मात्र बजरंगबली का धागा भी असंभव को संभव कर सकता है

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hanumanji real story motivation

Hanumanji Real Story Motivation in Hindi

मात्र बजरंगबली का धागा भी असंभव को संभव कर सकता है – रोंगटे खड़े कर देने वाली सत्य घटना

मेरा नाम सवन प्रजापति है और मेरी उम्र 28 साल है, मैं गुजरात के पाटन डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला हूँ, मैं एक बिजनेसमैन हूं, आज मैं आपको श्री हनुमानजी का एक ऐसा चमत्कार बताऊंगा जिसे ना ही कभी किसी ने देखा होगा और ना ही किसी के साथ ऐसा हुआ होगा, Hanumanji Real Story Motivation in Hindi

मेरा जन्म 1992 में हुआ था और बचपन से आज तक मैंने श्री हनुमानजी को ही अपना सब कुछ माना है और उनकी भक्ति की है, मेरे घर में 60 साल से सिर्फ और सिर्फ बजरंगबली की ही पूजा होती है,

ये बात साल 2000 की है तब मैं 8 साल का था और 1994 से मेरे दादा जी जो USA में थे वे साल 2000 में PR यानी ग्रीन कार्ड होल्डर हो गए और उन्होंने USA जाने के लिए मेरे मम्मी पापा और मेरी फाइल भी की थी,

लेकिन साल 2004 में वो फाइल रिजेक्ट हो गयी थी, तब तक हम यही मानते रहे कि हमारी USA जाने वाली फाइल चल रही है, पर मुंबई से एम्बेसी का लेटर आया तब पता चला की फाइल कैंसिल हो गयी है, उसका रीज़न ये था कि ग्रीन कार्ड होल्डर पे हम फॅमिली फाइल नहीं कर सकते उसके लिए सिटीजनशिप होनी चाहिए,

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USA Flag

इसके साथ ही 2000 से 2004 तक के हमारे 5 साल बर्बाद हो गए, फिर मेरे दादा जी 2005 में सिटीजन हो गए, फिर उन्होंने हमारी फाइल की USA जाने के लिए और उस वक़्त फाइल ओपन होने का टाइमिंग 10 साल का था लेकिन हमारी फाइल 13 साल के बाद अप्रैल 2017 में ओपन हुई,

लेकिन मई 2017 में मेरे दादा जी अचानक बीमार हो गए तब मेरे दादा जी USA में ही थे, हमने सोचा कि सब ठीक हो जायेगा, लेकिन 10 दिन तक कुछ नहीं हुआ, फिर मेरे दादा जी को इमरजेंसी में USA की सबसे अच्छी हॉस्पिटल में ले गए,

वहा पे मेरे दादा जी इतने ज़्यादा बीमार हो गए कि 10 दिन तक नाक में पाइप डाले रखा था और डॉक्टर्स ने कहा कि मेरे दादा जी को निमोनिया हो गया है, लेकिन कुछ अच्छा नहीं हो रहा था, फिर वहां के एक बड़े डॉक्टर को बुलाया गया तो उन्होंने कहा कि दादा जी को निमोनिया नहीं है उन्हें मलेरिया है,

उस वक़्त वो पहले वाले डॉक्टर ने मलेरिया के जगह निमोनिया की दवाई की थी, उसकी वजह से फेफड़ों में पानी भर गया, हम सब शॉक थे की USA के बड़े हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ऐसी गलती कैसे कर सकते है,

फिर डॉक्टर ने गले में पाइप डाला और बोला ये पाइप 10 दिन से ज़्यादा नहीं रख सकते वर्ना फेफड़ों में इन्फेक्शन हो जायेगा, गले में पाइप डालने के बाद मेरे दादा जी इतने बीमार हो गए कि डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया की वे सिर्फ 2-3 दिन ही जी पायेंगे और इस बात पर डॉक्टर्स का निर्णय पक्का था,

उस वक़्त मैं, पापा, मम्मी और दादी घर पर थे और बाकी सब लोग यानी मेरी बुआ फूफा, काका काकी सब USA में थे, 17 साल बाद हमारी फाइल का प्रोसेस शुरू हुआ था अप्रैल में और घर पे सब लोग डर गए थे की अचानक इतना सब कुछ हो गया,

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एक तरफ दादा जी हॉस्पिटल में है, हम यहाँ इंडिया में और इतने सालों बाद फाइल ओपन हुई थी, अगर दादा जी को कुछ हो जाता तो फाइल कैंसिल हो जाती, उसके लिए हम USA के अच्छे से अच्छे लॉयर्स को भी मिले लेकिन सब लोगो ने मना कर दिया की अगर दादा जी को कुछ हो जाता है तो फाइल भी कैंसिल हो जाएगी,

तभी अचानक USA से मेरे बुआ और काका का कॉल आया और कहा कि डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया की मेरे दादा जी अब सिर्फ 3 घंटे तक ज़िंदा रहेंगे क्योंकि वो कोमा में चले गए थे,

तब यहाँ रात के 2 बज रहे थे, मेरी मम्मी ने श्री हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर दिया और मैंने रात के 2 बजे मेरे घर के मंदिर में बजरंगबली के सामने दिया जलाया,

फिर उसी समय मैं मेरे बजरंगबली के पंचमुखी हनुमानजी के मंदिर चला गया, वो मंदिर 500 साल पुराना है और बहुत ही प्रसिद्ध है, वहां जाकर मैं मंदिर के बहार सुबह के 4.30 बजे बैठा रहा,

और मैंने मेरे बजरंगबलि से प्रार्थना की कि “हे प्रभु मैंने सदैव केवल आपकी ही पूजा की है अब आपको ही मेरे दादा जी की रक्षा करनी है और लाज रखनी है हमारी, इतने साल के बाद हमारी फॅमिली USA जाने वाली है और दादा जी को कुछ हो गया तो अनर्थ हो जायेगा, मेरे दादा जी को आप ठीक कर दो और ऐसा कर दो कि वे अपने पैरो पे चलके इंडिया आये ऐसा कुछ चमत्कार कर दो प्रभु”

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फिर मैं सुबह के 5 बजे घर चला गया और फिर सुबह नहा धोकर जैसे ही मंदिर खुला मैं वहाँ फिर गया और मंदिर के ट्रस्टी जो की मेरे दादा जी के मित्र है वो मुझे मिले और दादा जी की तबीयत पूछी,

मैंने उन्हें सारी बात बताई, सारी बात सुनकर उन्होंने मुझे थोड़ी देर वही पर इंतज़ार करने को कहा, तो मैंने कहा ठीक है, फिर उन्होंने बजरंगबली की पूजा करके एक धागा दिया और कहा कि कुछ भी करके 2 दिन के अंदर इस धागे को USA पंहुचा दो, मैंने कहा ठीक है, Hanumanji ki Sacchi Kahani

तब मैंने बजरंगबली से कहा की “हे प्रभु भले ही डॉक्टर ने जवाब दे दिया हो पर मुझे आप पर अटूट विश्वास है मेरे दादा जी के प्राणों की रक्षा करना” मैंने तुरन्त ही वो धागा सबसे स्पीड वाले और महंगे वाले कूरियर से भेज दिया,

2 दिन के अंदर वो धागा मेरी बुआ के घर पहुंच गया और वो मेरे बजरंगबली का धागा हॉस्पिटल लेकर गए, हॉस्पिटल के रूम में भी फ़ोन पर श्री हनुमान चालीसा लगायी हुई थी, जैसे ही वो धागा रूम में आ गया मेरे दादा जी की बॉडी में हलचल हुई तब डॉक्टर वहीं पर थे, डॉक्टर ने कहा ऐसा नहीं हो सकता ये इम्पॉसिबल है,

तभी मेरी बुआ और काका ने वो धागा मेरे दादा जी के हाथ पर बांध दिया और जयेश भाई आप विश्वास नहीं करोगे वे 15 मिनट में ही कोमा से बहार आ गए और उन्हें होश आ गया,

डॉक्टर्स ने ऐसा पहली बार देखा और पुछा ये कोनसा धागा है, तब मेरी बुआ ने कहा कि ये हमारे हिन्दू सनातन धर्म के भगवान बजरंगबली का धागा है, फिर 2 दिन बाद मेरे दादा जी ने खुद कहा कि बजरंगबली रूम में थे मेरे पास ही थे, मैंने उन्हें महसूस किया था,

उसके दो महीने बाद मेरे दादा जी खुद के पैरो पे चलते हो गए और मैंने बजरंगबली से जो माँगा था वो ही हुआ, मेरे दादा जी अकेले इंडिया एयरपोर्ट पे आये खुद के पैरो पे चलके और मैं उन्हें लेने गया था, इतना सब कुछ हुआ लेकिन मेरे मन में डर था, पर होठों पे सिर्फ और सिर्फ मेरे बजरंगबली का नाम था,

मैंने आपका चैनल 4 दिन पहले ही यूट्यूब पर देखा था, मैंने सोचा क्यों न मैं भी मेरे बजरंगबली का अनुभव आप सभी से शेयर करू, आज मेरी पूरी फैमिली अमेरिका में है और मेरे मम्मी पापा ने मेरी फाइल की है USA जाने के लिए उस फाइल का नाम F2B है,

दोस्तों आखिर में बस यही कहना चाहूंगा कि जब कोई कुछ भी नहीं कर पाता तब वो काम सिर्फ बजरंगबलि ही कर सकते है.


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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