Shri Hanuman Chalisa Niyam in Hindi
इन 5 कारणों से नहीं मिलता आपको श्री हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ – Shri Hanuman Chalisa Niyam in Hindi
दोस्तों जैसे की हम सभी जानते है की श्री हनुमानजी इस कलयुग के सबसे जाग्रत देव है और आज भी वे इस पृथ्वी पर सशरीर अपने भक्तों के कल्याण के लिए विचरण कर रहे है। क्योंकि उन्हें अजर अमर रहने का वरदान मिला है। Shri Hanuman Chalisa Niyam in Hindi
हमारे देश में सबसे ज़्यादा मंदिर श्री हनुमानजी के ही है। यहाँ तक की प्रभु श्री राम जी के मंदिरों से ज़्यादा श्री हनुमानजी के मंदिर है। ऐसा कोई गांव या शहर नहीं जहाँ हमारे बजरंगबली का मंदिर ना हो। श्री हनुमानजी के भक्तों की संख्या भी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है।
श्री हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित और किया जाने वाला पाठ है श्री हनुमान चालीसा। श्री हनुमान चालीसा एक ऐसी कृति है। जो श्री हनुमान जी के माध्यम से व्यक्ति को उसके अंदर विद्यमान गुणों का बोध कराती है।
इसके पाठ और मनन करने से बल बुद्धि जागृत होती है। श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति खुद अपनी शक्ति, भक्ति और कर्तव्यों का आंकलन कर सकता है।
लेकिन कई भक्तों को उनकी निरंतर आराधना के बाद भी लाभ नहीं होता, वे नित्य श्री हनुमान चालीसा का पाठ तो करते है पर उन्हें प्रभु की कृपा प्राप्त नहीं होती। ऐसा क्यों होता है? ऐसी कौनसी गलती हो रही है आपसे जिससे आपको श्री हनुमान चालीसा का फल नहीं मिल रहा?
दोस्तों आज मैं 5 सबसे बड़े कारण के बारे में बात करूँगा जिसकी वजह से आपको श्री हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ नहीं होता या कहे तो प्रभु की कृपा आप पर नहीं होती, तो ध्यान से हर एक पॉइंट ज़रूर देखिएगा ताकि आप एक भी पॉइंट मिस न करे।
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1) प्रभु से एक चित्त होना:
दोस्तों कई लोगो की एक आदत होती है की पूजा या ईश्वर का ध्यान करते समय वे दूसरे विचारों में खोए रहते है, कोई अपने बिज़नेस के बारे में सोचता है तो कोई अपने रिलेशनशिप के बारे में या ऐसा कहें तो लोग अपने अपने टेंशन में ही खोए रहते है, वे बस सिर्फ फॉर्मेलिटी के लिए जाप करने बैठते है।
अब आप ही कहे अगर हम प्रभु से एक चित्त नहीं होते, हमारी भक्ति में ही दृढ़ता नहीं है, हम सच्चे दिल से भक्ति नहीं करते तो भला प्रभु अपनी कृपा हम पर क्यों करेंगे।
दोस्तों मैं समझ सकता हूँ की हम अपने विचारों को बंद नहीं कर सकते, लेकिन ध्यान या मैडिटेशन करके हम अपने विचारों पर कंट्रोल कर सकते है और एक जगह केंद्रित कर सकते है।
इसलिए सिर्फ श्री हनुमानजी ही नहीं किसी भी देवी देवता का कोई भी पाठ क्यों न करे, अपने मन को प्रभु के प्रति समर्पित करे, आप जो भी पाठ करें उसका महत्व समझे, सच्चे दिल से पाठ करे फिर देखना प्रभु की कृपा आप पर ज़रूर होगी।
2) स्वार्थ की भक्ति:
दोस्तों हर इंसान दुःख के समय में प्रभु की शरण में जाता है, इसका मतलब ये नहीं कि उसकी भक्ति में स्वार्थ छुपा है, यही पर लोग कन्फ्यूज्ड हो जाते है, क्योंकि दुःख के समय हर कोई ईश्वर से कुछ न कुछ माँगता ज़रूर है।
उदहारण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति दुःख और तकलीफ के समय प्रभु की शरण में जाता है सच्ची भक्ति करता है, अपने आप को उनके लिए समर्पित भी करता है और प्रभु उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसकी सारी तकलीफ दूर भी करते है। Shri Hanuman Chalisa Niyam in Hindi
लेकिन सब कुछ अच्छा होने के बाद अगर वो व्यक्ति प्रभु से दूर हो जाता है, पूजा पाठ और सच्चे मन वालि भक्ति ही बंद कर देता है, तब जाकर आप कह सकते है उसकी भक्ति में स्वार्थ छुपा था।
इसलिए कहता हूँ दुःख के समय तो हर कोई ईश्वर को याद करता है लेकिन सुख में भी जो प्रभु के निकट रहे और उनके लिए समर्पित रहे उसे निस्वार्थ भक्ति कहते है।
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3) बुरे कर्म:
दोस्तों सच्ची भक्ति के साथ साथ अच्छे कर्म भी करे, क्योंकि कई लोग ईश्वर भक्ति तो करते है लेकिन उनके बुरे कर्मो के कारण उन्हें उनकी भक्ति का फल नहीं मिलता।
आप ही सोचिये एक तरफ आप मन्दिर में बैठकर या घर पर पूजा पाठ कर रहे हो और दूसरी तरफ आप जान बूझकर कोई पाप कर रहे हो जैसे कि किसी निर्दोष को तकलीफ पहुंचना, किसी का धन हड़प लेना, किसी को बुरे कर्म करने के लिए प्रेरित करना, किसी स्त्री पर बुरी नज़र रखना, व्यसन करना, आदि।
फिर आप कैसे उम्मीद कर सकते है की ईश्वर आपकी प्रार्थना सुनेंगे, एक बात ज़रूर याद रखना “ईश्वर ना दंड देता है ना माफ़ करता है, कर्म का फल हमारे सुख दुःख का कारण बनता है।”
4) संकल्प पूरा न करना:
दोस्तों जब हम तकलीफ में होते है तो उस तकलीफ से बाहर आने के लिए हम हर एक प्रयास करते है, पूजा पाठ हो या व्रत रखना, मन्नत हो या संकल्प, वो समय ही ऐसा होता है की हम सब कुछ करते है।
लेकिन ऐसे भी कुछ लोग होते है जिनमें या तो धीरज की कमी होती है या तो प्रभु के प्रति अटूट विश्वास की कमी, या फिर उनका मन कहीं भटक जाता है या फिर आलस्य के कारण, जिसकी वजह से वे प्रभु के सामने किया संकल्प भूल जाते है या अधूरा छोड़ देते है। Hanuman Chalisa Rules
ऐसा बिलकुल भी न करे अपने संकल्प को पूरा करे, हाँ अगर घर में सूतक हो या फिर महिला भक्तों को मासिक धर्म की समस्या हो तो वे सूतक खत्म होने के बाद अपना संकल्प जारी करके पूर्ण कर सकते है।
5) नियमों का पालन न करना:
दोस्तों कई लोगो की एक सबसे बड़ी प्रॉब्लम है कि वे कभी भी हमारे शास्त्र में बताए गए प्रभु भक्ति से जुड़े नियमों का पालन नहीं करते।
वे बस अपने ही कम्फर्ट जोन में रहकर सब कुछ करना चाहते है और जब प्रभु की कृपा प्राप्त नहीं होती तो वे ही सबसे पहले इंसान होते है जो भगवान को कोसते है, खुद नेगेटिव होते है और दुसरो को भी नेगेटिव करते है, अब आप ही बताये कौन समझाए ऐसे लोगो को की असली कम्फर्ट जोन तो प्रभु भक्ति में है बाकी सब तो माया है।
वे प्रभु भक्ति के सामान्य नियमों तक का पालन नहीं करते जैसे की स्वच्छ कपड़े पहनकर पूजा करना, घर में साफ सफाई रखना ताकि घर में प्रभु का वास हो, मांस मदिरा का सेवन करके पूजा पाठ न करना, व्रत और संकल्प के समय ब्रह्मचर्य का पालन करना, बिना नहाए धोए पूजा पाठ न करना, आदि।
आप सभी से विनती है की कठिन नियम ना सही कम से कम रोज़ मर्रा के जीवन में सामान्य नियमों का पालन तो करे जो की हमारे हाथ में ही है। Hanuman Chalisa Rules
दोस्तों आज कई लोगो को उनके सवालों के जवाब मिल गए होंगे, देखा जाए तो ये सवालों के जवाब हमारे पास ही थे, हर इंसान खुद अपनी गलती को जानता है, एक आप ही है जो खुद की गलती को सुधार सकते है।
बस इन पॉइंट्स को भूलना नहीं सच्चे दिल से भक्ति करे अच्छे कर्म करे फिर देखना श्री हनुमानजी की कृपा आप और आपके परिवार पर ज़रूर होगी, हमारे बजरंगबलि बहुत ही दयालु है वे अपने भक्तों को कभी दुखी नहीं देख सकते वे आपकी सहायता ज़रूर करेंगे, तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली।
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धन्यवाद 🙂
जयेश वाघेला
नमस्कार सर मैं ब्रजेश सैनी हिंदी कंटेंट राइटर हूं कई वेबसाइट और यू ट्यूब चैनल पर काम कर चुका हूं सर आपके साथ काम करना चाहता हूं 9919397452