़ा वकील करना है और कल के कल ज़मानत के लिए एप्लीकेशन डालनी है,

Hanumanji Real Miracle Stories in Hindi / बजरंगबली का चमत्कार

Lawyer

तो उसने मुझे शहर के एक बड़े वकील के बारे में बताया और वे वकील एसोसिएशन के अध्यक्ष भी है, पर वे छोड़ा हुआ केस नहीं लेंगे उनकी फीस भी 50000 रुपये है और कल के कल पेपर तैयार कर बैल एप्लीकेशन कोई वकील नहीं डाल पाएगा,

और उसने मेरी कई वकीलों से बात भी करायी पर कल के लिए कोई तैयार नहीं था, सब एक-दो दिन का टाइम मांग रहे थे, जयेश भाई ये सब देखकर और सुनकर मैं और मेरा देवर और ज़्यादा परेशान हो गए,

फिर अगले दिन सुबह नहाकर मैं सुंदरकाण्ड, श्री हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमानअष्टक का पाठ करने बैठी और पूजा करके मैंने अपने देवर और पडोसी लड़के से कहा की मुझे एक बार उस वकील से जो की शहर के सबसे बड़े वकील है उनसे मिलवा दो,

तब उन्होंने कहा तो चलो आप मिल लो पर कोई फायदा नहीं है, फिर मैं उन दोनों के साथ शाम को उस वकील से मिलने गयी, जयेशभाई आप विश्वास नहीं करोगे श्री हनुमानजी का चमत्कार तो देखिये कि उस बड़े वकील ने मेरे एक बार कहने पर ही मेरा केस ले लिया,

और जब मैंने फीस पूछी तो वे बोले फीस नहीं तुम मुझे सिर्फ पेपर और मुंशी के लिए 4000 रुपये दे देना और निश्चिन्त होकर घर जाओ तुम मेरी बेटी जैसी हो, रोना बिलकुल मत कल ही बैल एप्लीकेशन पड़ेगी और जो डेट मिलेगी उसी डेट पर ज़मानत हो जाएगी, Hanumanji ka Chamatkar in Hindi

जयेशभाई वकील साहब मेरे पापा की उम्र के थे यानी 65 साल के आस पास और 10th सितम्बर 2019 को उन्होंने एप्लीकेशन डाल दी और डेट लगी 25th सितम्बर की,

मेरे पति और जो दो लोग थे उन सब पर देह व्यापार का केस लगाया गया था और उस समय जो जिला जज थे वो जल्दी-जल्दी ज़मानत नहीं देते थे और कोर्ट न. 2 के जज ने तो आज तक एक भी ज़मानत नहीं दी थी,

ये सब सुनकर तो हम ज्यादा घबरा गए थे और सब कचहरी में बोलते की यहाँ ज़मानत नहीं हो पायेगी हाई कोर्ट की तैयारी करो, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था,

मैंने सब कुछ छोड़ कर सिर्फ पाठ किया, मैं हर रोज़ एक बार सुंदरकाण्ड, 7 बार श्री हनुमान चालीसा, 5 बार हनुमानअष्टक और बजरंग बाण का पाठ करने लगी, कभी कभी तो मुझे खुद याद नहीं रहता की सुबह से शाम 6 बजे तक मैंने कितने पाठ किये,

मैंने सब कुछ श्री हनुमानजी पर छोड़ दिया था और उनसे कहा था कि प्रभु सब कुछ असंभव है, पर आपको 25th सितम्बर को मेरे पति को जो कि बेकसूर है उन्हें घर लाना है और आपने अगर ये नहीं किया तो मैं आपके सामने अपनी जान दे दूंगी और मैं 11 दिनों तक लगातार प्रभु से प्रार्थना करती रही,

25th सितम्बर को भी मैं नहाकर पूजा करने बैठ गयी, मेरे चाचा जी और देवर दोनों कोर्ट चले गए, मैंने श्री हनुमानजी से कहा की मैं फ़ोन करके ज़मानत का पता नहीं करुँगी और तब तक यहाँ बैठकर बजरंग बाण का पाठ करती रहूंगी,

जब तक आप वहा से फ़ोन करवाकर मुझे नहीं बता देते की ज़मानत हो गयी है, ज़मानत हो जाने के तुरंत बाद सवा किलो लड्डू का भोग लगाकर ही उठूँगी, ये बोलकर मैं पाठ करती ही जा रही थी,

तभी लगभग एक से दो बजे मेरे देवर ने मेरी सांस को फ़ोन करके बताया कि जज उठ गए है और केस भी उनके पास गया था जो जज साहब किसी को ज़मानत नहीं देते, जिला जज छुट्टी पर है सब कह रहे है कि रिजल्ट नेगेटिव है पता नहीं क्या हुआ है,

पर जयेश भईया मैं ये सब सुन रही थी और पूरे भरोसे के साथ पाठ कर रही थी और शाम के 5 बजे मेरे देवर ने मुझसे बात करने के लिए मेरे फ़ोन पर कॉल किया, मैं पाठ कर रही थी, मेरी साँस ने फ़ोन उठाकर स्पीकर ऑन कर दिया मेरे देवर ने सिर्फ इतना कहा “हो गयी है” और वो रोने लगा,

ये सुनकर इधर हम सब रोने लगे, मैंने तुरंत श्री हनुमानजी को धन्यवाद किया और प्रसाद चढ़ाया, जयेश भाई आज ये सब लिखते हुए भी मैं रो रही हूँ, Hanumanji Real Miracle Stories in Hindi

ये श्री हनुमानजी की कृपा ही थी, जो मेरे पड़ोस का लड़का जो की वकील है उसने और मेरे चाचा ने और सबने यही कहा कि असंभव कार्य संभव हुआ है, ये जज साहब पहली बार इस जिले में आने के बाद रिहाई लिखे है,

जयेश भाई मेरा कोई भाई नहीं है और तभी से मैंने श्री हनुमानजी को अपना भाई माना है और इस साल मैंने उन्हें रक्षाबंधन के दिन राखी भी बांधी थी और तबसे मैं हर मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करती हूँ और रोज़ 11 बार श्री हनुमान चालीसा, 5 बार हनुमानअष्टक और बजरंग बाण पढ़ती हूँ,

मैं श्री हनुमानजी की सुबह, शाम, रात तीन बार पूजा करती हूँ, मैं उनकी महिमा के बारे में क्या बताऊं मेरे पास अब शब्द नहीं है, मैं जब भी उनसे प्रार्थना करती हूँ तो वे ज़रूर सुनते है,

आखिर में बस यही कहूँगी कि उनपर अटूट विश्वास रखिये श्री हनुमानजी कभी भी अपने भक्तों को अकेला नहीं छोड़ते.


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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