सारंगपुर के कष्टभंजन हनुमान जी का सबसे अद्भुत चमत्कार

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Kashtbhanjandev Sarangpur Hanumanji Chamatkar in Hindi

Kashtbhanjandev Sarangpur Hanumanji Chamatkar in Hindi

सारंगपुर के कष्टभंजन हनुमान जी का सबसे अद्भुत चमत्कार – KASHTBHANJAN HANUMANJI SALANGPUR

मेरा नाम अंजलि है और मैं MP की रहनेवाली हूँ, जयेश भैया मैं और मेरी मम्मी आपके वीडियोस बहुत देखते है और मैं भी हमारे साथ हुए हनुमान जी के चमत्कार को आपके साथ शेयर करना चाहती हूँ, Kashtbhanjandev Sarangpur Hanumanji Chamatkar in Hindi

मेरी मम्मी को कुछ सालों पहले बहुत ज़्यादा एसिडिटी की प्रॉब्लम रहती थी वो कुछ भी खा नहीं पाते थे, पहले कभी भी उनके साथ ऐसा होता था तो दवाई लेकर ठीक हो जाते थे, पर कुछ टाइम बाद दवाइयों ने भी असर करना बंद कर दिया,

उनका खाना ना के बराबर हो गया, उन्हें कुछ भी पचता नहीं था, जो खाते वोमिट हो जाती, वो सिर्फ एक ही रोटी दिन में खाते या सिर्फ फ्रूट्स खाते, यहाँ मैं आपको बता दूं कि उन्हें जॉइंट पैन यानी आर्थराइटिस भी है, पर उस समय ये इतना नहीं था,

उन्हें एसिडिटी या यूँ कहे तो पेट की इतनी दिक्कत थी की उसके सामने हमें हर बीमारी छोटी लगती थी, हमने हर दवाई हर चीज़ ट्राई कर ली यहाँ तक की आयुर्वेद भी पर कोई फायदा नहीं हुआ,

मम्मी कुछ नहीं खा पाते थे हम सबको उनकी बहुत टेंशन होती थी, हमें लगने लगा की मम्मी पर किसीने कोई कालाजादु कर दिया है, वरना कोई दवाई ना लगे वो भी ऐसी छोटी बीमारी में कैसे पॉसिबल है,

फिर मेरी मम्मी को मेरी नानी जी की एक बात याद आई कि गुजरात में स्थित श्री कष्टभंजन सारंगपुर हनुमान जी सब ठीक करते है, मैं बता दू हम मध्य प्रदेश के नीमच जिले में रहते है,

मम्मी की आस्था देखकर हम सब यहाँ से सारंगपुर हनुमान जी के दर्शन करने के लिए निकले, मम्मी का वो ही हाल था आधी एक रोटी या जूस, हम अहमदाबाद से होते हुए बाई रोड वहां गए,

हमें पहुँचते-पहुँचते रात हो गयी थी, हमने वही मंदिर में जो रुकने की व्यवस्था है वहां रात बिताई वहा हर रात भगवान का भोग मिलता है उस दिन वहाँ मोरधन और कढ़ी का प्रसाद था, चुकी मोरधन हल्का होता है और पच जाता है तो मम्मी ने वो थोडा खाया और हम रूम में आके सो गए,

सुबह हमने पता लगाया वहां पूजा कब होती है और क्या क्या करना पड़ता है और पूजा से पहले वहां के पवित्र नारायण कुंड में जाके नहा के आना पड़ता है, जब मम्मी को पूजा के लिए ले गए तब उनसे पहले और भी लोग थे जिनके लिए पूजा हो रही थी,

उनमें से एक लड़की जो हमारे ठीक आगे थी पहले तो वो अच्छे से बात कर रही थी और जैसे ही पंडित जी ने उन्हें बुलाया और अगरबत्ती जलाकर उनसे बात करने लगे, अचानक उस लड़की के हाव भाव बिलकुल बदल गए, उसे देख कर लग ही नहीं रहा था की ये वही लड़की है जो नार्मल लग रही थी,

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उसे देखकर मुझे लगा क्या मेरी मम्मी के साथ भी ऐसा ही होगा और मैं बहुत डर गयी थी, फिर जब मम्मी का नंबर आया सब नार्मल था हमने बताया कि मम्मी के साथ ऐसी प्रॉब्लम है कुछ खा नहीं पाते कोई इलाज नहीं लगता,

हमने पंडित जी से पुछा क्या उनपर कोई ऊपरी हवा का साया है, तो पंडित जी ने कहा नहीं अगर ऐसा होता तो यहाँ पता चल जाता, उन्होंने मम्मी को एक किताब दी और सुबह शाम भगवान स्वामीनारायण और श्री हनुमान जी की माला जपने को कहा,

मम्मी ने वहां हनुमान जी की प्रतिमा को देख कर आंसू भरी आँखों से हाथ जोड़ के सिर्फ ये ही कहा की “प्रभु मेरा पेट ठीक कर दो” उसके अलावा उन्हें और कुछ जैसे याद ही ना हो, हम लोग खुश थे की मम्मी को कोई नज़र नहीं लगी है और इस बात से निराश भी थे की अगर नज़र नहीं है और बीमार ही है तो वो दवा से क्यों ठीक नहीं हो पा रहे,

वहां से निकलते वक़्त हमने सोचा की मम्मी को अहमदाबाद के किसी अच्छे हॉस्पिटल में बता देंगे उससे पहले हमने सोचा की यहाँ तक आये है तो सोमनाथ जी और द्वारिका जी भी दर्शन कर आये,

हमने शाम सोमनाथ जी के दर्शन किये और मम्मी ने भारी मन से कुछ हल्का सा खा लिया की मुझे हजम नहीं होगा और द्वारिका जी के लिए निकल गए,

द्वारिका जी के दर्शन करने के बाद जब हमने किसी होटल में खाना खाया तब मम्मी ने फिर कम खाया, पर जयेश भाई आप विश्वास नहीं करोगे हनुमान जी के दर्शन करने के बाद हम जहाँ भी रुके मम्मी ने जो भी खाया सब ठीक से हज़म हो गया, Kashtbhanjandev Sarangpur Hanumanji Chamatkar in Hindi

पहले हम समझ नहीं पाए मम्मी की भूख भी बढ़ गयी थी, पूरे रास्ते घर आने तक उन्हें कुछ नहीं हुआ और घर आने के बाद उन्होंने स्वामीनारायण भगवान और श्री हनुमान जी की माला जाप सुबह शाम करना शुरू कर दिया,

इस बात को आज 4 साल हो गए है आज तक हमारे बजरंगबली की कृपा से मम्मी को वो दिक्कत फिर नहीं हुई और ना कोई दवाई लेनी पड़ी, बस भगवान की सेवा और उन पर अटूट विश्वास रखा,

जैसे मैंने आपको आगे बताया है की मेरी मम्मी को आर्थराइटिस भी है और मम्मी को आर्थराइटिस इतना बढ़ गया था की वो चलना तो दूर की बात खुद खड़े भी नहीं हो पा रहे थे,

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हमने उनका खूब इलाज करवाया पर हमने जिनसे भी सुना सबने ये ही कहा की डॉक्टर दवाई इंजेक्शंस से कुछ टाइम आराम होगा बाद में वो काम करना बंद कर देंगे और इससे बुरी हालत हो जाएगी,

मम्मी ने इस कंडीशन में भी हनुमान जी के नाम जाप और उनका स्मरण करना जारी रखा, उन्होंने प्रभु से प्रार्थना की मैं नादान हूँ मैंने सिर्फ बोला मेरा पेट ठीक कर दो पर आपको तो सब पता है भगवान और वो रोज़ सुबह शाम पूजा करते रहे,

हमें पता चला कि आयुर्वेद के सहारे इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है पर मम्मी का पैन बढ़ता ही जा रहा था, पूरे शरीर में सूजन आ गयी थी, हमें लगा अब हॉस्पिटल ही जाना पड़ेगा, हम इंदौर के एक हॉस्पिटल की अपॉइंटमेंट लेकर आये,

और सुबह हॉस्पिटल के लिए निकलने के पहले मम्मी ने हनुमान जी के सामने दिया लगाकर सिर्फ इतना कहा “अगर ये मेरे लिए सही हो तो ही करना प्रभु”, फिर पता नहीं किसी कारणवश हमारा इंदौर जाने का प्लान कैंसिल हो गया,

फिर मेरे एक फ्रेंड ने मुझे एक्यूप्रेशर के बारे में बताया, मैं मम्मी को एक टाइम वहां ले जाने लगी पर फिर भी उन्हें उतना आराम नहीं मिला, फिर हमने घर में उनके लिए फिजियोथेरेपी स्टार्ट करवाई,

इस बीमारी में RA फैक्टर जो की हर बॉडी में 0 to 20 होना चाहिए, मेरी मम्मी का 234+ था, लेकिन आज बजरंगबली की कृपा से मम्मी का RA फैक्टर 100 तक आ गया है और वो फिर से चलने लगे है,

अब धीरे धीरे सब ठीक हो रहा है, आप जयेश भाई कही भी पूछ लीजिये किसी भी डॉक्टर से, सब ये ही कहेंगे कि इस बीमारी को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता, पर मेरी मम्मी के अटूट विश्वास और कष्टभंजन हनुमान जी की कृपा से ये सब संभव हो पाया.


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