Hanumanji ke 3 Chamatkar in Hindi
जिसका डर था वही हुआ – हनुमानजी के 3 अद्भुत चमत्कार की सच्ची घटना
मेरा नाम नीलम है और मैं अल्मोड़ा उत्तराखंड की रहनेवाली हूँ, मेरा पालन पढ़ाई शादी वही हुई है, पर शादी के बाद मैं दिल्ली आ गयी थी क्योंकि मेरे पति की जॉब दिल्ली में है, जयेश भाई हनुमानजी ने मुझ पर और मेरे परिवार पर बहुत कृपा की है, प्रभु की कृपा को हमने कई बार अनुभव किया है, जिसमे से 3 चमत्कार जो मेरे दिल के करीब है वो आप सभी से आज मैं शेयर करना चाहती हूँ, Hanumanji ke 3 Chamatkar in Hindi
बचपन से ही मैं पूजा-पाठ करती आ रही हूँ और ये संस्कार मुझे मेरे माता-पिता से मिले है, जब भी हमें कभी बन्दर दीखते थे तब मेरी माँ बोलती थी की उनको गलत नहीं बोलते उनके सामने हाथ जोड़ते है ये हनुमानजी है अभी वे धरती पर ही है,
ये बात 2017 की है मेरे पति का ट्रांसफर लखनऊ हो गया, उन्हें वहां अकेले ही जाना पड़ा क्योंकि मेरे बच्चो का स्कूल था, मेरे पति को वहां जाते ही जॉब में परेशानी आने लगी, फिर जैसे-तैसे 2019 आया तो मेरे पति दिल्ली आये और मुझसे बोले की मैं जॉब छोड़ रहा हूँ बहुत प्रॉब्लम हो रही है जॉब में, ऊपर से वो शुगर पेशेंट भी है और बहुत टेंशन में थे,
ये सब जानकार मैं भी बहुत टेंशन में आ गयी, जॉब जायेगी तो क्या होगा, घर के खर्चे, बच्चो की फीस कैसे सब होगा, दूसरे दिन मैंने उनसे कहा की चलो कही घूमके आते है और हम इंडिया गेट गए, फिर वहाँ से बंगला साहिब गए और प्रार्थना की और लंगर किया और पैदल ही कनॉट प्लेस आये,
वहां प्राचीन हनुमान मंदिर है, मेरे पति बोले मंदिर चलते है, मैंने हनुमानजी के लिए दीप और प्रसाद लिया, मंदिर पहुंचे तो भीड़ नहीं थी, हमने पुजारी जी को सब दिया और दीपक प्रज्वलित करके बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया और प्रभु से प्रार्थना की और हम घर आ गए,
दूसरे दिन मेरे पति वापस जाने की तैयारी करने लगे क्योंकि उनका सामान वही था जहां वे जॉब करते थे, निकलते वक़्त वे मुझसे इतना ही बोले की चिंता मत कर भगवान सब ठीक कर देंगे, मैंने हमेशा ईमानदारी से काम किया है, हमारा बुरा नहीं हो सकता, Hanumanji ke 3 Chamatkar in Hindi
दूसरे दिन वे वापस गए और जब वे ट्रैन में थे तब उनके बॉस के भी बॉस का कॉल आया और कहा की आप जॉब ना छोड़े हम आपको वापस दिल्ली ऑफिस भेज रहे है और मेरे पति ने तुरंत घर आकर मुझे ये खुशखबरी दी, मेरे पति की इतनी कोशिशों के बाद भी जो काम ना हुआ वो मेरे प्रभु ने कर दिखाया, ये तो मेरे प्रभु हनुमानजी का ही चमत्कार था, प्रभु ने हमारी प्रार्थना सुन ली,
पर अब दूसरी घटना में तो उससे भी बड़ी मुसीबत हम पर आने वाली थी, कोरोना की दूसरी लहर का कहर शुरू हो गया था और मेरे पति भी उसकी चपेट में आ गए थे और 15 अप्रैल 2021 को जब मेरे पति ऑफिस से घर आये तो उन्हें तेज़ बुखार था, मैंने उन्हें बुखार की टेबलेट दी और कहा की आप आराम कर लो, मैंने पति ने कहा की आप लोग दूसरे कमरे में रहो कोरोना भी हो सकता है,
फिर अगले दिन यानि 16 अप्रैल को ऑफिस से कॉल आया की स्टाफ के 2 लोगो का कोरोना पॉजिटिव आया है, आप भी जल्दी से टेस्ट करवा लो, उस वक़्त दिल्ली में बहुत हालत ख़राब थी, जैसे-तैसे हमने रिपोर्ट करवाया पर रिपोर्ट 5 दिन बाद आई, 20 अप्रैल को हमें जिसका डर था वही हुआ मेरे पति का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया,
उनके बुख़ार को 6 दिन हो चुके थे, फिर हम उन्हें पास के ही एक हॉस्पिटल में ले गए, वहां डॉक्टर को दिखाया तो वह बोले की हालत ठीक नहीं है, मेरे पति बोले कि एडमिट कर लो, तो वे बोले कि हॉस्पिटल में जगह नहीं है, हम कई हॉस्पिटल्स में गए पर कही भी बेड खाली नहीं था,
फिर हम मेरे पति को घर लेकर आ गए, 8 दिन हो गए थे फिर भी मेरे पति का बुखार नहीं उतर रहा था, जब हम बुखार नापते तो 105-106 आ रहा था, डॉक्टर ने जो दवाई दी थी उससे भी बुखार नहीं उतर रहा था,
समय ऐसा आ गया था कि कोई चाहकर भी मदद नहीं कर पा रहा था, मैंने अपने परिवारवालों को सब बताया, सब बहुत दुखी हो गए थे, सब कहते कि किसी तरह इसको बचा पैसो की चिंता मत करना हम भेज देंगे, दिल्ली में लॉकडाउन था कोई आ जा नहीं सकता था,
11 दिन हो गए थे मेरे पति की हालत बहुत ख़राब हो गयी थी, मैं और मेरे बच्चे दरवाजे से ही सब देख रहे थे, बच्चे रोने लगे मेरी भी हिम्मत टूट रही थी, मैंने मेरे पति को आवाज़ दी वे कुछ नहीं बोल रहे थे, मैं अपने घर के मंदिर में आयी और खूब रोई और प्रभु से गुहार लगाई कि प्रभु रास्ता दिखाये मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था,
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जयेश भाई पता नहीं उसके बाद मुझे क्या हुआ मुझमे अलग ही सकारात्मकता आ गयी, मैंने बच्चों को समझाया की चिंता ना करे भगवान सब ठीक कर देंगे, मैं प्रभु का नाम लेकर मेरे पति के कमरे में गयी और उन्हें उठाया बैठाया और पानी पिलाया, लेकिन बुखार अब भी नहीं उतरा था,
मेरे पति बोले तू अन्दर मत आ बाहर जा तुझे भी कोरोना हो जायेगा, मैंने उनसे कहा चिंता ना करे मुझे नहीं होगा और आपको भी कुछ नहीं होगा प्रभु पर विश्वास रखो, फिर मैं ही उन्हें काढ़ा, सूप, खाना खिलाने पिलाने लगी और फिर अपने आपको सेनताईस कर लेती थी, Hanumanji ke 3 Chamatkar in Hindi
जयेश भाई अब 12 दिन हो गए थे, बुखार उतर ही नहीं रहा था और शुगर होने के कारण कोई दवाई असर ही नहीं कर रही थी, फिर पता नहीं मेरे मन में क्या आया कि भगवान का कोई पाठ सुनने के लिए मैंने यूट्यूब खोला तो जयेश भाई आपकी एक वीडियो सामने थी, जिसमे आपने बजरंग बाण पाठ के बारे में बताया था,
ये बात सुबह 5 बजे की है और दिन था मंगलवार, मैं तुरंत अपने पति के पास गयी और बुखार चेक किया तो 106 था तो मैंने उन्हें दवाई दी और नहाकर मैंने घर का मंदिर साफ़ किया और हनुमानजी के सामने बैठी, उनसे कहा की मुझे ज्यादा नियम नहीं पता इसलिए मुझे माफ़ कर देना, आप बस मेरे पति को ठीक कर दो और मैंने बजरंग बाण का पाठ किया, फिर मैंने अपने पति को बजरंगबली के चरणों का सिंदूर लगाया और उन्हें आरती दिखाई और उनसे कहा की आप ठीक हो जाओगे,
जयेश भाई आप विश्वास नहीं करोगे एक घंटे बाद जब मैंने बुखार नापा तो 101 था और दोपहर होते होते बुखार था ही नहीं और उनके तबयत में भी काफी सुधार दिखने लगा, उस दिन उन्होंने 2 रोटी खायी,
और मैं जो एक कोरोना पेशेंट का बिना कोरोना किट पहने देखभाल कर रही थी, उन्हें छू रही थी, मेरे बच्चो को और मुझे मेरे बजरंगबली ने कुछ नहीं होने दिया, जो बुखार पिछले 12 दिनों से नहीं उतार रहा था वो प्रभु की शरण में जाने के बाद ठीक होने लगा, कोई माने या ना माने ये मेरे प्रभु का ही चमत्कार है,
तीसरी घटना भी बहुत ही अद्भुत है, 2008 से मैं कमर दर्द से बहुत परेशान थी, बहुत डॉक्टर्स और स्पेशलिस्ट को दिखाया सब यही कहते कि कैल्शियम और विटामिन डी की कमी है, बहुत दवाइयां खायी पर कोई फर्क नहीं पड़ता,
अब 2022 आ गया 14 सालों से मैं दर्द में जी रही थी, अब मुझसे ये दर्द सहन नहीं हो रहा था, किसी ने कोई तलवार या छुरा घोंपा हो ऐसा लगता था, फिर पता नहीं जयेश भाई मुझे क्या हुआ एक दिन मैं आपकी विडियो देख रही थी जिसमे आपने हनुमान बाहुक के बारे में बताया था,
मैं हनुमान चालीसा तो सुबह शाम पढ़ती हूँ पर हनुमान बाहुक के बारे में कभी विचार नहीं किया, जयेश भाई आप मेरे हनुमानजी के रूप में आये हो, आपकी वीडियोस से प्रेरणा लेकर मैंने आपके कहे अनुसार हनुमान बाहुक का पाठ किया और आप विश्वास नहीं करोगे पहले दिन के पाठ से ही मुझे अच्छा महसूस होने लगा,
14 साल से मैं जिस भयंकर कमर दर्द के कारण मैं सो नहीं पाती थी, आज मुझे लगता है की मुझे कोई कमर दर्द था ही नहीं, सच में बजरंगबली की कृपा के सामने बड़े-बड़े डॉक्टर्स फेल हो जाते है,
मैंने ये बात अपने बच्चो से और अपने पति से की, पाठ का 4था दिन था, मैंने सोते समय हनुमानजी से कहा की आज पाठ को 4 दिन हो गए है आप मुझे सपने में दर्शन दीजिए और पता नहीं हनुमान चालीसा का मन में पाठ करते-करते मेरी आँख लग गयी, Hanumanji ke 3 Chamatkar in Hindi
रात को मुझे लगा कि कोई मेरे आगे विशाल आकृति सा ध्यान मुद्रा में बैठा है और मैं हनुमान चालीसा पढ़ रही हूँ और मेरी नींद खुल गयी और मैं जोर से चिल्लाई, दूसरे कमरे से मेरे पति और बच्चे उठकर आये और बोले कि क्या हुआ, मैंने उनसे कहा कि कुछ नहीं हुआ आप सब सो जाओ, मैंने घड़ी देखी तो सुबह के 4 बजकर 3 मिनट हुए थे, मुझे समझ आ गया कि हनुमानजी ने मेरे मन की बात सुन ली थी,
जयेश भाई अब मुझे कोई कमर दर्द नहीं है, मैं कितना रोई थी इस दर्द के पीछे वो मैं ही जानती हूँ, पर मेरे ही कुछ पाप रहे होंगे जो मुझे ये दर्द सहना पड़ा, मैंने सोच लिया था की जब मेरा ये संकल्प पूरा होगा तो मैं आपको अपना अनुभव जरूर शेयर करुँगी,
जयेश भाई आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे है समझो आपका जीवन सफल हो गया, कितने अच्छे कर्म किये होंगे आपके माता पिता ने जो उनको आप जैसा बेटा मिला, आपके माता पिता को मेरा प्रणाम, भैया आप पर प्रभु का बहुत आशीर्वाद है खुश रहो.
तो दोस्तों देखा आपने प्रभु पर अटूट विश्वास से सब संभव हो जाता है, संकट समय में हिम्मत हारने के बजाय प्रभु की शरण में जाए, उनपर अटूट विश्वास रखे और अपना कर्म करते जाये, देखना प्रभु आपको जीवन के कठिन से कठिन समय से भी बाहर निकाल देंगे….तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली.
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