Hanumanji ki Adbhut Kripa in Hindi
इतनी परीक्षा मत लो प्रभु – हनुमान जी के चमत्कार से जुडी सच्ची घटना
मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं MP की रहनेवाली हूँ, मेरी सरकारी जॉब जबलपुर डिस्ट्रिक्ट में है, मेरा एक बेटा है, मेरे पति और मेरे बीच में 1 साल से बात चीत पूरी तरह से बंद है, मेरा बेटा जब 7 महीने का था तब मैंने ऑफिस ज्वाइन किया था और वो कोविड का समय था, Hanumanji ki Adbhut Kripa in Hindi
उस वक्त मेरे ससुराल वाले मेरी जॉब के खिलाफ थे और मैं 1 साल से छुट्टी पर थी, उस वक्त मैं बहुत परेशान थी और मां संतोषी की पूजा और व्रत करती थी, मैं उनपर भी बहुत विश्वास करती हूं, मैंने मेरी ज्वाइनिंग की जिम्मेदारी उन्हीपर छोड़ दी थी, अचानक मेरे पास व्हाट्सएप पर ऑफिस से तुरंत ज्वाइनिंग का आदेश आ गया और मुझे जाना ही पड़ता नही तो कार्यवाही कर दी जाती, उसी समय रक्षाबंधन आया और उसके दूसरे दिन ज्वाइनिंग की लास्ट डेट थी, मेरी मां की मदद से मैंने ज्वाइनिंग ले ली,
फिर मेरे पति को शराब और नॉनवेज की बहुत लत थी जिसके चलते सितंबर में उनकी किडनी का प्रॉब्लम हो गया और उन्होंने मुझसे किडनी की डिमांड की, मेरा बेटा उस वक्त 7 महीने का ही था उसे देखते हुए मैंने किडनी देने से मना कर दिया, लेकिन मैंने कहा मैं पैसे दे दूंगी लोन लेकर, उसके बाद से उन्होंने मुझपर दबाव बनाया की मैं किडनी ही दूं, लेकिन मेरे मना करने से हमारे बीच बात बंद हो गई, मैं कभी अपनी मां के साथ कभी अपनी बहन के साथ जबलपुर में रहकर अपने बेटे को संभाल रही थी, Hanumanji ki Adbhut Kripa in Hindi
फिर जब मेरा बेटा 1 साल का हुआ तो मैंने उसे अपनी मां के पास छोड़ दिया, उसके बाद मैने ट्रांसफर की एप्लीकेशन लगाई, लेकिन COVID के कारण 2 साल से कोई लिस्ट नही निकल रही थी न ही कुछ पता चल रहा था, सभी लोग बोल रहे थे की अधिकारियों से मिलना पड़ेगा, लेकिन मेरी ऐसी कोई पहचान नहीं थी की मैं किसी अधिकारी से मिल सकूं, और मेरा बेटा बड़ा हो रहा था और मेरे बिना वो अकेला महसूस करता और अक्सर बीमार रहता,
अचानक ऑफिस ग्रुप में ट्रांसफर से संबंधित मीटिंग का मैसेज आया तो मैंने संबंधित सर से मुलाकात की उन्होंने मुझे आश्वासन दिया की उनसे जो होगा वो करेंगे, लेकिन मुझे फिर भी यकीन नहीं था की कोई बिना लेन देन के कैसे कुछ करेगा, फिर मेरे बेटे की तबियत बिगड़ी और वो एडमिट हुआ, तब अचानक मुझे घर जाना पड़ा और पूरे रास्ते मैं हनुमान जी से यही प्रार्थना करती रही की कुछ कीजिए प्रभु या ना कीजिए लेकिन मेरे बेटे को देखकर कुछ तो अच्छा कीजिए उसे परेशान मत होने दीजिये,
फिर 3 दिन बाद उसके डिस्चार्ज के समय मैने उससे कहा की जल्दी से दवाई खाओ फिर घर चलना है, तो उसने हनुमानजी के मंदिर का नाम लिया और हम घर पहुंचे तो शाम को वापस मेरे बेटे ने वही जाने की जिद की, हम उस मंदिर गए और पहली बार वहां की आरती करने का मन किया तो रुक गए, जैसे ही आरती शुरू हुई उसके कुछ देर बाद हनुमान जी के ऊपर की लाइट तो चालू थी, लेकिन वहां के हॉल की लाइट बंद चालू होने लगी, मुझे पहले लगा की क्या कोई शक्ति के आने का संकेत है या टेक्निकल फॉल्ट है?
मेरा बेटा सो चुका था और मेरी गोद में मेरा मोबाइल रखा हुआ था उसपर कॉल आ रहे थे और मुझे पता भी नही चला, जब लास्ट में कर्पूर गौरम… शुरू हुआ तब मैंने हाथ में मोबाइल लिया तो मेरे फ्रैंड का कॉल आ रहा था, मैंने रिसीव नहीं किया सोचा की आरती के बाद बात करूंगी, फिर आरती समाप्त होने के बाद मैने उसे कॉल बैक किया तो उसने बधाई दी की दीदी आपका ट्रांसफर हो गया, मुझे यकीन नहीं हुआ, मैंने कहा मजाक मत करो, उसने कहा मैं लिस्ट सैंड कर रहा हूं, फिर ऑफिस से उस सर का भी मिस कॉल था जिनसे मैने ट्रांसफर की बात की थी, Hanumanji ki Adbhut Kripa in Hindi
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तो मैं समझ गई की बात सही है, मेरी आंखों में आंसू आ गये, मैंने तुरंत प्रभु को धन्यवाद किया और घर आकर लिस्ट देखी तो मेरा नाम था, बिना किसी अधिकारी से मिले, बिना हाथ पैर जोड़े, बिना पैसे दिए अचानक काम हो गया ये मेरे प्रभु का चमत्कार नहीं तो क्या है, ये था मेरे जीवन का चमत्कार, अब मैं डेढ़ साल बाद अपने बेटे के साथ रह सकूंगी,
तो दोस्तों देखा आपने कैसे असम्भव को सम्भव किया हमारे बजरंगबली ने, सच्चे दिल से की गयी प्रार्थना और दुःख के समय प्रभु के सामने निकले आंसू कभी व्यर्थ नहीं जाते, प्रभु अपने सच्चे भक्त की थोड़ी से भी भक्ति से प्रसन्न होकर उसकी सहायता करते ही है….तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली.
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