Hanumanji ki Real Katha in Hindi
मेरी पूरी जिंदगी पलट गयी – हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना
मेरा नाम अनिश देवबंसी है, मेरी उम्र 36 साल है और मैं नवी मुंबई का रहनेवाला हूँ, सबसे पहले जयेश भाई आपको धन्यवाद, सच कहूँ तो आप एक बहुत अच्छा कार्य कर रहे है, आप हमारे सनातन धर्म के बारे में सही मायने में प्रचार कर रहे है और उससे अच्छी बात ये की आप लोगो को उनका ही अनुभव बताकर समझाते है, Hanumanji ki Real Katha in Hindi
हर इंसान कुछ न कुछ काम में बिजी है और ऐसे समय में लोगो में भक्ति का ज्ञान बांटकर आप जीवन में बहुत पुण्य का कार्य कर रहे है, भगवान आपको आपके सभी कार्य में सफलता दे,
जयेश भाई वैसे तो मेरा विश्वास सभी देवी देवताओं में है, पर गणेश जी और हनुमान जी पे बहुत ज्यादा है, मैं बचपन से ही काफी धार्मिक हूँ, पर कभी भी पूरी तरह से भक्ति नहीं की, सिर्फ जरुरत पड़ने पर मंदिर जाता और फिर बाकी समय दूसरे कामों में रहता, पर ये गलत था इसका एहसास मैंने बहुत देर बाद समझा,
ये जीवन किसी के लिए आसान नहीं है, पर अगर सही तरह से जीवन के मायने समझे तो हम जीवन को आसान बना सकते है, मेरे जीवन में भी बहुत कठिनाइयां आई, बहुत उतार-चढ़ाव आये पर भगवान पे भरोसा नहीं टुटा,
आप हसेंगे पर प्रोब्लेम्स में जब अपना कोई साथ नहीं होता तो हम भगवान को ही अपना सब कुछ मान लेते है, इसलिए भगवान गणेश को मैं अपना पिता मानता हूँ और माता रिद्धि-सिद्धि को अपनी माँ, हम कई बार अकेले में अपने आप से बातें करते है, क्योंकि कई बार कुछ प्रोब्लेम्स आप अपने अपनों से भी नहीं शेयर कर सकते, उस समय मेरे गणेश जी ने मुझे बहुत संभाला, Hanumanji ki Real Katha in Hindi
साल 2009 से 2016 में मेरी लाइफ में कुछ भी सही नहीं था पर गणेश जी की वजह से सब धीरे-धीरे ठीक होने लगा, मुझे कई बार ऐसा एहसास होता कि भगवान गणेश जी ने ही मुझे हनुमान जी की भक्ति करने के लिए प्रेरणा दी, क्योंकि वो इस युग के सबसे जाग्रत देवता है,
और ऐसे में पिछले 2 सालों से मैं आपका चैनल फॉलो कर रहा हूँ, आपके सभी वीडियोस देखता हूँ और मैं अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करता हूँ, ताकि उनका भी विश्वास बने और सही और गलत के बारे में समझें, वैसे मेरे पास आपसे शेयर करने के लिए बहुत अनुभव है, पर एक ऐसा अनुभव शेयर करना चाहता हूँ जो मेरे साथ मेरे परिवार वालो ने भी एक्सपीरियंस किया था,
ये बात दिसम्बर 2020 की है जब कोरोना रेस्ट्रिक्शन में थोड़ी ढील दी गयी थी, तब हमारी फॅमिली ने डिसाइड किया कि हमें देव दर्शन के लिए जाना चाहिए, हमने एक वीक का प्लान बनाया और हम गुजरात के लिए निकल गए,
सबसे पहले हमने श्री कष्टभंजन हनुमान जी के दर्शन किये और फिर उसके बाद पालिताना और देवी माँ, सोमनाथ, और जलाराम बापा ये सब पावन मंदिर के दर्शन किये,
जब हम दूसरे दिन पालिताना से निकल कर देवी माँ के दर्शन करने जा रहे थे तो हमने गूगल मैप का सहारा लिया, कुछ दूर तक तो गूगल मैप ने सही अपडेट दिए फिर अचानक से वो ऐसे रास्ते पे ले गया जो एक घने जंगल की तरफ जा रहा था, उस समय दोपहर के 12 बजे थे, हम पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़ रहे थे,
अचानक हम एक ऐसे जगह आ पहुंचे जहाँ दूर-दूर तक कोई रास्ता नहीं था और चारों तरफ घना जंगल था, हम एर्टिगा कार लेकर गए थे, जिसमे मैं, मेरी वाइफ, हमारे दो बच्चे और मम्मी पापा थे,
उस जगह पर पहुंचने के लिए हमने एक लगभग 50 डिग्री एंगल का चढ़ाई वाला कच्चा रास्ता क्रॉस किया था, अब जैसे वहां पहुंचे हमारा सबका कॉन्फिडेंस अचानक खत्म हो गया,
हमें समझ नहीं आ रहा था की अब क्या होगा, गाडी में बैठे बच्चे रोने लगे, तो डर और बढ़ गया था, मेरी वाइफ और मम्मी भी उदास हो गयी क्योंकि हम मदद किस्से मांगे, कोई भी नहीं था वहाँ और हमारे सभी के मोबाइल के नेटवर्क नहीं थे,
मैं मन ही मन ये सोच रहा था की ये एर्टिगा कार चढाई वाले रास्ते से उतर तो गयी पर फिर रिटर्न कैसे चढ़ेगी, क्योंकि 50 डिग्री एंगल का स्लोप और वो भी कच्चा मिट्टी का रास्ता और गाडी में पूरा लोड ऐसे में वो गाडी का चढ़ना मुझे बहुत मुश्किल लगा, Hanumanji ki Real Katha in Hindi
मेरे मन में अलग-अलग विचार आ रहे थे, हम करीब 20 मिनट वहाँ पे थे, कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, मेरे पापा गाडी से उतरकर थोड़ा आगे चलकर गए कोई रास्ता या मदद की उम्मीद लेकर पर कुछ नहीं मिला,
अब हमारे पास वापस जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था, पर मुझे डर था कि वापस ऊँची चढान पर गाडी लेने से गाडी को डैमेज हो गया तो हम वही फ़स जायँगे, इस ख्याल ने मेरे कॉन्फिडेंस को कम कर दिया था और मेरे बिना कोई गाडी ड्राइव नहीं कर सकता था, मैं क्या करूं मुझे समझ ही नहीं आ रहा था और मेरी आँखों में आंसू आ गए,
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फिर कुछ ही मिनट में मैंने हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया, जिससे मुझे हौसला मिला और मैंने कार को ड्राइव करना शुरू कर दिया, जयेश भाई ये वो घटना है जो मैं और मेरा परिवार कभी नहीं भूलेगा,
आप विश्वास नहीं करेंगे कि उस कच्चे रास्ते पर एर्टिगा जैसी बड़ी गाड़ी चलाना बहुत ही मुश्किल था, जैसे ही मैंने उस ढलान पर गाडी को चलाना स्टार्ट किया, बस उसी क्षण मुझे ऐसा एहसास हुआ की कोई पीछे से गाडी को धक्का मार रहा है और गाडी को कही पे भी नुकसान हुए बिना एक ही एटेम्पट में वो रास्ता पार कर गयी,
उस समय मैं सिर्फ हनुमान चालीसा का पाठ कर रहा था, भला इतने आसानी से ये पॉसिबल कैसे हुआ, ये तो सिर्फ मेरे बजरंगबलि ही जानते है और जैसे ही हम आगे गए मैंन रोड पर पहुंचे, हम सब इतने खुश थे कि क्या बताऊं,
जयेश भाई सच में वो एक ऐसा रास्ता था की कोई बड़ी कार को उसे पार करना आसान नहीं था और ये एरटिगा थी जो ऑफरोड के लिए ज़रा भी केपेबल नहीं है, सच बोल रहा हूँ जयेश भाई मैंने लिटरली वो महसूस किया कि मेरी कार को किसीने पीछे से धक्का दिया हो और फिर हमने ख़ुशी-ख़ुशी आगे का सफर तय किया और सभी भगवान के दर्शन करके हम घर वापस आये,
जयेश भाई आखिर में एक बात जरूर कहूंगा, जो आप भी मानते है की हम हनुमान जी से बहुत कुछ सीख सकते है, जबसे मैंने प्रभु की भक्ति शुरू की है तबसे मेरी लाइफ चेंज हो गयी है, मुझे नॉन-वेज खाना पसंद था, कुछ और भी गन्दी आदतें थी, कई बार कुछ गन्दे विचार भी आते, पर अब प्रभु की भक्ति से मेरी सारी बुरी आदतें छूट गयी है, अब मुझे सही गलत के मायने समझ आते है, Hanumanji ki Real Katha in Hindi
मेरा नॉन-वेज आसानी से छूट गया और अब मैं सबका भला चाहता हूँ, सबकी ख़ुशी के लिए प्रभु से प्रार्थना करता हूँ, बुरे विचार आने बंद हो गए और ये सब भक्ति की शक्ति से हुआ है,
मैं हर मंगलवार को गणेश जी और हनुमान जी के दर्शन करने जाता हूँ और हर रोज सोने से पहले गणपति स्त्रोत, श्री राम स्तुति, हनुमान चालीसा और हनुमान अष्टक का पाठ करता हूँ, प्रभु ने जीवन के हर कदम पर मेरा साथ दिया है, समाज के लिए अच्छा करो अच्छी सोच रखो आपको ये दुनिया अच्छी लगेगी, थैंक यू जयेश भाई आपका जितना भी धन्यवाद करूं उतना कम है,
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I Love You Jayesh bhai. Bhagwaan ki aap par badi kripaa hai or aap is kripaa ko hum sab me baant rahe hain ye aap ka bada karam hai hum sab par. Bahut bahut bahut bahut bahut bahut dhnyavaad aap ka. Eshwar aap ko lambi jindagi or us jindagi me khushiyan he khushiyan de.
– shashiarvindsemwal@gmail.com