शनि की साढ़े-साती ने कर दिया इस भक्त का बुरा हाल

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Hanumanji ki Real Kahani in Hindi

Hanumanji ki Real Kahani in Hindi

शनि की साढ़े-साती ने कर दिया इस भक्त का बुरा हाल – हनुमान जी के चमत्कार की अद्भुत घटना

मेरा नाम नीरज है और मैं राजस्थान के एक छोटे से गाँव में रहता था, जैसा की आप सभी जानते है की जिस राशि पर शनि की साढ़े-साती का प्रभाव होता है उस समय व्यक्ति की क्या हालत होती है, मुझ पर भी वो बुरा दौर आया था,

मैं जो भी काम करता मुझे हर काम में असफलता मिलती थी और खूब सारा धन खर्च होता था, मैं बहुत ज़्यादा परेशान था इसी बीच मेरी पढ़ाई भी छूट गयी, मैं MBA कर रहा था, मेरे करीब 4 लाख रुपये खर्च भी हो गए थे, पर डिग्री नहीं मिल पायी,

मैं इतना परेशान था कि जिसकी कोई हद नहीं, जब दिन ब दिन परेशानी बढ़ने लगी तो मैं इसे अपने पिछले जन्म का कर्म समझ के संतोष करने लगा,

इसी बीच कई लोगो ने मुझे नौकरी का लालच देकर खूब पैसे भी खा लिए पर कही नौकरी नहीं लगी, मैं बहुत ज़्यादा परेशान था, हर जगह से खुद के पैसे दुबे सो दुबे, मैंने दोस्तों के भी पैसे डूबा दिए,

इतना सब होने के बाद मन में सिर्फ एक ही विचार आता कि आत्महत्या कर लू, परन्तु मेरा मन कठोर हो चूका था लगता की कभी तो हालात सुधरेंगे, पर तकलीफे आती गयी,

गांव में लोग पैसे मांगने घर पर आते थे, मेरी परेशानी बढ़ती जा रही थी, इसी बीच मैंने बैंक से भी कुछ लोन ले लिया जो मुझसे चुकाया नहीं जा रहा था, मैं इतना परेशान हो चूका था की ऐसा लगता कि कही भाग जाऊ कोई मुझे इस मुसीबत से बचा ले,

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May 2019 में मैं दिल्ली आ गया नौकरी ढूंढता रहा, एक नौकरी मिली पर उन्होंने मुझे एक हफ्ते में ही निकाल दिया, मैं जैसे तैसे अपने एक दोस्त के साथ उसके रहमो करम पर रहता था,

फिर मुझे एक बैंक में जॉब मिली वहां मैंने खूब मेहनत की पर वहां मेरा टारगेट पूरा नहीं हुआ उन्होंने मेरी सैलरी होल्ड पर रख दी, मैंने वहां से भी जॉब छोड़ दी और दूसरे बैंक में जॉब करने चला गया,

वहां मुझे 18000 की सैलरी मिली और उन्होंने मुझे एक क्रेडिट कार्ड भी बना के दिया, मैं जीवन में मानो बहुत खुश हुआ था, ये ख़ुशी लगभग 9 साल बाद आई थी,

परन्तु ये मेरी ख़ुशी सिर्फ 4 दिन की ही थी, दशहरे की छुट्टियों में मैं घर आ रहा था, मेरे पास पैसे भी थे मैं बहुत खुश था, लेकिन रास्ते में चोरों ने मेरे सारे पैसे, मेरा क्रेडिट कार्ड और मेरा 10000 रुपये का फ़ोन सब कुछ छीन लिया,

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दुःख के बादल फिर से मेरे सर पर मंडराने लगे, मेरी ये वाली नौकरी भी किसी कारण वश छूट गयी, मैं 32 साल का इंसान रोने लगा, घर आके क्या करता आप ही बताये, दिल्ली से अपने पड़ोस की एक आंटी से 1100 रुपये लेकर घर आया,

घर में छुपके रोता रहता था, फिर इसी बीच गांव में मेरा एक दोस्त था वो मुझे मिलने आया और बोला क्या करता है घर में पड़े पड़े चल मन्दिर चलते है और वो मुझे एक प्राचीन हनुमान जी के मंदिर ले गया और मुझे याद है वो मंगलवार का दिन था,

उस दिन हम श्री हनुमान जी की पूजा करके आये, फिर मैं घर पर जब तक रहा हर मंगलवार और शनिवार को उस हनुमान जी के मन्दिर जाया करता और श्री हनुमान जी से एक ही बात पूछता था कि, “हे प्रभु मैंने क्या पाप किया था बस ये बता दो मुझे,” और फिर धीरे धीरे वही बैठ के श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने लगा,

जयेश भाई आप विश्वास नहीं करोगे एक दिन मुझे दिल्ली विश्वविद्यालय से फ़ोन आता है की आपने फरवरी 2019 में फॉर्म भरा था, आपका चयन हो चुका है और जल्दी से आप नौकरी ज्वाइन करे,

ये फ़ोन मेरे लिए एक सपना था मैं बहुत खुश हो गया था, क्योंकि वो फॉर्म भरने के बाद मुझे कोई उम्मीद ही नहीं थी यहाँ तक कि मैं उसके बारे में भूल भी गया था,

और जो जिंदगी अक्टूबर महीने तक नरक बनी हुई थी वो श्री हनुमान जी की शरण में जाने के बाद एक महीने में ही प्रभु ने मेरी जिंदगी सुधार दी,

मेरे पास 7 नवंबर को फ़ोन आया और 8 नवंबर से आज तक मैं जॉब कर रहा हूँ, अब मैं बहुत खुश हूँ, इसीलिए कहते है न “संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरे हनुमत बलबीरा”.


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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