Hanuman ji ki Kahani in Hindi
इस महिला भक्त ने हनुमान जी को दी श्रीराम की सौगंध फिर देखो हुआ क्या – बजरंगबली का चमत्कार
मेरा नाम रेनू है और मैं दिल्ली में रहती हूँ, मैं एक टीचर हूँ, जयेश भाई सबसे पहले मैं आपका दिल से धन्यवाद करती हूँ की आपने मुझे एक ऐसा रास्ता दिखाया, जहां से होकर मैं अपनी मंज़िल तक पहुँच सकती हूँ और उस रास्ते पर चलकर ही मैंने अपनी माँ को बचाया है, Hanuman ji ki Kahani
जयेश भाई पिछले साल यानि 2020 से मैंने आपके वीडियोस देखने शुरू किये थे, इससे पहले मैंने हनुमान जी की पूजा कभी नहीं की थी, क्योंकि मैंने सुना था कि लड़कियों को हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए, बस इसलिए मन में वो बात बैठी हुई थी,
पर आपके वीडियोस देखने के बाद मेरे मन में भी इच्छा हुई की मैं भी हनुमान चालीसा का पाठ करू, फिर मैंने मई 2020 से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू किया,
मैंने आपके वीडियोस में बजरंग बाण पाठ की भी महिमा सुनी थी, मैं साथ ही उसे भी पढ़ने लगी, करीब एक साल तक मैंने हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ किया, इस बीच मुझे कई बार हनुमानजी ने बड़ी दुर्घटनाओं से बचाया, जिसका एहसास मुझे बाद में हुआ था,
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जयेश भाई 1st मई 2021 को मेरी मम्मी की तबियत ख़राब हो गयी, 2-3 दिन तक उनका भुखार नहीं जा रहा था, इसलिए मेरे भाई में उनका कोविड टेस्ट करवाया तो पता चला की वो कोरोना पॉजिटिव है,
फिर उनका ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा, हम सभी भाई बहन बहुत घबरा गए की अब क्या होगा? फिर मेरे दोनों भाई मम्मी को लेकर 3-4 हॉस्पिटल्स में गए, पर वहा बेड ना होने की वजह से कही भी एडमिट नहीं करा पाए और उन्हें घर वापस ले आये,
मम्मी का ऑक्सीजन लेवल कम ज्यादा हो रहा था, भाई बहुत परेशान था की अब क्या करे? ऑक्सीजन सिलिंडर भी नहीं मिल पा रहे थे, मैं दिन-रात हनुमान जी से प्रार्थना करती थी की “आप मेरी मम्मी की रक्षा करो उन्हें बचा लो”,
मैं और मेरे हस्बैंड भी ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए हर जगह गए पर नहीं मिल रहा था, मैं बहुत रोती थी और हनुमान जी से यही कहती थी की “आपको भगवान राम की सौगंध है प्रभु मेरी मम्मी को बचा लीजिए”,
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फिर मेरे हस्बैंड के बॉस ने अपने यहाँ रखे ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर को मम्मी के लिए दे दिया, उसे लगाकर मम्मी का ऑक्सीजन लेवल नॉर्मल होने लगा था, मैंने हनुमान जी को तुरंत धन्यवाद किया,
लेकिन संकट अभी टला नहीं था अगले दिन जब मम्मी के रिपोर्ट्स एक डॉक्टर को दिखाए गए, तो उन्होंने कहा कि इन्हे तुरंत hospitalized करना होगा, क्योंकि लंग्स में इन्फेक्शन बढ़ गया है, यह सुनकर हम फिर से परेशान हो गए, क्योंकि हॉस्पिटल्स में तो जगह ही नहीं मिल रही थी,
7th मई 2021 शुक्रवार को मेरा भाई रात के 9 बजे मम्मी को लेकर हॉस्पिटल गया क्योंकि एम्बुलेंस का इंतज़ाम नहीं हुआ, उस समय मम्मी बिना ऑक्सीजन के थी और हॉस्पिटल बहुत दूर था, मेरे भाई ने गाडी बहुत ही तेज़ी से चलाकर मम्मी को हॉस्पिटल पहुंचाया, Hanuman ji ki Kahani
जयेश भाई सच में ऐसा लगा की जैसे स्वयं हनुमान जी ने गाडी तेज़ गति से चलाकर मम्मी को हॉस्पिटल पहुंचाया हो, क्योंकि जिस समय भाई मम्मी को हॉस्पिटल ले जा रहा था, उस समय मैं अपने घर में हनुमान चालीसा का पाठ कर रही थी और हनुमानजी की कृपा से मम्मी को हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया गया,
अगले दिन यानि 8th मई शनिवार से ही मैंने हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमान बाहुक पाठ का 21 दिन का संकल्प लिया, 10 दिन होते ही मम्मी की तबियत में सुधार आ गया और मम्मी को डिस्चार्ज कर दिया गया और हनुमान जी की कृपा से मम्मी बिलकुल ठीक होकर घर आ गयी, इससे मेरा हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और विश्वास और बढ़ गया,
अंत में मैं ये ही कहना चाहूंगी कि अगर हम सच्चे दिल से हनुमान जी को याद करे तो वे हमारी प्रार्थना अवश्य सुनते है और हमारे संकटों को दूर करते है.
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