इस भक्त ने महसूस की पंचमुखी हनुमान कवच की शक्ति को

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Hanuman Bhakt Real Story in Hindi

Hanuman Bhakt Real Story in Hindi

इस भक्त ने महसूस की पंचमुखी हनुमान कवच की शक्ति को – रोंगटे खड़े करने वाली सच्ची घटना

मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं मुंबई की रहनेवाली हूँ, हमारे जीवन में भगवान की कृपा से किसी भी चीज़ की कमी नहीं है, मिडिल क्लास फैमिली होते हुए भी जिंदगी की हर जरुरत पूरी हो जाती है, Hanuman Bhakt Real Story in Hindi

लेकिन लगभग 10 साल से मेरी मम्मी की तबीयत बहुत ही ख़राब रहती थी, कभी उनको सीने में अचानक दर्द होता, तो कभी कमर दर्द, तो कभी सर में दर्द होता और जब रिपोर्ट्स निकालते तो सब नार्मल आता,

डॉक्टर के पास जाओ तो कोई बोलता दवा के साइड इफेक्ट्स है तो कोई बोलता वेहम है इनका और हद तो तब हो गयी जब एक डॉक्टर ने यहाँ तक बोल दिया की ये नाटक कर रही है,

पापा भी मम्मी की बात सुनना बंद कर दिए थे और गुस्सा भी करते थे, ये सब देख कर बहुत बुरा लगता था,

एक बात और जब मम्मी मंदिर जाती तब ठीक हो जाती और मंदिर से बाहर आने के कुछ टाइम बाद वापस तबीयत ख़राब हो जाती, इसी बीच मम्मी को हार्ट-अटैक भी आया पर भगवान की कृपा से उनकी जान बच गयी,

लेकिन उसके बाद मन ही मन ये शिकायत रहने लगी कि भगवान ऐसा क्यों कर रहे है मेरे परिवार के साथ, क्या भगवान का अस्तित्व है या मम्मी ऐसे ही उनकी पूजा करती है,

फिर कुछ समय बाद हमारी मुलाकात एक अंकल से हुई जो बहुत ही धार्मिक इंसान है और जानकार भी, तो उन्होंने कहा कि पापा के भाई ये सब प्रॉपर्टी की लालच में कर रहे है और पापा के भाई ने मेरे घर मौका मिलते ही किसी चीज़ का बैठाव कर दिया है जिसकी वजह से मेरे परिवार का हर सदस्य परेशान रहता है,

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Hanumanji

हमारे घर पर कुछ ऐसा किया गया था की घर में किसी की भी जान बचनी नहीं चाहिए थी, लेकिन मम्मी के साफ़ दिल और उनके पुण्य कर्म की वजह से अटक कर ही सही लेकिन हमारी जिंदगी आज भी चल रही है,

जिंदगी में पहली बार ये सब सुनकर मानो पैरों तले ज़मीन खिसक गयी ये सोचकर कि क्या ऐसा भी होता है, लेकिन फिर दुःख तो इस बात का होता था की प्रॉब्लम तो पता चल गयी लेकिन इन सब का सलूशन ही नहीं पता,

पिछले 2 सालों से तो ऐसा होने लगा की मम्मी को हमेशा ऐसा लगता मानो कोई उनके पैर और कमर की हड्डी तोड़ रहा है और उनके पूरे शरीर पे नाखून के निशान आ जाते थे और कोई दवाई से वो ठीक नहीं हो रहा था,

तभी फरवरी 2021 में जयेश भाई मुझे आपका चैनल मिला और सच में आपके वीडियोस देखने के बाद मुझमें विश्वास बढ़ा और मैंने हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) और मंगलवार के व्रत करना शुरू किया और उसके बाद एक उम्मीद की किरण जागी,

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मैं अपने फ्री टाइम में फ़ोन में ही हनुमान जी से रिलेटेड भजन हो या सुंदरकांड का पाठ सुनती रहती थी, अब मम्मी की तबीयत दिन में ठीक रहती लेकिन रात के समय ख़राब हो जाती थी और वो पूरी रात सो नहीं पाती थी,

मैं हनुमान जी के सामने प्रार्थना करती कि “प्रभु हमें कोई रास्ता दिखाये मैं मम्मी को इतनी तकलीफ में नहीं देख सकती”, तभी अगले दिन पता चला की मम्मी की तबीयत बहुत ख़राब हो गयी है, वो रात को सोई नहीं थी और ना ही आराम हो रहा था,

और सुबह का समय था तो घर का काम भी करना था तो मैंने उनसे कहा की “मम्मी आप आराम करे मैं घर का काम खत्म करके अभी आयी फिर मालिश कर दूंगी” और फ़ोन पे ‘पंचमुखी हनुमान कवच’ (Panchmukhi Hanuman Kavach) दिखा तो वही लगा कर मै चली गयी,

सच कहुँ जयेश भाई मुझे इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था यूट्यूब खोलते ही मुझे वही दिखा तो जल्दी मैंने वही प्ले कर दिया था और उसके कुछ देर बाद जो मैंने देखा उसपर मुझे यकीन नहीं हुआ,

मम्मी मुस्कुराते हुए खुद चल कर मेरे पास आयी और वो पूरी तरह से स्वस्थ दिख रही थी और मेरे पूछने पर बोली “दर्द से तो मैं बेहाल थी, लेकिन पंचमुखी हनुमान कवच पाठ सुनते ही मुझे फट से आराम मिला और कुछ पल के लिए मेरी आँख लग गयी”, फिर पता नहीं उनमें एक अलग ही एनर्जी आ गयी थी की वे सोचे कि चलो अब घर का काम कर लेती हूँ,

सच कहुँ जयेश भाई उनकी ये बात सुनकर मेरे दिल को जो सुकून मिला मैं उसे बता नहीं सकती हूँ, मेरे पास शब्द नहीं थे उस वक़्त की मैं हनुमान जी का किस तरह धन्यवाद करू,

इस बात को करीब एक महीना होने आया था, तबसे रोज़ मम्मी के सोते वक़्त मैं पंचमुखी हनुमान कवच (Panchmukhi Hanuman Kavach) लगा देती हूँ और मम्मी रात को अब सुकून से सो पाती है,

पहले मम्मी बोलती थी कि जैसे उनके कान के पास आकर कोई बार-बार बोलता था की बंद कर इसे मत सुन इसे, इसलिए शुरुवात मे वो डर जाती थी, फिर मेरे समझाने पर उन्हें हिम्मत मिली और अब उनके साथ ऐसा कुछ नहीं होता है और वो सुकून के साथ आराम से सोती है,

मेरी मम्मी बहुत सीधी-साधी है और डॉक्टर ने जब उनका मज़ाक उड़ाया था तब मैंने भी ठान ली कि अब मैं मेरी मम्मी को ठीक करके ही रहूंगी और सच में धीरे धीरे पहले एलोपेथी दवा छुडवाकर आयुर्वेदिक दवा शुरू की,

और फिर हनुमान जी ने अपनी संजीवनी से उनको नया जीवन दिया, प्रभु ने हमारी बहुत सहायता की है मैं उनका एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी, बस प्रभु से ये ही प्रार्थना करती हूँ की आगे भी ऐसे ही हमारी रक्षा करे.


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