गलत काम में हनुमानजी कभी साथ नहीं देंगे – बजरंगबली के चमत्कार की सच्ची घटना

Salasar Hanumanji ka Chamatkar in hindi
गलत काम में हनुमानजी कभी साथ नहीं देंगे – बजरंगबली के चमत्कार की सच्ची घटना
Facebook
LinkedIn
WhatsApp

Salasar Hanumanji ka Chamatkar in Hindi

गलत काम में हनुमानजी कभी साथ नहीं देंगे – बजरंगबली के चमत्कार की सच्ची घटना

दोस्तों आज का ये अनुभव आज की युवा पीढ़ी के लिए बहुत बड़ी सीख है, खास कर आज के विद्यार्थियों के लिए, मैं चाहता हूँ की आप इस अनुभव को ज्यादा से ज्यादा युवाओं के साथ शेयर करे, क्या पता किसी का जीवन बदल जाए, Salasar Hanumanji ka Chamatkar in hindi

मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहूंगा मेरी उम्र 25 साल है, मैं हरियाणा के सिरसा जिले के ऐलनाबाद तहसील का निवासी हूं, मैं बचपन से ही हनुमान जी का बहुत बड़ा भक्त रहा हूं, जयेश भाई मुझे आपसे जुड़े तो 6 महीने ही हुए हैं, लेकिन मैं पिछले 12 साल से हनुमान जी की ही पूजा करता हूं और उनके साथ मेरा बहुत अच्छा अनुभव रहा है वह हर कदम पर मेरा साथ देते हैं, लेकिन एक ऐसा अनुभव जो मैं आपके साथ शेयर करना चाहता हूं वह मेरे लिए भी अतुलनीय था,

हमारे यहां से सालासर 240 किलोमीटर है बहुत लोग पैदल जाते हैं और रास्ते में बहुत लोग सेवा भी करते हैं, मैं भी दो बार पैदल गया हूं, लगभग हर साल किसी न किसी साधन पर सालासर जाता ही हूं, लेकिन करोना की वजह से मैं 2 साल सालासर नहीं जा पाया,

2014 से 2018 तक मेरे कॉलेज के बैच थे, मैंने मेडिकल की पढ़ाई की थी फार्मेसी की डिग्री के लिए, मेरे 3 साल बिल्कुल क्लियर हो गए थे, लेकिन अंतिम साल मैं मेरा 1 एग्जाम रह गया अगले साल फिर मैंने वही एग्जाम दिया लेकिन फिर रह गया, फिर 2 साल करोना की वजह से एग्जाम नहीं हो पाया,

फिर ना तो एग्जाम क्लियर हो रहा था और ना ही मेरे पास कोई काम था, फिर मैंने हनुमान जी का नाम लेकर किराए पर लाइसेंस लिया और एक मेडिकल शॉप की ओपनिंग की, फिर 6 महीने बाद मेरे एग्जाम के फॉर्म ओपन हुए मैंने फॉर्म भरे और एग्जाम की तारीख आ गई,

लेकिन दुकान पर बिजी रहने के चलते मुझसे पढ़ाई नहीं हो पाई और मैं टेंशन में आ गया पहले से मैं बहुत परेशान था एग्जाम को लेकर, टेंशन के मारे मैंने वह किया जो नहीं करना चाहिए था मैंने एग्जाम में नकल करने के लिए पर्ची बनाई, लेकिन उसमें भी अनुभव ना होने की वजह से मैं पकड़ा गया और मेरे पर UMC बन गई,

मैंने हनुमान जी से शिकायत भी की की मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है, लेकिन इतना भी पता था कि गलत काम में हनुमान जी थोड़ी ना साथ देंगे, फिर मैंने यूनिवर्सिटी जाकर मेरी UMC कलियर करवाई,

उसके बाद मैंने अपने कॉलेज टीचर को बोल दिया कि जब भी फार्म खुले तो मुझे कॉल करके बता देना ताकि मैं अगले एग्जाम के लिए फार्म भर सकूं और यह लास्ट चांस था, अगर यह चांस भी मिस हो जाता तो मेरी सारी डिग्री और 8 साल की मेहनत खराब हो जाती, तो उन्होंने बोला ठीक है मैं बता दूंगा,

फिर महीना आया अक्टूबर का और हमारे यहां से सालासर के लिए पैदल यात्रा शुरू हो गई, मैं यात्रा पर तो नहीं गया लेकिन मेडिकल से दवाइयों की सेवा लेकर मैं सेवा के लिए चला गया ताकि रास्ते में मरीजों को मैं दवा और पट्टी की सेवा दे सकूं,

Hanumanji ne madad ki in Hindi

जाने से 10 दिन पहले मैंने टीचर्स को कॉल करके पूछा था कि फार्म खुले हैं या नहीं, तो उन्होंने बोला नहीं, फिर जैसी सेवा संपन्न हुई तो हम वापिस आ गए, आने के 2 दिन बाद फिर मैंने टीचर को कॉल किया फार्म के बारे में पूछा तो वह बोले फार्म खुलकर बंद हो गए,  Salasar Hanumanji ka Chamatkar in Hindi

ये सुनकर मैं बहुत परेशान हो गया रोने भी लगा, टीचर बोले कि वे भूल गए मुझे बताना, मैं फिर हनुमान जी के सामने रोया कि हर बार मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है, फिर मैं अगले दिन पहली बस पकड़कर कॉलेज गया, तो टीचर बोले अब तेरा यहां फार्म नहीं भरा जाएगा, अब तुझे यूनिवर्सिटी जाना पड़ेगा जो कि वहां से 300 किलोमीटर थी,

मैं अगले दिन ही बस पकड़कर यूनिवर्सिटी गया, लेकिन मुझे किसीने बताया कि यूनिवर्सिटी बंद है छुट्टी है अब कल आना पड़ेगा, इतनी दूर से आने के बाद भी मुझे कोई सही जानकारी नहीं मिली, फिर मैं हमारे दूर के रिश्तेदार है उनके पास रुक गया,

अगले दिन फिर यूनिवर्सिटी गया उन्होंने मेरा फिर फार्म लेने से मना कर दिया, जो फार्म मेरा कॉलेज में 2000 में भरा जाना था, वहां पर 10000 का भरना था, ऊपर से आने जाने का खर्चा और मैं वह भी देने के लिए तैयार था लेकिन फिर भी मेरा फार्म नहीं भरा गया, उन्होंने मेरा फार्म लेने से मना कर दिया,

पढ़े: वो साया मुझे ले जाता – रोंगटे खड़े करने वाला हनुमानजी का अद्भुत चमत्कार

लेकिन कहते हैं ना जो होता है अच्छे के लिए ही होता है, मैं उसी शाम को ट्रेन पकड़कर वापस घर आ गया, घर आकर फिर मैंने हनुमान जी के सामने हाथ जोड़े रोया प्रार्थना की कि अब क्या होगा, मैंने उनसे कहा अब जो होगा आपको ही देखना पड़ेगा, आपको ही करना पड़ेगा, जैसे चाहो वैसे करो, मेरे जीवन की डोर आपके हाथ में है, लेकिन मुझे मेरा पेपर देना है, मैंने सारी जिम्मेदारी हनुमान जी के ऊपर छोड़ दी,

फिर जो दिन एग्जाम थी वो दिन आया, लेकिन मैं नहीं गया था क्योंकि जा ही नहीं सकता था, मैंने उस दिन भी हनुमान जी से प्रार्थना की थी, फिर उस दिन शाम को 4:00 बजे कॉलेज से टीचर का फोन आया, वह बोले सुबह आकर फार्म भर जाना एग्जाम कैंसिल हो गए हैं,

ये सुनकर तो मैं थोड़ी देर के लिए स्तब्ध रह गया, मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैंने हनुमान जी को तभी इतना धन्यवाद किया कि मेरे दिल में जितनी खुशी थी मैंने सभी उनके साथ जाहिर की फिर वही फार्म 10000 की जगह 2000 में भरा गया और जयेश भाई मेरे एग्जाम हो भी गया और और प्रभु की कृपा से एग्जाम क्लियर भी हो गया क्योंकि वो लास्ट चांस था मैं बहुत खुश हुआ,

शायद यह मेरा सालासर यात्रियों के लिए निस्वार्थ सेवा का फल था, भगवान ने जब दिया तो सब इकट्ठा ही दे दिया मैं फिर से हनुमान जी को बहुत-बहुत धन्यवाद कहना चाहूंगा, मैं उन्हें हमेशा अपना मित्र मानता हूं, शुक्रिया हनुमान जी हर कदम पर मेरा साथ देने के लिए,

 तो दोस्तों देखा आपने कैसे प्रभु ने इस भक्त को अपनी मंजिल तक पहुँचाया, निस्वार्थ सेवा में बड़ी शक्ति होती है, हमारे प्रभु बहुत ही दयालु है वे कभी भी आपको निराश नहीं होने देंगे…तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली.

Salasar Hanumanji ka Chamatkar in Hindi पोस्ट के लिए अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं और यदि आपके साथ भी इस तरह का कोई चमत्कार हुआ है तो हमें dharmikstory@gmail.com पर लिखें, हम इस वेबसाइट पर आपकी कहानी प्रकाशित करेंगे.

Facebook
LinkedIn
WhatsApp

Related Post

error: Content is protected !!