Hanuman Kavach ka Chamatkar in Hindi
हनुमान कवच की शक्ति से मेरी जान बची | 108 बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का चमत्कार | जम्मू की सच्ची घटना
सभी भक्तों को जय श्री राम, जायेश भाई मैं आपका चैनल 2021 से देख रही हूँ। भैया आप बहुत अच्छा काम कर रहे है। आपकी वीडियोज़ देखकर मैंने बहुत कुछ सीखा। मेरा नाम डॉ. नेहा शर्मा है और मैं जम्मू से बिलॉंग करती हूँ। वैसे तो मैं हनुमानजी से बचपन से ही जुड़ी हुई हूँ। बचपन मे मैं हनुमानजी की आरती करती थी और कभी कभी मंगलवार या शनिकर को हनुमान चालीसा का पाठ करती थी। पर डेली बैसिस पर फॉलो नहीं हो पाता था। Hanuman Kavach ka Chamatkar in Hindi
मैंने डेली बैसिस पर हनुमानजी की पूजा करना 2015 से शुरू किया। 2014 मे मेरा कॉलेज मे अड्मिशन हुआ और नवंबर दिसम्बर से क्लासेस शुरू होने थे। तो नवंबर से मुझे कॉलेज जाना था। जैसे ही मैं कॉलेज जाने का प्लान बनाती थी और सारे रिश्तेदारों को बाय बोलकर मिलके आती, तो पता नहीं जाने से पहले वाली रात को मेरी तबीयत खराब हो जाती थी। कभी भूखार हो जाता था, कभी वोमीटिंग, तो कभी लूस मोशन हो जाते। हालात इतने खराब हो जाते की मुझे अस्पताल मे ऐड्मिट भी होना पड़ता था।
ऐसा मेरे साथ 3 बार हुआ था, तो ममी बोलने लागि की इस बार हम किसी से नहीं कहेंगे और हनुमानजी से प्रार्थना करके हम इस बार कॉलेज पहुच गए। जब मैं कॉलेज पहुकही तो सब सही चल रहा था। नया एनवायरनमेंट, नई जगह, पढ़ाई और नए दोस्त।
फिर करीब 20 दिनों बाद शाम के समय मैं अचानक से बेहोश हो गई। फिर लगभग 2 घंटे बाद मैं होश मे आयी। जब मैं होश मे आयी तो मेरे आस-पास मेरी रूम मेटस और क्लास मेटस खड़ी थी। मुझे डर भी लग रहा था और मैं बहुत अजीब महसूस कर रही थी। फिर थोड़े-थोड़े दिनों मे ऐसा होने लगा। हमारे कॉलेज के प्रिन्सपल ने मेरे पेरेंट्स को कल करके कहा की आप एक बार आकार इसको ले जाए इसे होम सिक्नेस हुई है। थोड़े दिन आपके साथ रहेगी तो ठीक हो जाएगी। उस टाइम मुझे ये ही फ़ील हो रहा था की मेरा करिअर शुरू होने से पहले ही खतम हो गया।
हनुमान चालीसा का पाठ तो मैं कर रही थी पर प्रोपर तरीके से नहीं करती थी। कभी मन करता तो कर लेती थी। मेरे मम्मी पापा भी ये सुनकर बहुत परेशान हो गए थे, क्योंकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। 3-4 दिन मैं थेएक रही तो मेरे मम्मी पापा ने फिर से मुझे कॉलेज पहुचा दिया। एक वीक बाद मेरे साथ फिरसे वही सब होने लगा। इस बार फिरसे मेरे मम्मी पापा आए और मुझे लेकर गए।
इस बार मुझे अस्पताल मे ऐड्मिट कर दिया गया और मेरा पूरा बॉडी प्रोफाइल यानि मेरी बॉडी के सारे इम्पॉर्टन्ट टेस्ट हुए जैसे की CT-Scan, MRI सब कराया और सारे रेपोर्ट्स नॉर्मल आए। मैं बार-बार बेहोस हो रही थी और मुझे ऐसी दवाइयाँ दी जाती थी जिससे मैं हमेशा नींद मे ही रहती थी। फिरसे मुझे कॉलेज पहुचाया गया बहुत सारी दवाइयों के साथ। Hanuman Kavach ka Chamatkar in Hindi
पर एक हफ्ते बाद फिरसे मैं बेहोश हो गयी तो इस बार मेरी रूम मेटस और क्लास मेटस ने मिलकर मेरे पापा का नंबर हमारे वार्डेन से लिया और पापा को कल करके बोला इसको यह से ले जाओ अंकल अब इसके बस की बात नहीं है ये डिग्री नहीं कर पाएगी। फिर पापा आए और मुझे लेकर चले गए। उस टाइम मेरे अपने भी मुखपर विश्वास नहीं कर रहे थे और उन्हे लोगों की बातों पर विश्वास था। पर मुझे मेरे हनुमानजी पर विश्वास था की वे मेरे साथ कुछ भी गलत नहीं होने देंगे।
पापा मुझे लेकर हरियाणा आए थे वहाँ पर हम फ्लैट मे रहते थे, वही पर एक आंटी आती थी। उन्होंने मुझे देखते ही कह दिया की तुम मे बहुत ही नेगटिवटी है। तुम हनुमानजी की पूजा हर रोज किया करो, पूजा करने का एक टाइम फिक्स कर लो और हर रोज उसी टाइम पर पूजा किया करो। Hanuman Kavach ka Chamatkar in Hindi
मैंने डिसाइड कर लिया था की मैं फिर से कॉलेज जाऊँगी। पर पापा रेडी नहीं थे तो मैं अकेले ही कॉलेज आ गयी। जो दवाइयाँ डॉक्टर ने दी थी वो सब मैंने डस्ट्बिन मे फेंक दी। और हर रोज सुबह कॉलेज के पास वाले मंदिर मे जाकर हनुमानजी के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने लागी। और शाम को भी हनुमान चालीसा, हनुमानष्टक और बजरंग बाण का पाठ करने लगी।
कुछ दिन पाठ करने से मेरा बेहोश होना कम हो गया। पहले मैं थोड़े-थोड़े दिन मे बेहोश हो रही थी और अब महिने मे एक बार हुई। फिर 3-4 महीने मे एक बार पहले से बहुत ज्यादा आराम मिल गया मुझे। फिर थोड़े दिन बाद हमारे कॉलेज का टूर राजस्थान गया तो हम सलासर बालाजी के मंदिर भी गए तो मैंने वहाँ पर बालाजी महाराज से प्रार्थना की की मुझे पहले जैसा कर दो प्रभु, मेरे रोग का नाश करो प्रभु।
और बालाजी महाराज की कृपा से मैं बिल्कुल ठीक हो गई हूँ। और मेरी डिग्री भी अच्छे से कम्प्लीट हो गई है। आज मैं जो कुछ हूँ सिर्फ और सिर्फ बालाजी महाराज की कृपा से ही हूँ। अगर वे मुझपर कृपा नहीं करते तो मैं अपनी लाइफ मे कुछ नहीं कर पाती।
दूसरा अनुभव:
2020 मे मैं चंडीगढ़ मे कोचिंग ले रही थी। कोरोना का टाइम चल रहा था तो पीजी मे भी ज्यादा लड़कियां नहीं थी और कोचिंग क्लासेस भी ऑनलाइन ही हो रहे थे। तो पूरा दिन हमे पीजी मे ही रहना पड़ता था। उस टाइम मेरा डेली रूटीन ये था की मैं सुबह नहाने के बाद हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक और बजरंग बाण का एक-एक पाठ करना।
फिर पूरा दिन पढ़ाई करना और कुकिंग भी खुद करनी पड़ती थी। क्योंकि कोरोना का टाइम था तो टिफ़िन सर्विस बंद थी। पर कुछ टाइम के बाद वहाँ एक लड़की रहने आयी। वैसे वो लड़की प्यार से बोलती थी, तो जब भी मार्केट से कुछ लाना होता था तो वो भी साथ चलती थी। पर एक बहुत ही अजीब आदत थी उसकी की वो हमेशा मेरा हाथ पकड़कर चलती थी। जब भी वो मेरा हाथ पकड़ती थी तब मुझे ऐसा फ़ील होता था की मेरी बॉडी की एनर्जी बिल्कुल लो हो जाती पर मैं इतना ध्यान नहीं देती थी।
कुछ दिन बाद उसने मुझे कहा की उसका एक्सीडेंट हुआ था तो तब से उसे अकेले रहने मे डर लगता है और रात मे ज्यादा डर लगता है। तो उसने मुझे अपने रूम मे सोने बुलाया। उसने मुझसे बहुत रीक्वेस्ट की तो मैं मान गयी उसके रूम मे सोने के लिए। जब मैं पहली बार उसके रूम मे सोने गयी तो मुझे वहाँ बहुत नेगटिव फ़ील हुआ। तो अगले दिन ही मैंने उससे कहा की आपके रूम मे बहुत नेगटिव फ़ील होता है। तो वो कहने लागि की मुझे भी नेगटिव फ़ील होता है इसलिए तो तुम्हें साथ मे बुलाया।
फिर दिन मे भी उसने मुझे रूम मे बुलाया, जब मैं उसके रूम मे गयी तो वो अपनी नाभि मे कोई तेल लगा रही थी, तो मुझे भी कहने लगी की आओ तुम्हें भी नाभि मे तेल लगा देती हूँ इससे तुम्हें रात को अच्छी नींद आएगी। तो मैंने भी बिना सोचे तेल लगवा दिया उससे। उस दिन रात मे जब मैं उसके रूम मे सोने गयी तो 10 बजे ही वो मुझे बोलने लगी की मुझे नींद आ रही है तुम भी सो जाओ उबश पढ़ लेना। तो हम लाइट ऑफ करके सो गए पर उसने दिफ्यूसर मे तेल डालकर उसे छला दिया। दिफ्यूसर से रूम मे थोड़ी-थोड़ी लाइट आ रही थी।
मैं सो गयी पर मेरी एक आदत है की मैं रात मे उठकर थोड़ी थोड़ी देर बाद टाइम देखती हूँ। फिर 12 बजे अचानक मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की वो लड़की बैठी है और अपनी बॉडी पर कुछ कर रही है और मेरी बॉडी पर भी। वो देखकर मैं बहुत डर गयी वो कोई काला जादू कर रही थी पर मैं कुछ बोलने से भी डर रही थी। मुझे लगा की काही इसे पता चल गया तो मुझे मार ही ना दे। Hanuman Kavach ka Chamatkar in Hindi
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मैं अपने मुँह पर चद्दर डालकर पूरी रात हनुमान चालीसा पढ़ती रही और जैसे ही सुबह के 4 बजे मैं अपने रूम मे आ गयी। फिर अगले दिन मुझे फिरसे वो बुलाने आयी अपने रूम मे सोने के लिए पर मैं नहीं गयी। मैं बस अपना रूम लॉक करके बैठी रही। पर जैसे ही मैं अपनी आँखें बंद करती तो वो मुझे दिखती थी और अचानक मेरी बॉडी मे पैन होना शुरू हो गया। मैं बहुत डर गई थी।
मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद भी मुझे वो क्यों दिख रही है, हनुमानजी मेरी रक्षा क्यों नहीं कर रहे है। उनके रहते मेरे साथ कैसा क्यों हो रहा है। फिर मैंने अपनी कॉलेज टाइम की एक फ्रेंड को कॉल किया और उसे सब बताया तो वो कहने लागि की तुम एक काम करो भगवान की कोई मूर्ति ले आओ और ज्योत जलाया करो अग्नि प्रोटेकसन करती है। मेरी फ्रेंड ने मुझे बताया की नाभि से पूरी बॉडी का कनेक्शन होता है और मुझे उससे तेल नहीं लगवाना चाहिए था।
मैं हनुमानजी के मंदिर गयी और मंदिर के पास मे ही एक शॉप थी जहां पूजा का सारा सामान मिलता था। तो वहाँ से मैंने प्रभु की मूर्ति, ज्योत और पूजा सामग्री ली। उसी शॉप मे मुझे हनुमान कवच की बुक भी मिली तो मैंने वो भी ले ली। वो दिन शनिवार था तो मैंने रात को ही संकल्प लिया और हर रोज सुबह, दोपहर और रात को मैं हनुमान कवच का पाठ करने लगी। और धूप जलाकर जो भस्म निकलती है धूप की उसे मैं ज्योत के तेल मे मिक्स करके अपनी नाभि मे लगाने लगी। एक दो बार लगाने से ही वो मुझे दिखना बंद हो गयी। मुझे डर लग्न भी कम हो गया।
मंगलवार के दिन मैंने 108 बजरंग बाण पाठ का संकल्प लिया। जब बजरंग बाण के करीब 90 पाठ हुए तो मैंने अचानक से आँखें बंद कर ली और मुझे दिखा की मेरे पीछे बहुत बड़े हनुमानजी बैठे है। लेकिन मैं डर गयी और मैंने आँखें खोल दी और फिर वे दिखना बंद हो गए। पहली बार मुझे हनुमानजी ने दर्शन दिए। उसके बाद हमारी पीजी वाली आंटी ने उस लड़की को पीजी से निकाल दिया। हनुमानजी ने हर कदम पर मेरी मदद की है। हर संकट से उन्होंने मुझे बाहर निकाल है। हम सभी को हनुमानजी पर अटूट विश्वास रखना चाहिए और हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
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