हनुमान जी के सच्चे भक्त ये गलती ना करे – बजरंगबली का चमत्कार

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Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

हनुमान जी के सच्चे भक्त ये गलती ना करे – बजरंगबली के चमत्कार की सच्ची घटना

मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं गुजरात के जूनागढ़ सिटी की रहनेवाली हूँ, मैं प्रोफेशन से फैशन डिज़ाइनर हूँ और राजकोट सिटी में अपना काम करती हूँ, मैं एक आध्यात्मिक परिवार से हूँ, मेरे माता पिता स्वामीनारायण संप्रदाय को फॉलो करते है, Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

मुझे पहले इन सब में इतना इंटरेस्ट नहीं था बस इतना मानती थी की भगवान है, लेकिन मंदिर में ही मिलते है ऐसा नहीं मानती थी, अंधभक्त नहीं थी, जब देखू तो मानो ऐसा था, हाँ उत्सुकता थी सभी देवी देवता और धर्म के बारे में कि आखिर ये सब है क्या, लेकिन कोई अंध श्रद्धा नहीं थी,

मैं सिर्फ जवाब ढूंढती थी हर बात में कि ऐसा क्यों? उपवास क्यों? भगवान सब जगह है तो मंदिर क्यों? ऐसे बहुत सारे सवाल थे मेरे मन में, मानना तो चाहती थी भगवान में लेकिन कुछ चाहिए था भगवान के अस्तित्व का सबूत, क्योंकि भगवान और विज्ञान के बीच तय नहीं कर पा रही थी, क्योंकि में आज के जमाने की लड़की हूँ, इसलिए अंधश्रद्धा और भूत-प्रेत इन सब चीज़ों में विश्वास नहीं करती थी,

फिर वो समय आया जिससे मुझे मेरे कई सवालों के जवाब मिल गए, मेरी भाभी को भूत-प्रेत का साया था और मैं इस भूत-प्रेत को नहीं मानती थी, तब मेरी मम्मी को अचानक सारंगपुर हनुमानजी का ख्याल आया, फिर हम भाभी को वहा पर लेकर गए, मैं अपनी लाइफ में पहली बार ये सब देख रही थी, ऐसा सब मैंने पहले मूवीज में देखा था, भाभी के शरीर में बहुत ही पीड़ा हो रही थी, सारंगपुर पहुंचते-पहुंचते वो कंट्रोल के बाहर हो रही थी,

मैंने ये सब अपनी आँखों से देखा की कैसे वो भूत-प्रेत का साया कंट्रोल में आ रहा था, मंदिर में पूजा स्थान पर बैठते ही हनुमानजी का पवित्र जल भाभी के ऊपर छिड़कते ही वो बिलकुल नार्मल हो गयी जैसे कुछ हुआ ही नहीं और ये सब देखकर मैं सोच में पड़ गयी कि क्या था ये, मतलब क्या सच में हुआ है?

भाभी के अंदर जो साया था वो कभी-कभी जब हम हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे होते थे तब आकर जोर-जोर से रोने और चिल्लाने लगता था की वो मुझे मार रहे है, गदा से मार रहे है, हनुमान चालीसा का पाठ ना करो, वो मुझे मार डालेंगे, ऐसा जोर-जोर से बोलने लगता था वो साया और फिर चला जाता, सारंगपुर हनुमानजी का जल उसके ऊपर छिड़कते ही वो साया जैसे की गायब ही हो गया, Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

तब से हनुमानजी के प्रति मेरा इंटरेस्ट बढ़ा, मैं उन्हें जानना चाहती थी, आस्था का पता नहीं लेकिन उनके बारे में सोचना और सुनना शुरू कर दिया, उनके बारे में यूट्यूब पर वीडियोस देखने लगी, बिना किसी इच्छा और मनोकामना के ही हनुमान चालीसा पढ़ना और सुनना शुरू कर दिया,

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जो पूजा-पाठ मेरी भाभी को दिए थे वो पूजा-पाठ मुझे कुछ भी नहीं था फिर भी करने लगी, कोई ख्वाइश पूरी करने के लिए नहीं, लेकिन ऐसे ही सुनके मैं बहुत पॉजिटिव फील करती थी, सोचती कि क्या जादू है हनुमानजी के उस अभिषेक किये हुए जल में कितनी ताकत है उसमे, तो स्वयं हनुमानजी में कितनी ताकत होगी?

मैं यूट्यूब पर सारंगपुर हनुमानजी की कथा सुनने लगी, तब जयेश भाई मुझे आपकी वीडियोस भी दिखी तो आपके हनुमानजी वाले वीडियोस देखने लगी, कोई नियम नहीं था पूजा पाठ करने का, जब मन होता तो कर लेती थी, जब मन होता तो हनुमान चालीसा सुनती रहती और कभी एक बार भी ना पढ़ती, या कभी काम करते वक़्त रिपीट मोड पर हनुमान चालीसा लगाकर सुनती रहती थी,

अभी चमत्कार ही देखा था लेकिन चमत्कार देखकर नमस्कार करनेवाली नहीं थी मैं, जो आस्था होनी चाहिए वो अभी तक नहीं आयी थी मुझमें, अभी तक सोच में ही थी की ये क्या है? कैसे है? क्यों है? फिर बाद में भाभी रिकवर होने लगी तो मुझे अंदर से हुआ की नहीं कुछ तो है, Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

फिर पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने हनुमानजी के लिए वाघा यानी वस्त्र डिज़ाइन करने के बारे में सोच लिया, प्रोफेशन से तो मैं फैशन डिज़ाइनर थी ही लेकिन ये मैंने अपने हाथों से वाघा यानी प्रभु के वस्त्र खुद डिज़ाइन किये और बनाये और एक वाघा बनाकर सारंगपुर मंदिर में दिया,

प्रभु के लिए मेरे द्वारा बनाया गया वाघा वहा मंदिर के संतो को बहुत पसंद आया और उन्होंने आर्डर देना शुरू कर दिया, तबसे आज तक वहा की इन्क्वायरी आ रही है और मैं बना रही हूँ, कभी-कभी वहा की इनकम होती है उसमे से थोडा सा हिस्सा निकाल कर दादा की सेवा में वाघा अपनी तरफ से भेट करती हूँ और ये सिलसिला चलता गया और मुझे प्रभु की कृपा से बहुत सारा काम आने लगा,

उसके बाद भी छोटे-मोटे बहुत सारे अनुभव हुए मुझे जो एहसास दिला रहे थे कि हनुमानजी सच में है और हमारी प्रार्थना सुन रहे है, तबसे मेरी आस्था प्रभु के प्रति बढ़ती गयी, सब लोग मुझे कहते थे की तुम बहुत भाग्यशाली हो जो तुम्हे दादा के लिए वाघा बनाने का अवसर मिला, Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

तब मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती थी कि क्या सच में जो काम मुझे आसानी से मिला था उस काम को लोग भाग्य समझते है और मुझे बिना कुछ किये ही ये भाग्य मिला जब पूरी तरह से मैंने हनुमानजी को मानना शुरू भी नहीं किया था, तब मैं समझ गयी कि दादा की कृपा मुझपर है,

फिर एक बार गलती कर दी मैंने, मैं किसी से प्यार करती थी, हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे, मैं बहुत डरती थी उसे खोने से, जब-जब मेरी उससे लड़ाई होती थी तब मैं हनुमानजी से प्रार्थना करने चली जाती थी बालाजी हनुमान मंदिर पर और वे सब कुछ ठीक कर देते थे बिना विलम्भ किये एक ही दिन में,

बिना खाना खाए मंदिर में उनके सामने सुबह से बैठी रहती और हनुमान चालीसा का पाठ करती जाती और शाम तक खुद ब खुद मुझे मेरी समस्या का निवारण मिल भी जाता था, हर बार प्रभु ने हमें वापस मिलाया है,

एक बार फिर से बहुत बड़ी लड़ाई हो गयी ट्रस्ट इशू की वजह से और लड़ाई में उसे खोने के डर से मैंने हनुमानजी की झूठी कसम का ली, फिर क्या, भगवान से ज्यादा जगह हम किसी को नहीं दे सकते ये बता दिया हनुमानजी ने मुझे,

हनुमानजी की कसम खाने के बाद वो भी मुझसे कहने लगा की तुम भक्ति का नाटक कर रही हो, ये सब शनिवार व्रत उपवास करती हो, ये सब ढोंग है, वाघा बना रही हो, ये सब कुछ दिखावा है तुम्हारा, तुम सच में हनुमानजी की भक्त नहीं हो सकती, ये सुनकर मुझे बहुत ज्यादा दुःख हुआ था की मेरी सच्ची भक्ति को जूठी बतायी जा रही थी,

फिर घर जाके हनुमानजी की मूर्ति के सामने बैठ के बहुत रोई, बहुत माफ़ी मांगी, रोज मंदिर जाकर माफ़ी मांगती, मैंने मेरे प्यार को खोने से डर से झूठी कसम खा ली जो प्रभु का ही दिया हुआ था,

फिर मेरा भरोसा टूटने लगा हनुमानजी से, क्योंकि मुझे ऐसा लगा की अब हनुमानजी मुझसे नाराज़ और कुपित हो गए होंगे और अब मेरी कोई बात नहीं सुनेंगे और अब मैं अकेली पड़ जाउंगी जो हनुमानजी ने मेरा साथ छोड़ दिया तो,

इस बात को लेकर मैं रात को सो भी नहीं पाती थी की मैंने हनुमानजी की झूठी सौगंध खायी थी, बस एक ही विचार आता की हनुमानजी मुझसे नाराज होंगे वो अब मेरा साथ छोड़ देंगे, मेरे प्यार से मेरा झगड़ा होने के बाद उसने मुझे बुलाना छोड़ दिया था और बाद में लगा कि हनुमानजी भी मुझे छोड़ देंगे, ये बात सोच सोचकर अकेली पड़ गयी थी की अब मेरा क्या होगा, मैंने ये क्या कर दिया, Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

उसके बाद जयेश भाई मुझे आपकी चैनल का ख्याल आया, मैंने आपकी वीडियोस देखना शुरू कर दिया कि कही ऐसा कोई वीडियो मिल जाये जिसमे हनुमानजी से किसीने माफ़ी मांगी हो और हनुमानजी ने उसे माफ़ कर दिया हो वो ढूंढने लगी, लेकिन कही नहीं मिला,

फिर मैंने जयेश भाई आपका इंस्टाग्राम का ID ढूंढ लिया और मैसेज किया आपसे बात करने के लिए और आपको ईमेल भी किया पर आपका रिप्लाई नहीं आया, मैं समझ सकती हूँ की आपको बहुत सारे मैसेजस और इमेल्स आते होंगे इसलिए नहीं देख पाये होंगे,

उसके बाद मैंने सारंगपुर के एक योगी महाराज है उनसे पुछा की मुझसे ये गलती हुई है, क्या करूँ अब हनुमानजी को मनाने के लिए, तो उन्होंने मुझे एक नारियल बालाजी मन्दिर में चढ़ा के माफी मांगने को कहा, मैंने वो तुरंत किया और मेरे बॉयफ्रेंड का मुझे कॉल आया और थोड़ी बात करने के बाद मुझे माफ़ कर दिया और मुझसे बोलने लगा,

यहाँ पर बात खत्म नहीं हुई, वो रात उसने बात की मुझसे और कहा की अपनी आखरी ख्वाइश मांग लो मुझसे, तुम क्या चाहती हो मुझसे, ये सुनकर मुझे थोड़ा अजीब लगा कि ऐसा क्यों बोल रहे है, बाद में बहुत प्यार से बात करके वो सो गया और मैं सुबह उठके मेरी फैमिली के साथ एक शादी में चली गयी,

मैंने उसे गुड मॉर्निंग का मैसेज किया तो कोई रिप्लाई नहीं आया, थोड़ी देर बाद वापस मैसेज किया तो उसके दोस्त ने आंसर दिया, मैंने उससे कहा की मुझे बात करनी है उससे, तो उसने बताया की वो हॉस्पिटल में है ICU में, बात करनी हो तो वहां चली जाओ और मैसेज ना करना अब इस नंबर पर,

ये सुनकर मेरे पैरो तले जमीन हिल गयी, थोड़ी देर तो कुछ सोच ही नहीं पायी, शादी में आई थी तो किसी को बता भी नहीं सकती थी पर मेरे मन में क्या चल रहा था वो सिर्फ मैं ही जानती थी, कुछ पता ही नहीं चल रहा था कि क्या करूं,

हनुमानजी से तो विश्वास टूट गया था जैसे झूठी कसम खाके गलती जो कर दी थी मैंने और अब जब मेरा प्यार मौत के मुख में था तो में हनुमानजी को याद कर रही थी, मैं अपने आप को स्वारथी समझ रही थी, मैंने फिर भी हनुमान चालीसा का पाठ करना जारी रखा और हनुमानजी को खुश करने के प्रयत्न कर रही थी,

फिर उसी दिन जयेश भाई मुझे आपने ईमेल से रिप्लाय किया और फिर इंस्टाग्राम पर मैंने आपको फिर से मैसेज किया और अपनी प्रॉब्लम बताई, तो आपने मुझे बहुत धीरज दी और बताया कि बजरंगबली कभी भी अपने सच्चे भक्त से नाराज नहीं होते, आपकी आस्था सच्ची है तो वे आपकी प्रार्थना जरूर सुनेंगे,

फिर जयेश भाई आपने मुझे 11 दिन हनुमान चालीसा पाठ करने का संकल्प लेने को कहा, जो की मैं आलरेडी 21 दिन का संकल्प ले चुकी थी, लेकिन इसके अलावा भी कुछ करना पड़े तो मैं वो सब करने को तैयार थी, मुझे हर हाल में मेरे प्यार को बचाना था, Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

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फिर जयेश भाई मैंने आपसे बजरंग बाण के बारे में पुछा, तब आपने मुझे बजरंग बाण पाठ के बारे में बताया की ये पाठ क्यों और कब करना चाहिए, आपने बताया की जब घोर संकट आये तब ये पाठ करने से संकट टल सकता है,

तो मैंने वो पाठ करने की सोची और यूट्यूब में बजरंग बाण का पाठ करने की विधि देखि तो विधि के अनुसार मैं मूर्ति के सामने बैठ करके नहीं कर सकती थी, क्योंकि मैं शादी में थी और शादी के खत्म होने का इंतज़ार भी नहीं कर सकती थी, तब तक तो बहुत देर हो जाती,

तो मैंने बजरंग बाण का पाठ मोबाइल में ही करना शुरू कर दिया और बजरंगबली से प्रार्थना करने लगी की मेरे प्यार को कुछ मत होने देना उसके प्राणों की रक्षा करे, मैंने प्रभु से ये भी कहा कि अभी मोबाइल से पाठ कर रही हूँ घर जाकर दिया जलाकर फिर से पाठ करुँगी, तब तक मैं ऐसे ही हनुमानजी और रामजी को याद कर रही थी और वाराम वार प्रभु से विनती करती कि कुछ नहीं होने देना उसे,

दूसरे दिन भी कोई रिप्लाई नहीं आया, मैं अपना विश्वास खोती जा रही थी, अगर विश्वास होता तो डर न लगता, लेकिन फिर भी भरोसा किये जा रही थी, थोड़ी देर मरने का ख्याल भी आता था, अगर उसे कुछ हो गया तो मैं खुद को खत्म कर दूंगी, Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

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लेकिन उसने मुझे वहा भी हनुमानजी की कसम दे दी थी की तुम कभी भी मरने का या सुसाइड के बारे में नहीं सोचोगी, मैं एक बार झूठी कसम खाकर पछता रही थी और दूसरी बार ये गलती नहीं करना चाहती थी, इसलिए ये ख्याल निकाल दिया दिमाग से,

मुझे अब बहुत जल्दी थी घर जाके मूर्ति के सामने बैठ कर बजरंग बाण का पाठ करने की और फाइनली दूसरे दिन शाम को हम घर पहुंच गए और नहाकर मैं हनुमानजी के सामने पूजा पाठ करने बैठ गयी, आरती, हनुमान चालीसा, ध्यान सब खत्म करके मैंने बजरंग बाण का हाथ में जल लेकर संकल्प लिया,

और जैसे ही जल को जमीन पर डाल कर पाठ शुरू किया की उसका मेसेज आया और मुझमे कुछ पोजिटिविटी सी आ गयी, लेकिन मैंने वो मैसेज जान बूझकर ओपन करके नहीं देखा, मैंने सोचा पहले पाठ कर लेती हूँ फिर देख लूंगी,

फिर मैंने 11 बार बजरंग बाण का पाठ किया और अपनी प्रार्थना खत्म करके मैसेज देखा तो वो ही था, उसने कहा कि मैं ठीक हूँ, मैंने उससे पुछा की क्या हुआ था तो उसने कहा की उसने मर जाने की दवा पी ली थी, लेकिन मेरे नसीब में जीना लिखा था इसलिए नहीं मर सका, Bajrang Baan ka Chamatkar in Hindi

और ये जानकार मैं दंग रह गयी कि प्रभु ने मर जाने की दवा पीने के बावजूद उसे जिन्दा रखा, उसके पूरे शरीर में दवा फ़ैल चुकी थी फिर भी वो जिन्दा रह गया, ये जानकार मैं मान गयी की ये असंभव कार्य को सम्भव करने वाले मेरे बजरंगबलि ही है और मैंने राहत की सांस ली कि हनुमानजी ने मुझे माफ़ कर दिया है और मेरे प्यार को बचा लिया है,

मैं अपने प्यार को भगवान की तरह मानती थी और उसके खोने के डर से मैंने हनुमानजी की झूठी कसम भी खा ली थी, मैंने कभी प्यार की झूठी कसम नहीं खायी थी और हनुमानजी की झूठी कसम खा ली, मैंने अपने प्यार को भगवान से भी ज्यादा मान लिया, लेकिन भगवान की जगह हम किसी को नहीं दे सकते ये बात समझा दी हनुमानजी ने,

आज मैं अपने प्यार को प्यार तो इतना ही करती हूँ लेकिन भगवान से ज्यादा नहीं, आज मैंने अपना अनुभव इसलिए शेयर किया है कि हनुमानजी को मानने वाले भक्त ऐसी गलती कभी ना करे जो मैंने की थी झूठी कसम खाने की और अगर जाने अनजाने में कोई गलती हो गयी हो तो सच्चे दिल से प्रभु से माफ़ी मांगे और दुबारा गलती ना होने का वचन ले, हमारे प्रभु बहुत ही दयालु है वे आपको जरूर माफ़ कर देंगे लेकिन आपकी आस्था और भक्ति सच्ची होनी चाहिए,

तो दोस्तों देखा आपने प्रभु अपने सच्चे भक्त की प्रार्थना जरूर सुनते है, संकट समय में सच्चे दिल और पवित्र मन से उनका स्मरण करे, वे बहुत दयालु है वे आपको हर संकट से बाहर निकालेंगे….तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली


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