Sunderkand Paath ka Chamatkar in Hindi
वे आये और मैं उन्हें पहचान ना सकी – हनुमान जी के चमत्कार से जुड़ी सच्ची घटना
प्रणाम भैया और हनुमान जी के सभी भक्तो को मेरा जय श्री राम, मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं हल्द्वानी उत्तराखण्ड की रहनेवाली हूँ, मेरी उम्र 19 साल है और आज मैं भी हमारे बजरंगबली के चमत्कार से जुड़ा अनुभव शेयर करना चाहती हूँ, Sunderkand Paath ka Chamatkar in Hindi
बात तब की है जब मैं 12th क्लास में थी, मैं उस वक़्त बहुत परेशान थी, मैं हनुमान जी की पूजा करती थी और यही सोचती थी की बस एक बार मुझे प्रभु के दर्शन हो जाये,
भैया मेरा कोई फ्रेंड नहीं है और जब से मैंने मेरे हनुमान जी को जाना है पूजा है, तब से वही मेरे सब कुछ है और बेस्ट फ्रेंड भी, उस वक़्त मैं बहुत परेशान थी और प्रभु के सामने बैठकर उन्हें सब कुछ बताती थी, अपनी फॅमिली में भी मैं किसी से कुछ शेयर नहीं करती थी,
भैया मैं बस यही सोचती कि एक बार मेरे प्रभु आ जाये और मेरे सर पर हाथ फेर कर कहे की तू चिंता मत कर मैं हूँ ना, मैं हमेशा मेरे बजरंगबली से यही कहती कि एक बार मुझे दर्शन दे,
हमारे गाँव में माँ काली का मंदिर है जो बहुत ही दिव्य है, वहां जाने वालों की सारी मुरादें देवी माँ पूरी करती हूँ, मेरी ताई जी ने मुझे ये बात बतायी की वहा देवी माँ से अगर कुछ भी मांगे तो वो जरूर मिलता है,
अगले दिन से नवरात्रि भी शुरू होनेवाली थी, इसलिए मैं भी माता के मंदिर गयी और माँ से प्रार्थना की मैं बहुत परेशान हूँ माँ, मुझे बस एक बार मेरे बजरंगबली से मिला दो बस एक बार मुझे उनके दर्शन करा दो, फिर चाहे किसी भी रूप में हो और ये कहकर मैं वहाँ से घर आ गयी,
मैं हर मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर सुंदरकांड का पाठ किया करती थी और उस दिन भी मंगलवार को मैं हनुमान जी के मंदिर गयी और सुंदरकांड का पाठ करने लगी, मंदिर में कोई भी नहीं था, मंदिर के पुजारी भी किसी काम से बाहर गए हुए थे, Sunderkand Paath ka Chamatkar in Hindi
भैया जब मैं सुंदरकांड का पाठ कर रही थी आधा पाठ ही हुआ था की वहा एक बन्दर आ गया, मुझे डर तो लग रहा था पर सुंदरकांड का पाठ बीच में नहीं छोड़ सकती थी, तो मैंने पाठ करना जारी रखा,
और हैरानी की बात तो ये थी की जब तक मैंने पाठ किया उस बन्दर ने मुझे कुछ भी नहीं किया ऐसा लग रहा था की वो पाठ सुन रहा है, पर जैसे ही मैंने पाठ पूरा कर श्री राम जी और हनुमान जी को प्रणाम किया और हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू किया तो वो बंदर अचानक ही मेरे पास में बैठ गया,
मैं तो कांपने लगी थी क्योंकि उस वक़्त वहां कोई भी नहीं था और मुझे डर लग रहा था, पर मैंने हनुमान जी को देखा और हनुमान चालीसा का पाठ करना जारी रखा, फिर कुछ देर में जब पाठ पूर्ण हुआ तो वो बंदर कूद कर मेरे सर पर बैठ गया, Sunderkand Paath ka Chamatkar in Hindi
मैं डर कर एकदम से वहा से हट गयी तो दुबारा वो मेरे सर पर आकर बैठ गया, मैं फिर से हट गयी और प्रभु का नाम लेकर उस बन्दर को प्रसाद दिया और वो चला गया, उसने मुझे कोई नुक्सान नहीं पहुँचाया, मैं समझ ही नहीं पा रही थी की ये हुआ क्या और फिर मैं घर आ गयी,
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मैंने अपनी मम्मी को ये सारी बात बताई तो मम्मी ने कहा की वो और कोई नहीं तेरे हनुमानजी ही थे जो तुझे दर्शन देने आये थे, तब मुझे काली माता के मंदिर में की गयी वो मन्नत याद आई जिसमे मैंने माँ से कहा था कि मुझे हनुमानजी के दर्शन करा दो,
अगले ही दिन मैं माता के मंदिर गयी और उन्हें धन्यवाद किया और देवी माँ को श्रृंगार चढ़ाया और फिर हनुमान जी से माफ़ी मांगी कि मैं उन्हें पहचान नहीं पायी, उन्होंने मेरे सर पर बैठकर मुझे आशीर्वाद दिया और मेरी परेशानी भी खत्म कर दी, मानो मेरे प्रभु ने मेरी सारी परेशानी हर ली हो और मैं मुर्ख उन्हें पहचान ही ना सकी,
भैया आपके चैनल के माध्यम से मैं सभी भक्तों से कहना चाहती हूँ कि हनुमान जी किसी ना किसी रूप में दर्शन देने जरूर आते है बस जरुरत है तो उन्हें पहचानने की, हमारे बजरंगबली बहुत ही दयालु है वो अपने भक्तों के बुलाने पर आते ही है बस हम ही उन्हें पहचान नहीं पाते,
बस अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगी कि की हनुमान जी पर विश्वास रखे और किसी और को अपनी परेशानी बताने के बजाये उन्हें कहे वो अपने भक्तों की हर परेशानी, हर चिंता को दूर करते है, भैया आप पर और सभी भक्तों पर हनुमान जी की कृपा हमेशा बनी रहे,
तो दोस्तों देखा आपने प्रभु से मिलने की तड़प ही है जो आपको प्रभु के निकट ले आती है और रही बात हनुमान जी की तो वे अपने भक्त को कभी निराश नहीं होने देते, वे किसी ना किसी रूप में अपने सच्चे भक्त को मिलने आते ही है….तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली.
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