दुश्मन खुद धराशायी हो गए – हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना

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Pawanputra ka Chamatkar in Hindi

दुश्मन खुद धराशायी हो गए – हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना

मेरा नाम विवेक रस्तोगी है, मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ और एक सरकारी बैंक में जॉब करता हूँ। मैं एक सामान्य परिवार से हूँ, मेरे माता-पिता ने मुझे सदैव आध्यात्मिक बनने और ईश्वर पर हर हाल में विश्वास रखने पर ज़ोर दिया – जो आज मेरी ताक़त है। Pawanputra ka Chamatkar in Hindi

मैं आपका चैनल पिछले 8 महिनों से लगातार फॉलो कर रहा हूं और आज मैं आपसे मेरे आराध्य हनुमान जी द्वारा किये गए एक चमत्कार के बारे में बात करना चाहता हूँ।

मैं बचपन से ही बहुत ही सीधा और सरल स्वभाव का हूँ और लड़ाई/झगड़े/बहस से दूर रहने की आदत है – मेरी इस कमज़ोरी का, घर और बाहर, लोगों ने खूब फायदा उठाया और मैंने तरह-तरह की परेशानियों का सामना किया और ये जानिए की बस मैं किसी तरह बचता गया और आगे बढ़ता रहा। ईश्वर पर मेरा विश्वास बचपन से अटूट था।

साल 2013 में मेरा सिलेक्शन एक सरकारी बैंक में हुआ और पहली पोस्टिंग घर से काफी दूर पर हुई, मेरे सीनियर मुझे बहुत परेशान करते थे और रोज़ कस्टमर्स के सामने बिना बात के बेइज़्ज़त भी करते थे। हाल ये था कि इतना काम लाद दिया जाता था कि मैं दोपहर का खाना भी न खा पाता और मैं किसी कैदी की तरह बस अपने दिन गिनता था।

पर धीरे-धीरे मेरे सहन करने की ताकत जवाब दे चुकी थी और मैं बहुत परेशान और उदास रहने लगा था और कम खाने के कारण बहुत कमजोर भी। मेरे सीनियर को जैसे मुझे यूं परेशान देखकर बड़ी खुशी, आत्मसंतुष्टि मिलती थी।

मेरी बचपन में हनुमान चालीसा पढ़ने की आदत थी, पर बीच में यह छूट गयी थी। पता नहीं कहाँ से मन में ये प्रेरणा हुई कि मैं रोज़ सोने से पहले 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करूँ।

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मेरे पाठ के कुछ ही दिन हुए थे कि मुझे खुद में पॉजिटिव बदलाव महसूस होने लगा और धीरे-धीरे मेरे सारे विरोधी खुद ही धराशायी होने लगे और मेरे सीनियर का व्यावहार भी आश्चर्य जनक रूप से काफी बदल गया, हालांकि अब वे हर जगह बेइज़्ज़त होने लगे और जाते-जाते उन्होंने काफी मान सम्मान और आर्थिक नुकसान उठाया।

समय बीतता गया और आज मैं हर तरह से खुद को संभाल पाता हूं – परेशानियां आज भी हैं, पर अब मेरे प्रभु हनुमान जी भी मेरे साथ हैं। बताने को और भी बहुत कुछ है जयेश भाई, पर जगह कम पड़ जाएगी मेरे बजरंगबली की कृपा का बखान करने के लिए।

एक बात और कहना चाहता हूं, इसे मेरा विश्वास कहें या संयोग, शुरू से ही मैं अब तक जहाँ भी रहा हूं – मेरे अगल बगल या तो हुनमान जी का मंदिर होता है या साथ में कोई हनुमान भक्त मिल जाता है। यह बात मैंने बहुत बाद मे नोटिस की।

मैंने जब अपने साथ हुए चमत्कार अपनी माँ को बताए तो उन्होंने भी एक बात बताई जो मुझे अब तक नहीं पता थीं – जन्म के चालीस दिन बाद मुझे जब पहली बार मंदिर ले जाया गया तो वह भी हनुमान जी का मंदिर ही था, जबकि हमारे यहां कुलदेवता भगवान श्रीकृष्ण जी हैं। Pawanputra ka Chamatkar in Hindi

हनुमान जी हर वक़्त मेरे आस पास रहे, मैंने ही नही पहचाना। जयेश भाई, बस ये जानिए मेरी ज़िंदगी हनुमान जी के सहारे ही चल रही है। हनुमान जी ने हमेशा मुझे माता-पिता की तरह प्यार दिया है – उनकी शक्ति अद्भुत और अकल्पनीय है।


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