जब आप मेरे साथ हो तो मुझे कोई संकट नहीं हरा सकता

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Hanumanbhakt ki Sacchi Kahani in Hindi

Hanumanbhakt ki Sacchi Kahani in Hindi

जब आप मेरे साथ हो तो मुझे कोई संकट नहीं हरा सकता – हनुमान जी का अद्भुत चमत्कार

मेरा नाम शिवचरण सेन है, मेरी उम्र 21 साल है और मैं M.P के श्योपुर डिस्ट्रिक्ट का रहनेवाला हूँ, मैं बचपन से ही हनुमान जी की भक्ति करते आ रहा हूँ और आज मैं सभी हनुमान भक्तों से अपना अनुभव शेयर करना चाहता हूँ, Hanumanbhakt ki Sacchi Kahani in Hindi

सबसे पहले जयेश भाई आपको बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ जो आपने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से हनुमान जी के सभी परम भक्तों के अनुभव शेयर किये, इससे मुझे भी आपकी वजह से बहुत प्रेरणा मिली है और मैं आपका चैनल जनवरी 2021 से देख रहा हूँ,

बचपन में जब मैं 6th क्लास में था तब से हनुमान जी के मंदिर जाता हूँ, बचपन से ही प्रभु की कृपा मुझपर रही है, पहले मैं हनुमान जी की भक्ति इतनी गहराई से नहीं करता था, लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया सब कुछ बदलता गया,

2017 से मैं कोटा राजस्थान में एक हॉस्टल में जॉब करता हूँ और वहाँ भी मैं हनुमान जी के मंदिर जाता हूँ और अब मैं जो बताने जा रहा हूँ वो मेरे जीवन में घटित हुई हनुमान जी की कृपा से जुडी सच्ची घटना है,

ये बात दिसम्बर 2019 की है, उस वक़्त मेरी मम्मी के पैर में बहुत दर्द होता था और मम्मी ठीक से चल नहीं पाती थी, हमने काफी अच्छे डॉक्टरों को दिखाया लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ रहा था,

फिर हनुमान जी की कृपा से हमें एक अच्छा होस्पिटल मिला हम वहां के डॉक्टर को मिले, मम्मी के रिपोर्ट्स देखते ही उन्होंने जो बात कही उसे सुनकर हमारे पैरों तले ज़मीन खिसक गयी, डॉक्टर ने कहा आपकी मम्मी अब चल नहीं सकती उनकी नस ब्लॉक हो चुकी है,  Hanumanbhakt ki Sacchi Kahani in Hindi

और उस वक़्त मेरे साथ मेरे पापा, मामा और मेरा जिगरी दोस्त जो हर समय मेरे साथ रहता है वो मेरे साथ थे, हमने डॉक्टर से रिक्वेस्ट की कि कोई उपाय बताओ मम्मी को ठीक करने का, नहीं तो उनकी पूरी जिंदगी बेकार हो जायेगी,

फिर इतना कहने पर डॉक्टर ने कहा उपाय है लेकिन बहुत कठिन है इनके पैर का ऑपरेशन करना होगा, लेकिन फिर भी कोई गारंटी नहीं कि ये फिर से चल सके और ऑपरेशन का खर्चा भी बहुत होगा,

Hanumanji

मैंने मेरे बजरंगबलि से प्रार्थना की, ‘हे प्रभु रास्ता दिखाओ और कुछ ऐसा करो कि नामुमकिन मुमकिन हो जाये’, फिर मेरे मामाजी और मेरे दोस्त ने डॉक्टर से कहा आप वो चिंता छोड़ो जो होगा देखा जायेगा, आप ऑपरेशन करने की तैयारी करो हम सब अरेंजमेंट कर लेंगे, डॉक्टर को भी हमारी आर्थिक स्थिति पता थी उन्होंने भी कहा की वो भी पूरी कोशिश करेंगे कि खर्चा कम आये,

 डॉक्टर ने कहा की आपकी मम्मी का आपरेशन 20th दिसम्बर 2019 शुक्रवार को सुबह 10 बजे करेंगे, हमने मम्मी को 10 बजे ऑपरेशन के लिए तैयार किया, लेकिन उस दिन मम्मी का BP 210 हाई हो गया था, तो उस दिन डॉक्टर ने ऑपरेशन करने के लिए मना कर दिया और कहा की आज इनका BP नार्मल करेंगे और कल यानी शनिवार को इनका ऑपरेशन करेंगे, Hanumanbhakt ki Sacchi Kahani in Hindi

 दूसरे दिन शनिवार आया, तब जाके मुझे समझ आया कि ऑपरेशन शुक्रवार को क्यों नहीं हुआ, क्योंकि मेरे बजरंगबली को वो मंजूर नहीं था, फिर 21st दिसम्बर 2019 शनिवार को सुबह 10 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ और ऑपरेशन के समय मेरा पूरा परिवार मेरे साथ था,

मैं मेरे मामा जी से बोलकर आया की मैं होस्टल जा रहा हूँ और वहाँ से मन्दिर जाउँगा, मैं हॉस्टल आकर स्नान कर रहा था और उसी वक़्त भैया का कॉल आया की मम्मी का ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा और तू जल्दी से हॉस्पिटल आजा, मम्मी ICU में है होश आने में टाइम लगेगा, मैंने भैया से कहा मैं आ रहा हूँ,

लेकिन यहाँ आपको मैं एक बात बताना भूल गया की मैं हर मंगलवार और शनिवार को कोटा के राजीव गांधी नगर स्थित रामदास हनुमान मंदिर है वहाँ दर्शन करने जाता हूँ, उस दिन भी मैं मंदिर गया, मंदिर के अंदर जाने से पहले वहाँ मंदिर के पंडित मुझे मिले और उन्होंने मुझसे एक बात कही की, क्या आप रोज आते हो?

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तो मैंने कहा नहीं मैं हर मंगलवार और शनिवार को आता हूँ, तो उन्होंने कहा अच्छी बात है, क्या आप बजरंगबली का एक काम करोगे? मैंने कहा जी बोलिये, तो उन्होंने कहा कि बजरंगबली के मंदिर में पर्दा नहीं है, क्या वो ला सकते हो? अगर आप नहीं ला सकते तो आपके दोस्तों से बोल देना मिलकर पर्दा लगा देना,

मैंने कहा पंडित जी आप मुझे पैसे बता दो कि पर्दा कितने का आएगा, उन्होंने पैसे बता दिए और मैंने तुरंत उनको उसी वक़्त मम्मी के ऑपरेशन के जो पैसे पास रखे थे उसी मे से दे दिए,

तब जाके मुझे पता चला की मेरे बजरंगबलि मेरी परीक्षा ले रहे थे, मैंने हनुमान जी से प्रार्थना की कि, “हे प्रभु, जब तक आप मेरे साथ हो मुझे किसी समस्या का डर नहीं है, आपका आशीर्वाद सदैव मेरे साथ बनाए रखना और उसके बाद मैं हॉस्पिटल गया, Hanumanbhakt ki Sacchi Kahani in Hindi

मम्मी को शाम के 5 बजे होश आया और मम्मी बिलकुल ठीक हो गयी और कुछ ही दिनों में मम्मी ठीक से चलने लगी, आज मम्मी के ऑपरेशन को 21 महीने हो गए है और प्रभु की कृपा से मम्मी बिलकुल ठीक है,

अब मैं हर रोज उसी मंदिर जाता हूं और रोज हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, बजरंग बाण, श्री राम की वंदना, रामजी की स्तुति, हनुमान जी की आरती और उनके 12 नाम का जाप करने के बाद उनसे प्रार्थना करता हूँ की,

“जो कुछ आपने मुझे अभी दिया उसके लिए आपको बहुत धन्यवाद और जाने अनजाने में कोई भूल हो जाये तो क्षमा चाहता हूँ, मेरा सपना पूरा करना, मुझे सच्चाई के रास्ते पर चलने की शक्ति देना और मैं सबके काम आ सकूँ ऐसा आदमी बनाना,”

और मैं आप सभी परम भक्तों से यही कहना चाहता हूँ की भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, बजरंगबली की भक्ति सच्चे मन से करते रहो, प्रभु आपको कभी परेशान नहीं होने देंगे.


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