मैं जिंदा लाश बन गया था – ऊपरी हवा – हनुमानजी का चमत्कार

Sarangpur Kashtbhanjan Hanumanji Chamatkar in Hindi
मैं जिंदा लाश बन गया था – ऊपरी हवा – हनुमानजी का चमत्कार
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मैं जिंदा लाश बन गया था – ऊपरी हवा – हनुमानजी के चमत्कार से जुडी सच्ची घटना

मैं मेरा नाम गुप्त रखना चाहता हूँ। मैं राजस्थान के चित्तोड़गढ का रहने वाला हूँ। बात आज से दो साल पहले यानी 2020 की है जब कोरोना वाइरस की शुरुवात हुई थी। मेरा स्कूल ख़त्म उसी साल हुआ था मैं कॉलेज में जाने ही वाला था की कोरोना आ गया। Sarangpur Kashtbhanjan Hanumanji Chamatkar in Hindi

तब सब लोग घरों में ही थे। तब अचानक एक दिन मेरी तबीयत बिगड़ी मन में बहुत घबराहट हो रही थी जैसे साँस लेने में भी दिक़्क़त आ रही हो। तभी हम हॉस्पिटल गए डॉक्टर ने चेक करके देखा और बोला सब ठीक है और 2 दिन की दवाइयाँ दी। मैं घर आया दवाइयाँ ली और आराम पड़ गया।

लेकिन वापस दो तीन दिन बाद वही प्रॉब्लम शुरू हो गयी और इस बार उस बार उस प्रॉब्लम के साथ कुछ और प्रोब्लेम्स भी स्टार्ट हो गयी। बहुत तेज घबराहट होने लगी और मेरे हाथ पाँव बहुत ज्यादा गरम होने लगे।

तब किसी को दिखाया तो उन्होंने कहा कि टाइफाइड हो गया है। दस दिन में ठीक हो जायेगा, मैं ठीक होने का इंतज़ार करने लगा। डॉक्टर बॉतल चढ़ाते तो मैं शाम तक ठीक रहता, पर वापिस वही दिक्कत होने लगती। मैं ना ही ढंग से खाना खा सकता था और ना ही ठीक से सो पाता था। सोते ही पूरे शरीर में घभराहट होने लगती, शरीर जकड़ने लगता, मैं बता नहीं सकता कैसी हालत हो गयी थी मेरी।

फिर कुछ दिन मैंने और मेरे घरवालों ने देखा की कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, हालत और खराब हो रही थी। तब हम एक बड़े हॉस्पिटल में गए, वहाँ हमने एक डॉक्टर को दिखाया उसने भी देखा की मेरी हालत सही नहीं थी। मुझे बीमार हुए लगभग एक महीना होने आया था। तो डॉक्टर ने तुरंत सारे टेस्ट करने को कहा तो हमने लगभग 20 से ज्यादा टेस्ट करवाए लेकिन सब नार्मल आये थे, तो डॉक्टर को लगा कोई दिक्कत नहीं है और दवाई देकर घर भेज दिया।

मैंने दवाइयाँ ली लेकिन तीन दिन दवाई लेने के बाद भी मुझे कोई फर्क नहीं लगा। उस टाइम मेरी हालत बहुत ख़राब थी। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता टेंशन के मारे मैं रोने लगता और घरवालों से यही पूछता कि मैं इतना बीमार क्यों हो गया हूँ? मैंने किसी का क्या बिगाड़ा है? मैं ठीक कब होऊँगा? मैं ठीक होऊँगा भी या नहीं?

घरवाले भी मेरी ये हालत देखकर बहुत परेशान थे। फिर तीन दिन बाद हमने वापस डॉक्टर को फ़ोन लगाया और बोला कि कुछ आराम नहीं है और हालात ख़राब होते जा रही है। तब उन्होंने कहा की आप फिर से चेकउप करवाने आ जाओ। Sarangpur Kashtbhanjan Hanumanji Chamatkar in Hindi

हम उन्हें एक बार और मिले तो उन्होंने कुछ और टेस्ट करने को कहा, उन्होंने मेरी कंडीशन देखकर सारे टेस्ट लिखे थे। और डॉक्टर ने कहा कि अगर इस टेस्ट में कुछ आता है तो एडमिट करके ट्रीटमेंट करेंगे। लेकिन सारे टेस्ट नार्मल आये, ये देखकर डॉक्टर बोले की हम इसका इलाज क्या करे इसके तो सारे रिपोर्ट्स नॉर्मल है।

लेकिन फिर भी मेरी हालत देखकर उन्होंने कुछ टेबलेट्स दुबारा दी और हमें घर भेज दिया। मैंने वो टेबलेट्स भी ठीक से ली पर उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। मुझे खाना खाये 8 दिन के ऊपर हो गए थे, मेरा शरीर पूरा कमजोर पड़ गया था, पूरा शरीर जैसे जलता रहता था और सिर घूमता रहता था।

तब किसी ने बताया एक बाबा है आप उनको दिखाओ हमने उनको दिखाया उन्होंने बोला ये किसी ऊपरी हवा के साये में आ गया है। इसके लिए ताबीज़ बनाएँगे ये ठीक हो जाएगा। उन्होंने मुझे तावीज़ बनाकर दिया और मुझमें थोडा फर्क दिखने लगा, मैं खाना भी खाने लग गया था। लेकिन ये सब सिर्फ एक हफ्ते के लिए ही था, एक हफ्ते बाद मेरी हालत पहले जैसी हो गयी।

ऐसा फिर से होने पर हम दूसरे बाबा के यहाँ गए वहाँ से भी मुझे कुछ आराम मिलता लेकिन वापस कुछ दिन बाद वही बात। ऐसे करके हम पाँच से सात जगह चले गये लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता, कुछ दिन ठीक रहता वापस फिर वही बात। मैं बहुत परेशान था मैंने सोच लिया था के अब मैं कभी ठीक नहि हो पाऊँगा बहुत जल्दी भगवान के पास चला जाऊँगा। मेरे घरवाले भी परेशान हो गए थे और बोलते थे की तेरे दीमाग में वहम घुस गया है।

लेकिन सिर्फ मुझे पता था की ये कोई वहम नहीं है। मैं बस अब जिंदा लाश बन गया था, ना घर से बाहर निकलता, ना कुछ काम करता और कॉलेज के एडमिशन भी बंद हो गए थे मैंने कॉलेज का फॉर्म भी नहीं भरा था। बस घर में बिस्तर में पड़ा रहता और रोता रहता और यही सोचता रहता कि क्या मेरी पूरी जिंदगी ऐसे ही निकलने वाली है।

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मुझे अब एक साल हो गया था इस हालत में, आप भी सोच सकते है की मेरा मनोबल किस स्तर पर चला गया होगा। तब एक रात यूट्यूब पर कुछ देख रहा था, तब जयेश भाई मुझे आपका वीडियो सजेशन में आया। मैंने देखा कैसे एक आदमी जो बहुत पीड़ित था, वो कैसे बजरंगबली के आशीर्वाद से ठीक हो गया। ऐसे करते मैं आपके सारे वीडियोस देखने लगा।

मेरे मन में एक अलग ही उमंग जगी और मैं बजरंगबली की भक्ति करने लगा। मेरा विश्वास बढ़ता चला गया, तब मैंने जयेश भाई आपके चैनल पर सारंगपुर हनुमान जी का वीडियो देखा और बस मैंने सोच लिया की अब अगर मैं कहीं ठीक हो सकता हूँ, तो वही हो सकता हूँ। बस मन में यही था कि मैं कब वहां जाऊंगा और कब ठीक होऊँगा, तब तक मैं घर पर ही प्रभु की पूजा करता रहा और ठीक होने की प्रार्थना करने लगा।

लेकिन फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ा, लेकिन मैंने लगातार प्रभु की भक्ति करता रहा, हनुमान चालीसा पढता, ऐसे करते मुझे 3 महीने हो गए। लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा, तब मैंने सोचा की अब तो सारंगपुर जाना ही पड़ेगा, मैंने घरवालों को ये बात बतायी और सारंगपुर पहुंच गया। Sarangpur Kashtbhanjan Hanumanji Chamatkar in Hindi

Kashtbhanjan Hanumanji ka Chamatkar in Hindi

किस्मत से वो दिन मंगलवार था उस दिन हज़ारो लाखों भक्त प्रभु के दर्शन करने आते है, मैं रात के तीन बजे सारंगपुर पंहुचा और पाँच बजे मंगला आरती में गया, वहाँ मानो साक्षात हनुमान जी बिराजते हो, वाह क्या अनुभव रहा आरती का, मंदिर के परिसर में एक अलग ही ऊर्जा थी।

फिर हम वहाँ एक पूजा होती है वहाँ गए जहाँ पीड़ित लोगों को ठीक किया जाता है। वहाँ मैं लाइन में बेठा वहाँ पंडितजी सबका इलाज कर रहे थे। कुछ औरतें तो इतनी बुरी हालत में थी के इतने ज़ोरों से चिल्ला रही थी के अपनी भी रूह काँप जाए। मैं भी डर सा गया था के पता नहीं पंडित जी के सामने मेरी भी ऐसी हालत ना हो जाए।

तब मेरा नंबर आया पंडित जी ने पुछा क्या समस्या है? मैंने पूरी बात उनको बतायी वो बहुत बारीकी से मेरी बात सुन रहे थे। उन्होंने कहा कि बेटा ऊपरी हवा के साये में तुम पहले थे। लेकिन कुछ दिनों बाद वो साया निकल गया था। लेकिन तुम्हारे दिमाग में वो चीज़ निकली नहीं है। तुम बुरी तरह से डिप्रेशन में हो और बोलै की तीन महीने की पूजा देता हूँ, तुम बिलकुल ठीक हो जाओगे।

बस फिर मैंने हनुमान दादा के दर्शन एक बार और किये और प्रभु से कहा कि अब सब आपके हाथ में है। मैं घर पर रोज पूजा करता। लेकिन तबियत पूरी तरह ठीक नहीं हो रही थी। मैं जयेश भाई को भी मैसेज करता। वो बोलते कि प्रभु पर विश्वास रखो और धीरज रखो हिम्मत रखो प्रभु सब ठीक कर देंगे। मैंने हिम्मत रखी रोज पूरे विश्वास के साथ पूजा करता रहा, वहा से दिया हुआ पवित्र जल पीता रहा।

और हमारे शहर के पास एक गुरूजी थे, वो भी बजरंगबली के बहुत बड़े भक्त है, उन्होंने भी यही कहा कि बजरंगबली सब ठीक कर देंगे, मैं डॉक्टर के पास भी गया उन्होंने भी कुछ टेबलेट्स दी और प्रभु की कृपा से मैं धीरे-धीरे ठीक होता गया और कुछ दिनों में मैं बिलकुल ठीक हो गया और आज बहुत अच्छी जिंदगी जी रहा हूँ और पढाई भी फिर से शुरू कर दी है,

ये सब मेरे बजरंगबली की कृपा से ही हुआ है, मैं बस आखिर में यही कहूंगा कि जीवन में कैसा भी घोर संकट आये हार बिलकुल ना माने और सच्चे दिल से बजरंगबली की भक्ति करे और जीवन में मौका मिले तो एक बार सारंगपुर हनुमानजी प्रभु के दर्शन करने जरूर जाए, वहां बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान होता है, Sarangpur Kashtbhanjan Hanumanji Chamatkar in Hindi

तो दोस्तों देखा आपने प्रभु के लिए असम्भव कुछ भी नहीं है, सच्चे दिल से की गई भक्ति कभी खाली नहीं जाती और हमारे प्रभु है ही इतने दयालु जो अपने भक्त को कभी दुखी नहीं देख सकते और तुरंत उसके सारे संकट हर लेते है…तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली.


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