Hamare Bajrangbali ki Kripa in Hindi
बुरी शक्ति आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती – हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना
मेरा नाम रोशन लाल है और मैं राजस्थान के एक छोटे से गांव का रहनेवाला हूँ, जयेश भाई सबसे पहले आपको धन्यवाद करना चाहता हूँ जो आपने पिछले महीने मेरा पहला अनुभव शेयर किया था आज मैं आपसे मेरे साथ घटित हुआ हनुमान जी के चमत्कार से जुड़ा एक और अनुभव शेयर करना चाहता हूँ जिससे प्रभु पर मेरा विश्वास और बढ़ गया, Hamare Bajrangbali ki Kripa in Hindi
जयेश भाई वैसे तो बजरंगबली अपने भक्तों के हर एक दुःख को दूर करते है, लेकिन कभी-कभी मेरे बजरंगबली ऐसे चमत्कार कर दिखाते है की उनका जितना गुण गान किया जाए उतना कम है,
बात 2015 की है मैं JEE के लिए कोचिंग ले रहा था और आपको तो पता ही है की इस घोर कलयुग में कोई किसी की ख़ुशी या तरक्की नहीं देख सकता, ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ, मैं हॉस्टल में एक सिंगल रूम में रहता था ताकि रूममेट्स से कोई डिस्टर्बेंस ना हो, Hamare Bajrangbali ki Kripa in Hindi
बजरंगबली का भक्त होने के कारण मुझे कभी किसी नेगेटिव एनर्जी का डर नहीं लगा, क्योंकि बजरंगबली की भक्ति तो बचपन से ही करता आया था मैं और मुझे लगभग एक साल हो चुका था मंगलवार का व्रत करते हुए,
जयेश भाई जब भी मैं सोता था, मुझे मेरे बेड पर लगभग 4-5 इंच लम्बे तिकोने कांच के टुकड़े मिलने लगे, पर मैंने उसे कभी सीरियस नहीं लिया, कभी-कभी तो मेरे होस्टलमैटेस मेरी बॉडी पर चिपके हुए गिलास के टुकड़े उतारते थे, पर फिर भी मुझे कभी इसका डर नहीं लगा कि मेरी बॉडी पर ये गिलास के टुकड़े कहा से आ रहे है,
एक दिन मेरे एक फ्रेंड ने कहा कि इन सबके बारे में अपने घरवालों से बात करो, परन्तु जब कभी भी मैं ये सोचता कि आज मम्मी को इन सबके बारे में बताऊंगा, पर जब कॉल करता तो मैं हमेशा मम्मी को ये सब बताना भूल जाता,
ऐसे 3-4 महीने निकल गए, मेरे पास अब तक बहुत से गिलास के टुकड़े इकठ्ठा हो चुके थे, क्योंकि जो भी गिलास के टुकड़े मुझे मिलते थे मैं उन्हें विंडो के पास रख देता था, फाइनली एक दिन मेरे फ्रेंड ने पास खड़े रहकर मुझे याद दिलवाकर मम्मी को ये सब बताने पर मजबूर किया,
जयेश भाई अब तक मेरे सर के पास विंडो की तरफ मैंने प्रभु की तस्वीर लगाई हुई थी जिसकी मैं रोज पूजा करता था, परन्तु अगले ही दिन सुबह मैंने सफाई करते हुए अपने बेड के लेफ्ट साइड की विंडो में तस्वीर रख दी थी और वही पूजा करने का डिसाइड किया था, Hamare Bajrangbali ki Kripa in Hindi
फिर एक दिन जब मैं सो रहा था तो मुझे ऐसा लगा की मैं सांस नहीं ले पा रहा हूँ, मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे ऊपर कोई बैठ गया हो और मैं हिल भी नहीं पा रहा था,
प्रभु की कृपा से मेरा एक फ्रेंड उसी समय रूम में आया तो मेरी हालत देख कर उसने मुझे नींद से जगाने की बहुत कोशिश की, परन्तु वो मुझे हिला भी नहीं पा रहा था, फिर अचानक से मेरा हाथ प्रभु की तस्वीर से लगा और मेरी आँखें खुल गयी, Hamare Bajrangbali ki Kripa in Hindi
उस वक़्त मेरी सांस फूली हुई थी, कुछ समझ ही नहीं आ रहा था की क्या हुआ और आज तो मेरी पूरी बॉडी पर गिलास के टुकड़े पड़े हुए थे, तब तक मेरी मम्मी का कॉल आ चूका था, उन्होंने किसी जनने वाले से पुछा तो उसने मम्मी को बताया कि किसी तंत्र विद्या के कारण ये सब हो रहा है,
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अगर मैं प्रभु के व्रत और पूजा ना कर रहा होता तो अब तक जिन्दा ना होता, वो गिलास के टुकड़े मुझे मारने के लिए भेजे हुए थे, ये सब सुनकर मैं ऊपर से नीचे तक हिल गया था, पर मैं खुश था कि प्रभु की कृपा से मुझे कुछ नहीं हुआ था,
मैंने उसी वक़्त प्रभु की तस्वीर को प्रणाम किया और तबसे मैं हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करने लगा और फिर ये सब होना बंद हो गया, जयेश भाई 2015 के बाद आज तक मुझ पर किसी भी तंत्र विद्या का कोई असर नहीं हुआ, प्रभु की कृपा से मैं एक हेअल्थी इंसान हूँ, इसलिए कहते है न की, “भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे”, प्रभु की कृपा अपने हर भक्त पर बनी रहे,
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