हनुमान जी, माँ काली और महादेव ने मिलके इस भक्त को भटकने से बचाया

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Bhagwan ka Chamatkar in Hindi

Bhagwan ka Chamatkar in Hindi

हनुमान जी, माँ काली और महादेव ने मिलके इस भक्त को भटकने से बचाया – अद्भुत सच्ची घटना

मेरा नाम प्रांशु पण्ड्या है और मै राजस्थान के बांसवाड़ा जिले का रहने वाला हूं। मै महाकाल महाराज और हनुमान दादा दोनो का उपासक हूं। आज मैं आपसे मेरे साथ घटित हुआ अनुभव शेयर करना चाहता हूँ। Bhagwan ka Chamatkar in Hindi

जयेश भाई आप बहुत नेक काम कर रहे है। आपके काम से लोगो में श्रद्धा और ईश्वर के प्रति भक्ति बढ़ती है। आप ऐसे ही अच्छे काम करते रहे और हनुमान दादा आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करे।

ये बात 2019 के जून महीने की है। मै अपने परिवार के साथ गुजरात के धार्मिक स्थलों पर घूमने गया था। हम सबसे पहले वडोदरा होते हुए पावागढ़ पर्वत पर बसे मां कालिका के मंदिर गए (Pavagadh Mahakaali Mandir)। करीब शाम के 7 बज रहे थे, हमारे थोड़ा लेट पहुंचने के कारण हमे मां के दर्शन नही हुए।

वहा हम गए तो रोप-वे में थे लेकिन आते वक्त रोप-वे बंद हो गया। अब हमे पूरा पहाड़ चलकर उतरना था (यहां मै बता दू की एक सड़क हादसे के कारण मेरे पिताजी एक पैर से सही चल नही पाते) पहाड़ उतरते वक्त हमारे पास रोप-वे का चढ़ने का टिकट था पर वह टिकट अब किसी काम का नही था। Mahakaali ka Chamatkar

रास्ते में हमे एक औरत जिसने काली साड़ी, खुले बाल, गहने आदि पहन रखे थे (एकदम मां कालिका जैसी) हमें मिली उन्होंने हमसे वह टिकट मांगी। हमने कहा माताजी अब यह कोई काम की नही है क्योंकि यह उपयोग हो चुकी है। फिर भी उस महिला ने वह टिकट मेरे पिताजी से लेली।

फिर हम थोड़ा आगे चले हमने जब पीछे मुड़ कर देखा तो वहां कोई नही था। और मेरे पिताजी जो आधा किलोमीटर भी चल नही सकते उन्होंने पूरा पहाड़ आसानी से उतर लिया। कोई माने ना माने मुझे तो ये मां कालिका की ही कृपा लगती है। Bhagwan ka Chamatkar in Hindi

Kashtbhanjandev Sarangpur Hanumanji Chamatkar in Hindi

पावागढ़ के बाद हम सारंगपुर कष्टभंजन हनुमान दादा (Sarangpur Kashtbhanjan Hanuman Mandir) के दर्शन के लिए निकले, हम वहा रात के 2 बजे पहुंचे और सुबह पहले वाले दर्शन किए और पूरा दिन सारंगपुर में रुके। फिर दिन में 3 बजे हम सोमनाथ दर्शन के लिए निकले।

हम पूरा भ्रमण गूगल मैप के जरिए कर रहे थे और हम जूनागढ़ हाईवे छोड़कर गिर जंगल वाले रास्ते की तरफ चले गए, जो कम समय में पहुंचने वाला है।

आगे चलने पर एक बुलेट सवार व्यक्ति (जिसमे एक अलग ही तेज – मानो हनुमान दादा हो) वैसा हमारे पीछे चलने लग गया। Bhagwan ka Chamatkar in Hindi

धीरे धीरे जंगल का इलाका शुरू हुआ और फोन का नेटवर्क भी चला गया। हम आगे पहुंचे तो रास्ता भी 6 बजे को बंद कर दिया गया था क्योंकि जंगली इलाका आता था।

हम गाड़ी में 5 लोग थे मेरे मम्मी पापा और मेरे भाई बहन, सब थोड़े डरे हुए थे। क्योंकि न कोई गांव, न फोन में नेटवर्क, रास्ते के दोनो तरफ घना जंगल। इतने में वह व्यक्ति बुलेट लेकर और एक कार जिसमें 3 तीन पुरुष व 1 महिला सवार थी। वे पास से एक रास्ता जा रहा था वहा मुड़े, उनके पीछे-पीछे हम भी सब कुछ ईश्वर पे छोड़कर चल दिए।

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आगे जाकर एक चाय की दुकान पर वे रुके जहा उन्हे देख हम भी रुक गए। हमे पीछा करते देख उनके एक व्यक्ति ने हमसे पूछा “कहा जाना है आपको” हमने कहा सोमनाथ (Somnath) जाना है इसे इत्तफाक कहे या ईश्वर का चमत्कार उन्हे भी वेरावल (सोमनाथ के पास) ही जाना था।

चमत्कार ये था की वे वहा के ही रहने वाले थे लेकिन वे हाईवे छोड़कर इस रास्ते से क्यों आए। फिर हम उनके पीछे-पीछे चलते गए और वेरावल से 40 km हाईवे पहुंच गए। उन्होंने हमसे कहा कि “ये सीधा सोमनाथ का रास्ता है और रात को कभी ऐसे अकेले जंगली इलाके से मत निकलना।” Mahadev ka Chamatkar in Hindi

तभी वह बुलेट वाले व्यक्ति हमारे पीछे से चलते हुए आए और उस परिवार की कार में बैठ गए। हम भी ठीक है बोल कर यह सोच रहे थे की इन्हें भी वेरावल ही जाना है तो इनके पीछे-पीछे चलते है, थोड़ा आगे जाते ही वो कार मानो पलक झपकाते ही कहा गायब हो गयी पता ही नहीं चला।

हम ईश्वर का धन्यवाद करते हुए सोमनाथ पहुंचे और सुबह सोमवार के दिन भोलेनाथ के दर्शन किए। मेरा तो यह मानना है की वो कार वाला मेरे महादेव का परिवार और बुलेट वाले साक्षात हनुमान दादा थे।


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