मैं खुद को ख़त्म कर देना चाहती हूँ – हनुमान जी का चमत्कार की सच्ची घटना

Hanumanji ki kripa in Hindi
मैं खुद को ख़त्म कर देना चाहती हूँ – हनुमान जी का चमत्कार की सच्ची घटना
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Hanumanji ki Kripa in Hindi

मैं खुद को ख़त्म कर देना चाहती हूँ – हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना

मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं हल्द्वानी की रहनेवाली हूँ, एक बार पहले भी मैंने हनुमान जी से जुड़ा अनुभव शेयर किया था, जयेश भाई आपका दिल से धन्यवाद जो आपने मेरा अनुभव शेयर किया आज मैं फिर से आप सभी को हनुमान जी से जुड़ा एक और अनुभव शेयर करना चाहती हूँ, Hanumanji ki Kripa in Hindi

ये बात दिसम्बर 2019 की है, मैं और मेरी कुछ फ्रेंड्स हम लोगो ने प्लान किया की हम कही घूमने जाये, तभी मेरी एक फ्रेंड ने बोला की हम माता शीतला देवी के दर्शन के लिए जाये, जो हल्द्वानी से कुछ दूर काठगोदाम में स्थित है,

हम सब वहा गए, वहा जाकर दर्शन भी किया, सब कुछ ठीक था पर अब जो हुआ वो लिखते हुए आज भी मुझे डर लगता है, भैया मंदिर से आने के बाद हम लोग एक डैम पर घूमने गए, वहाँ से आने के बाद 15 दिनों में ही पता नहीं अचानक से मेरी तबियत बहुत ख़राब होने लगी,

मैंने अपनी पिछली वीडियो में बताया था की मेरी तबियत बहुत ख़राब होने की वजह से मैं 12th की बोर्ड एग्जाम में फेल हो गयी थी, भैया मैं तब भी प्रभु की भक्ति करती थी, पर सिर्फ मंगलवार को रोज नहीं करती थी,

मेरी तबियत बहुत ख़राब थी फिर एक दिन अचानक ही मेरे हार्ट में पेन होना शुरू हुवा तो मेरे परिवार वाले मुझे हॉस्पिटल ले गए तब डॉक्टर्स के कहने पर मेरे हार्ट की ECG करवाई गयी पर सब कुछ नार्मल था, मुझे जिस भी हॉस्पिटल में ले जाते थे सब जगह की रिपोर्ट्स नॉर्मल आती थी, Hanumanji ki Kripa in Hindi

मैं बहुत प्रॉब्लम में थी भैया मुझे हर वक़्त ऐसा लगता था कि कोई मेरे पीछे खड़ा है और रात को भी मैं सो नहीं पाती थी, ऐसा लगता था की कोई मुझे देख रहा है, घर में मेरा व्यावहार भी बहुत ख़राब हो गया था, मैं सबके प्रति हमेशा गुस्से में रहती थी, किसी से भी बात नहीं करती थी,

और एक दिन पता नहीं कैसे मैंने मंगलवार के दिन नॉन-वेज भी खा लिया था, जब कि मैं नॉन-वेज को छूती भी नहीं थी, ये सब मेरे साथ एक साल तक चला, मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आगे क्या होगा, कभी तो दिल करता कि खुद को खत्म कर दू, Hanumanji ka chamatkar

Hanumanji ki Kripa in Hindi

मैं हनुमान जी को मानती थी पर मैंने उनसे कभी नहीं कहा की मेरा संकट दूर करो, क्योंकि मेरी सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो गयी थी, पर हनुमान जी तो बहुत ही दयालु है, वे अपने भक्त को कभी भी परेशानी में नहीं देख सकते,

फिर एक दिन मेरी मम्मी को नानी का कॉल आया और जब मम्मी ने उन्हें मेरी हालत बतायी तो नानी ने उन्हें एक पंडितजी के बारे में बताया जो बालाजी के भक्त है, मेरी मम्मी ने नानी से उनका नंबर लेकर उन्हें कॉल किया तो उन्होंने मेरी कुंडली मांगी, मम्मी ने उन्हें सब कुछ बताया तो उन्होंने कहा कि इस पर एक बहुत ही बुरा साया है जिसने इसे बहुत ही परेशान कर रखा है, लेकिन चिंता मत करो इसे मेरे पास लेकर आ जाओ,

और बस अगले ही दिन मम्मी मुझे उनके पास ले गयी और उन्होंने कुछ उपाय किये और कहा की अब इसे कुछ नहीं होगा, भैया मुझे हमेशा ऐसा लगता कि कोई अँधेरे में मेरा नाम ले रहा है और मैं डर जाती थी,

पढ़े: बजरंगबली के भक्त का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता

एक दिन मुझे सपना आया और मैंने देखा कि हनुमान जी की लाल रंग की एक बहुत ही विशाल मूर्ति है और मैं उनके चरणों में अपना सर झुकाकर रो रही हूँ और प्रभु ने मुस्कुराकर मुझे आशीर्वाद दिया, मानो वो मुझे कह रहे हो की चिंता मत कर मैं हूँ ना सब ठीक हो जायेगा, Hanumanji ki Kripa in Hindi

भैया इस सपने के कुछ ही दिनों बाद एकदम से सब ठीक हो गया और प्रभु की कृपा से आज मुझे किसी भी बात का भय नहीं है, अब मैं रोज मेरे बजरंगबली की भक्ति करती हूँ, मेरे प्रभु ने मुझपर बहुत बड़ा एहसान किया है,

अंत में मैं यही कहना चाहती हूँ की अगर आप हनुमान जी की निश्छल मन से आराधना करते है और उनपर अटूट विश्वास रखते है तो आप कितने भी बड़े संकट में क्यों ना हो और प्रभु को नहीं भी पुकारो वो फिर भी जरूर आते है और हमारी रक्षा करते है,

जैसे एक छोटे से बच्चे का मन होता है निश्छल, मासूम, भोला यदि प्रभु के प्रति हमारी भक्ति भी ऐसी ही है तो वो अपने भक्त की सहायता करने आते ही है, जयेश भैया आप पर और सभी भक्तों पर हनुमान जी की कृपा सदा बनी रहे.


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