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मौत सामने थी पर हनुमान जी पर अटूट विश्वास रखा फिर देखो क्या हुआ

Hanuman Chalisa Chamatkar Story
मौत सामने थी पर हनुमान जी पर अटूट विश्वास रखा फिर देखो क्या हुआ
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Hanuman Chalisa Chamatkar Story in Hindi

मौत सामने थी पर हनुमान जी पर अटूट विश्वास रखा फिर देखो क्या हुआ – अद्भुत सच्ची घटना

मेरा नाम प्रदीप लालवानी है मेरी उम्र 31 साल है और मैं गुजरात के अहमदाबाद का रहनेवाला हूँ, मैं पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर हूँ, Hanuman Chalisa Chamatkar Story

जयेश भाई मैं आपके हनुमान जी से जुड़े वीडियोस रेगुलरली देखता हूँ, आपके वीडियोस से मुझे बहुत ही हिम्मत मिलती है, आज मैं भी अपना अनुभव आपसे शेयर करना चाहता हूँ जहाँ मेरे प्रभु ने मेरी मदद की है और मुझे मौत के मुंह से बचाया है,

ये बात अप्रैल 2021 की ही है, मुझे कोरोना हो गया था और मेरा ऑक्सीजन लेवल 76 पर पहुँच गया था, मेरा CTscan 22 था और कोरोना की वजह से मेरे लंग्स में 80% तक इन्फेक्शन फैल चुका था, मुझे सांस लेने में बहुत तकलीफ होने लगी थी और मैं बोल भी नहीं पा रहा था,

फिर किसी भी तरह मेरे अंकल और मेरे दोस्तों ने मेरे लिए एक ऑक्सीजन फैसिलिटी वाला हॉस्पिटल ढूंडा जहा बेड अवेलेबल था और 16th अप्रैल को मुझे एडमिट किया गया,

उन दिनों कोरोना की दूसरी लहर अपने पीक लेवल पर थी, 16th अप्रैल को शाम 4 बजे मुझे एडमिट किया गया और मेरी ट्रीटमेंट शुरू की गयी, मुझे ICU में रखा गया था वो भी 15 लीटर ऑक्सीजन पर,

Man in Hospital

3-4 दिन हॉस्पिटल में बिताने के बाद मैंने डॉक्टर से पूछा की मेरी सेहत में क्यों कोई फर्क नहीं पड़ रहा और क्यों मेरा ऑक्सीजन लेवल नॉर्मल नहीं हो रहा? Hanuman Chalisa Chamatkar Story

तो डॉक्टर ने कहा कि आपका ऑक्सीजन काफी निचे गिर गया है तो उसे नार्मल होने में काफी दिन जायेंगे, फिलहाल के लिए अगर आपका ऑक्सीजन 90 तक भी आ जाए तो आपकी हेल्थ में रिकवरी होनी शुरू हो जाएगी,

ये सुनने के बाद मेरी चिंता बढ़ती ही जा रही थी, क्योंकि मेरी फॅमिली को संभालने वाला सिर्फ मैं ही था, क्योंकि पिछले साल ही मेरे पिताजी का ब्रेन स्ट्रोक की वजह से देहांत हो गया था,

फिर अचानक अगले दिन यानि 21st अप्रैल को सुबह के समय मैं ऑक्सीजन मास्क के साथ बेड पर बैठ गया और पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद ब्रीथिंग एक्सरसाइज की,

मैंने बार-बार हनुमान चालीसा और हनुमान जी की कथा को सुनना जारी रखा और भगवान श्री कृष्ण के भजन भी सुनता क्योंकि मेरी माँ द्वारकाधीश जी को बहुत मानती है, मैंने हनुमान जी से एक ही प्रार्थना की, “हे प्रभु, आप मेरे साथ रहो और मुझे शक्ति दो ताकि मैं इस बीमारी से लड़ सकू”

दो भक्तों के अलग-अलग अनुभव लेकिन नतीजा एक ही – हनुमान जी के चमत्कार से जुड़ी सच्ची घटना

अगले दो दिन में ही यानि 23rd अप्रैल को आप विश्वास नहीं करोगे कि मेरा ऑक्सीजन लेवल 96 हो गया और 25th अप्रैल को मेरा ऑक्सीजन लेवल 97 था वो भी बिना मास्क के,

ये देखकर तो डॉक्टर भी चौक गए थे, लेकिन मुझे पता था की ये तो सिर्फ मेरे बजरंगबली की वजह से ही हुआ है, मुझे 27th अप्रैल को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी मिल गया, बस डॉक्टर ने कुछ इंस्ट्रक्शंस फॉलो करने को कहा था और एक महीना घर पे ही रेस्ट करने को कहा,

अब आप ही बताये जयेशभाई एक बार जहाँ मेरा ऑक्सीजन लेवल देखकर डॉक्टर ने मुझे बोल दिया था कि ठीक होने में काफी समय लग सकता है, लेकिन सिर्फ 11 दिन में सब नार्मल हो गया ये चमत्कार नहीं तो क्या है,

ये सब संभव सिर्फ और सिर्फ मेरे बजरंगबली, द्वारकाधीश जी, मेरे पिताजी और मेरी माँ की दुआ के वजह से हुआ, जो सही सलामत मैं घर वापस आ गया, Hanuman Chalisa Chamatkar Story

जब मैं हॉस्पिटल में था तब हर रोज हनुमान चालीसा और रामायण की हनुमान जी की कथा सुन्ना मेरा डेली रूटीन था और जो दिन मुझे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिला 27th अप्रैल को उस दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव था,

घर आने के बाद भी हर रोज मैं हनुमान चालीसा सुनता हूँ और हर शनिवार को मैं 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करता हूँ और सुंदरकांड का पाठ भी और फिर डिस्चार्ज होने के कुछ दिन बाद मैं सारंगपुर कष्टभंजन हनुमान जी के दर्शन करने भी गया था और मैंने वहा से दादा की फोटो फ्रेम घर लायी है,

मैंने ये अनुभव इसलिए आपसे शेयर किया ताकि लोगो का हनुमान जी के प्रति विश्वास बढे, क्योंकि वे अपने भक्तों को कभी दुखी नहीं देख सकते, आज मेरे पिताजी मेरे साथ नहीं है पर आज मैं मेरे बजरंगबली को ही अपना सब कुछ मानता हूँ.


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