Hanuman Pooja ka chamatkar in Hindi
मेरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता – हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना
मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं छत्तीसगढ़ की रहने वाली हूँ, आज मैं आप सभी से हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना शेयर करने जा रही हूँ, ये बात 2018 की मेरी शादी से पहले की है मेरे मायके में जोईँट फ़ैमिली है, जहा सब एक दूसरे के सुख दुःख में साथ देते है और एक दूसरे कि फिक्र भी करते है, Hanuman Pooja ka chamatkar in Hindi
जब 2018 में मेरा रिश्ता तय हुआ था तब मेरी छोटी चाची की तबियत कुछ दिनो से ठीक नहीं चल रही थी, वो हार्ट पेसेंट है उनका कुछ साल पहले हार्ट का ऑपरेशन भी हुआ था, अचानक कुछ दिनो से उनकी तबियत बिगड़ने लगी और हम सब उनकी तबियत को लेकर बहुत परेशान हो गए थे,
उन्हें अचानक कभी भी आधी रात को हॉस्पिटल में इमर्जन्सी में एडमिट करना पड़ता था, क्योंकि उन्हें घुटन महसूस होती थी फिर उन्हें एडमिट करने के बाद उन्हें थोड़ा ठीक लगने बाद हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाती थी और वो घर आकर नोर्मल फ़ील करती, जैसे ही रात होती थी उनकी तबियत बिगड़ने लगती थी,
किसी ने उस टाइम कहा भी था उनकी जान को जोखिम है, पर एक दिन उन्हें अच्छा महसूस होने लगा और उनको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिल गया और हम सब राहत की साँस ले रहे थे की चलो अब सब ठीक हो जाएगा और हमारा पूरा परिवार उनके पास बैठकर बात कर रहा था सब उनसे मिलने आ रहे थे,
तो फिर मैं अपने पापा के साथ हनुमान जी के मंदिर गयी दर्शन करने, शादी से पहले मैं हर मंगलवार और शनिवार हनुमान जी के मंदिर दर्शन करने जाती ही थी, तो उस दिन भी मंगलवार या शनिवार था और मैं पापा के साथ दर्शन करने चली गई, Hanuman Pooja ka chamatkar in Hindi
लेकिन हमें किसी को भी अंदाज़ा भी ना था की उनकी तबियत अचानक फिर ख़राब हो जाएगी मैं ख़ुशी-ख़ुशी मंदिर से घर आयी कि चलो अब चाची घर आ गई है तो ख़ुशी का माहोल होगा और मैं सोचते हुए घर आ रही थी की सब आराम से बैठकर बाते करेंगे, क्योंकि हमे आधा घंटा लगा जाकर आने में और जयेश भाई आने के बाद मेरे पापा ने और मैंने जो दृश्य देखा वो मैं सपने में भी नहीं सोच सकती थी,
मेरे घर में सब रो रहे थे और चाची रूम में थी मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी की अंदर क्या हुआ है पूछने की, फिर भी मैं हिम्मत करके रूम में गई और अंदर जाकर देखा मेरी चाची लम्बी-लम्बी साँस ले रही थी और चाची मेरी मम्मी को बोली मुझे गंगा जल पिला दो अब और नहीं सह पाऊँगी और ना ही मुझे हॉस्पिटल लेकर जाना,
ये सब देखकर मेरे तो पैरो तलें ज़मीन खिसक गई हो और ज़िद करने लगी मुझे हॉस्पिटल ना लेकर जाए फिर भी जैसे तैसे चाची को मना के हॉस्पिटल लेकर गए घर से हॉस्पिटल आधे घंटे की दूरी पर था, जैसे ही चाची को हास्पिटल लेकर गए मेरा पूरा परिवार सब भगवान से प्रार्थना करने लगा की मेरी चाची की रक्षा करे,
एक चिंता ये भी थी कि डॉक्टर तुरंत available होंगे या नहीं क्योंकि वह तुरंत फ़्री नहीं मिलते थे, उनका इलाज सही समय में चालू हो पाएगा या नहीं, जैसे ही चाची को हॉस्पिटल ले ज़ाया गया मुझे बस हनुमान जी और बगलामुखी मैया की याद आयी मुझे लगा अब वो ही हमारी चाची के प्राणो की रक्षा करेंगे, Hanuman Pooja ka chamatkar in Hindi
और हमने कुछ भी नहीं सोचा और सीधे मैं मेरी छोटी बहन (चाची की बेटी) और मेरी भाभी और एक बहन को लेकर सीधे हनुमान जी के मंदिर चली गई जहा मैं हर मंगलवार और शनिवार को ज़ाया करती थी,
मैंने हनुमान जी को अपना भाई माना था उन्हें सबसे पहले राखी बांधती थी, ये एक बहुत ही चमत्कारी मंदिर है, यहाँ जो माँगो वो मिलता है और हमने बाज़ार से 7 ऑरेंज, सिंदूर और 2 नारियल ख़रीदा और मंदिर जाकर पंडित जी को सारी बात बताई और कहा अभी तुरंत चाची के नाम से सिंदूर चढ़ाए की वो सही सलामत होकर घर आए,
और हम सब ने मेरे भाई हनुमान जी से प्रार्थना की आज आपकी परीक्षा है आपको मेरी चाची को ठीक करना ही होगा उनकी जान को किसी भी तरह का जोखिम नहीं होना चाहिए और जब तक हॉस्पिटल से ख़बर नहीं आ जाएगी की अब वो ख़तरे से बाहर है हम घर नहीं जाएँगे, ऐसी प्रार्थना की मैंने और हम सब ने हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ करना शुरू किया,
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हम सब उम्मीद लगाकर रोते-रोते पाठ किए जा रहे थे और मेरे बजरंग बली की कृपा से चाची को तुरंत इमर्जेन्सी में शिफ़्ट कर लिया गया और इलाज शुरू हो गया और उन्हें थोड़ा आराम मिला फिर हम घर आए मंदिर से, फिर मेरी चाची मेरे भाई हनुमान जी की कृपा से ठीक हो गई, ये सारा हाल देखकर पहले मैं बहोत डर गई थी, लेकिन हनुमान जी और सभी भगवान के आशीर्वाद से वो ठीक होकर घर आ गई,
हनुमान जी के कई चमत्कार मेरे साथ हुए है और भी अनुभव शेयर करना चाहूँगी भविष्य में, एक बात मैं और कहना चाहूँगी मेरी शादी हो गई है, मैं अभी भी मेरे भाई हनुमान जी को मंदिर में राखी ज़रूर भेजती हूँ, जब भी अपने मायके बाक़ी भाइयों को राखी भेजती हूँ, एक लिफ़ाफ़ा उसी हनुमान जी के मंदिर में जहा मैंने हनुमान जी को अपना भाई माना था उनके नाम से ज़रूर बनाती हूँ, वो हमेशा मेरी मेरे बड़े भाई की तरह रक्षा करते है।
तो दोस्तों देखा आपने अब आपको पता चल ही गया होगा की दवा के साथ दुवा क्यों जरूरी है, क्योंकि ईश्वर ही असम्भव को सम्भव कर सकते है और हमारे बजरंगबली तो हमेशा अपने भक्त की सहायता करने के लिए तत्पर रहते है, वे कभी भी अपने भक्त को दुखी नहीं देख सकते….तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली.
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