Sarangpur Hanumanji ka Chamatkar in Hindi
जहां बजरंगबली की कृपा होती है वहा सब संभव होता है – सारंगपुर कष्टभंजन हनुमानजी का चमत्कार
मेरा नाम दिशांत देशानी है और मैं गुजरात के अहमदाबाद का रहनेवाला हूँ, जयेश भाई मैं आपकी वीडियोस बहुत टाइम से देख रहा हूँ, मुझे बहुत बार ऐसा हुआ कि आपको मेरे साथ घटित हुए श्री कष्टभंजन हनुमानजी के चमत्कार शेयर करु, पर मम्मी पापा कहते है की भक्ति का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए इसलिए नहीं करता था लेकिन आज नहीं रह सका, Sarangpur Hanumanji ka Chamatkar in Hindi
वैसे तो प्रभु की कृपा से मेरे जीवन में बहुत बदलाव आये है, अगर सारे बताने बैठूंगा तो आपकी विडियो 4-5 घंटे की हो जाएगी, पर 2 सबसे बड़े चमत्कार आज मैं आप सभी से शेयर करना चाहता हूँ,
मुझे हनुमानजी की भक्ति अपने खून में ही मिली है, मेरे पापा हनुमानजी के भक्त थे और मेरी फॅमिली हनुमानजी को बहुत मानती है, मेरी मम्मी भी हर रोज सुंदरकांड का पाठ करती है और मैं भी हर सुबह सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करता हूँ और शाम के समय श्री कष्टभंजनदेव की सारंगपुर में की जाने वाली आरती, निति प्रवीण स्रोत्र और हनुमान चालीसा करता हूँ,
पहले बात करते है मेरे पहले अनुभव की, ये बात एक साल पहले की है, मेरे पापा डायबिटिक है और उस टाइम पापा को पैर में एक छोटी सी कील लगी थी, फिर कुछ टाइम बाद वहा पे एक छोटा सा डार्क स्पॉट हो गया, लेकिन उस टाइम हमने उतना ध्यान नहीं दिया, फिर धीरे-धीरे करके पैर का निचला हिस्सा पूरा काला पड़ गया, मुझे डर तो था की शायद गैंग्रीन है,
लेकिन मुझे मेरे हनुमान जी पे पूरा भरोसा था की ऐसा नहीं हो सकता हमारे साथ, फिर उस दिन शाम को हम डॉक्टर को दिखाने गए तो जिसका डर था वही हुआ, पापा को गैंग्रीन ही निकला और सर्जन ने हमें पैर काटने के लिए सलाह दी, क्योंकि गैंग्रीन में जो भी हिस्सा सड़ना शुरू होता है तो वो बहुत तेजी से आगे बढ़ता है, इसलिए हमारे पास डॉक्टर की सलाह के सिवा और कोई रास्ता नहीं था,
पर जयेश भाई एक बात बता दू ये जो भी हो रहा था उसके ऊपर मुझे भरोसा नहीं हो रहा था, क्योंकि मेरे दिमाग में एक ही चीज़ चल रही थी की मेरे साथ मेरे कष्टभंजनदेव है, तो फिर मेरे साथ ऐसे कैसे हो सकता है, उस टाइम प्रभु को याद करके बस यही बोल रहा था की प्रभु अगर मुझसे जाने अनजाने में कोई गलती हुई हो तो उसे माफ़ करो, क्योंकि मुझे पता है की मेरे साथ इतना बुरा कभी नहीं हो सकता,
और मैं सिर्फ और सिर्फ कष्टभंजन हनुमानजी का नाम स्मरण कर रहा था, उसी दौरान मैंने ऑपरेशन की फीस भर दी और पापा को ऑपरेशन थिएटर में ले गए, जयेश भाई इतना सब हो रहा था पर फिर भी मैं एक्सेप्ट करने को तैयार नहीं था की पापा का पैर कट रहा है, Sarangpur Hanumanji ka Chamatkar in Hindi
मैंने कष्टभंजन हनुमानजी को याद किया और मन्नत ली की पापा ऑपरेशन थिएटर तक पहुँच गए है, अब तो हमारी मदद के लिए आओ नहीं तो बहुत देर हो जायेगी, कैसे भी करके मेरे पापा का पैर बचा लीजिये मैं सारंगपुर आपके दर्शन के लिए जरूर आऊंगा,
और 15-20 मिनट बाद पता नहीं क्यों मेरा माइंड चेंज हो गया और मैंने डॉक्टर्स को मना कर दिया की हमें पैर नहीं कटवाना, आप ऑपरेशन रोक दो, पापा ने और सबसे पूछा कि अचानक क्या हुआ तो मैंने सबको कहा हमें 24 घंटे चाहिए, हम सोच कर डिसिशन लेंगे और हम घर आ गए,
जैसे ही हम घर आये घर आके मैंने प्रभु की आरती की, निति प्रवीण स्रोत्र और सुन्दरकाण्ड का पाठ किया, फिर मैंने अपने जीजाजी को कॉल किया और उन्होंने मुझे गांधीनगर उनके एक दोस्त वहाँ पर डॉक्टर है उनको कंसल्ट करने को कहा,
हम अगली सुबह वहां चले गए और जयेश भाई आप विश्वास नहीं करोगे, की वहा के सर्जन ने बताया की हम ऑपरेशन करके जितना सड़ा हुआ हिस्सा है वो निकाल देंगे और अगर जरुरत पड़ी तो 2-3 बार ऑपरेशन करेंगे लेकिन पैर नहीं काटने देंगे, Sarangpur Hanumanji ka Chamatkar in Hindi
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और प्रभु की कृपा से पहला ही ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा, उस वक़्त मेरी आँखों से खुशी के आंसू आ गए और मैंने मेरे प्रभु को धन्यवाद किया, अभी ये लिखते हुए भी मेरी आँखों से आंसू आ रहे है, जयेश भाई हमने पिछले जनम में बहुत पुण्य किए होंगे जो इस जनम में हमें श्री कष्टभंजन हनुमानजी की सेवा करने का अवसर मिला है, प्रभु अपने सभी भक्तों को सदैव अपने रक्षा कवच में रखे,
अब बात करते है दूसरे अनुभव की जो हाल ही में एक महीने पहले की बात हैं, मेरी गर्लफ्रेंड चक्कर आने की वजह से फर्स्ट फ्लोर बालकनी से गिर गयी और उसके सर में सीरियस इंजरीज हो गयी थी और वो बेहोश हो गयी थी और मुझे इस बात का पता भी नहीं था,
4-5 दिन के बाद मुझे इस बात का पता चला तो मेरे पैरो तले जमीन खिसक गयी, मैं अपना कंट्रोल खो बैठा था, मैंने मेरे प्रभु को याद किया और उनकी आरती गाने लगा और मैंने मेरे प्रभु के सामने ज़िद की मुझे वो किसी भी हालत में ठीक चाहिए नहीं तो मैं भी नहीं रहूँगा,
और अगले शनिवार को मैं सारंगपुर पहुंच गया, मंदिर के द्वार बंद थे तो मैंने बाहर परिसर में ही बैठकर सुंदरकांड का पाठ किया और मंदिर खुलने के बाद जैसे ही मेरी नज़र मेरे प्रभु की मूर्ति पर पड़ी मेरी आँखों से आंसू आ गए और दर्शन करके मैं तुरंत निकल गया, Sarangpur Hanumanji ka Chamatkar in Hindi
अभी तो मैं अहमदाबाद भी नहीं पंहुचा की मुझे टेक्स्ट मेसेज मिला कि उसे होश आ गया है और वो अब थोड़ा-थोड़ा बोल भी रही है, जयेश भाई मैं इस हद तक विश्वास के साथ गया था सारंगपुर की मुझे जैसे पता ही था की मेरे घर पहोचने से पहले मुझे गुड न्यूज़ मिल जाएगी और ऐसा ही हुआ, प्रभु ने मेरा विश्वास टूटने नहीं दिया,
मेरे प्रभु बहुत ही दयालु है, बस आपका विश्वास उनपर अटूट होना चाहिए चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों ना हो, एक बार भी मन में ख्याल नहीं आना चाहिए की अब क्या होगा, बस एक ही ख्याल रखो कि मेरे साथ तो मेरे बजरंगबलि है तो मेरा कुछ बुरा हो ही नहीं सकता और मैं दावे के साथ कहता हूँ कि प्रभु आपको बुरे से बुरे हालात से भी ऊगार लेंगे,
बस जयेश भाई आखिर में मैं इतना ही कहना चाहता हूँ की मैं 11 साल से सुंदरकांड का पाठ करते आ रहा हूँ और मेरा क्वालिफिकेशन सिर्फ 12th ही था तब मुझे एक प्राइवेट कंपनी में जॉब मिला था और आज मैं एक रेपुटेड कंपनी में बहुत अच्छी पोस्ट पे हूँ वो भी इतने कम क्वालिफिकेशन के साथ, ये सिर्फ और सिर्फ सुंदरकांड के पाठ का फल है, प्रभु ऐसे ही अपने सभी भक्तों पर कृपा करते रहे,
तो दोस्तों देखा आपने प्रभु पर अटूट विश्वास से बड़े-बड़े असंभव लगनेवाले कार्य सम्भव हो जाते है, मैं मानता हूँ कि कई बार कठिन परिस्थिति में हम सब कुछ भूल जाते है, लेकिन धीरज रखे शांत मन से सोचे और प्रभु से प्रार्थना करे, देखना प्रभु आपकी सहायता करने जरूर आयेंगे…तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली.
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