हज़ारो लोगो की भीड़ में रास्ता बनाकर हनुमानजी ने इस भक्त को दर्शन दिए – हनुमानजी का चमत्कार – Shri Mehandipur Balaji Chamatkar in Hindi
मैं अभय श्रीवास्तव गोरखपुर का रहने वाला हूं मैं बचपन से ही हनुमान जी की पूजा करता था हनुमान जी मैं मेरा हमेशा विश्वास और लगाव रहा है. Shri Mehandipur Balaji Chamatkar in Hindi
मैं एक बार छोटे साले साहब से सुना की राजस्थान में जयपुर के पास मेरे आराध्य हनुमान जी का एक मंदिर श्री मेहंदीपुर बालाजी हनुमान मंदिर के नाम से है जो काफी प्रसिद्ध है.
हम लोगों का जयपुर घूमने और श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर दर्शन करने का कार्यक्रम बन गया मेरा परिवार मेरे साले साहब का परिवार और मेरी पत्नी के बहन का परिवार सभी लोग एक साथ जयपुर पहुंचे.
सभी लोग मेहंदीपुर बालाजी पहुंचे दर्शन के लिए सभी लोग लाइन में लग गए काफी लंबी लाइन थी मुख्य मंदिर के पास पहुंचते-पहुंचते काफी समय हो गया भीड़ की वजह से बच्चे भी भीड़ में दबने लगे.
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मैंने हनुमान जी को याद किया बच्चे किसी तरह से भीड़ से अलग हुए मुख्य मंदिर भी बंद हो गया और हम लोगों को दर्शन नहीं मिला काफी निराशा लेकर हम लोग दूर से ही प्रसाद चढ़ाकर वापस जयपुर आ गए.
मेरा मन बहुत बेचैनी था कभी ऐसा नहीं हुआ की हनुमान जी का किसी भी मंदिर में मुझे दर्शन ना मिला हो क्या गलती हो गई मुझे समझ में नहीं आ रहा था, रात में जयपुर में एक होटल में हम लोग ठहरे थे मेरे ही तरह मेरी पत्नी की बड़ी बहन भी हनुमान जी की अनन्य भक्त थी.
सभी लोग रात में सोने से पहले निर्णय लिए की कल सभी दर्शन करने के लिए मेहंदीपुर बालाजी चलेंगे परंतु सुबह सभी लोग आलस कर गए मैं और मेरी पत्नी की बड़ी बहन निर्णय लिए कि हम लोग जरूर दर्शन करने चलेंगे.
हम लोग जल्दी से नहा धोकर बस स्टेशन पहुंचे क्योंकि शाम को जयपुर से 2:00 बजे वापसी का ट्रेन आगरा के लिए था बच्चे और बाकी सभी लोग होटल में ही जयपुर में रुके थे.
बस स्टेशन पहुंचने पर मेहंदीपुर के लिए जो बस थी वह खाली थी केवल हमी दो लोग थे हम लोगों घबराहट था कि बस भरने में टाइम लगेगा तो मेहंदीपुर पहुंचने में देर लगेगी और दर्शन नहीं कर पाएंगे.
लेकिन तभी चमत्कार हुआ एक ग्रुप 20 -25 लोगों का आया और बस चल दी और समय से सुबह 9:00 बजे के आसपास हम लोग मेहंदीपुर बालाजी पहुंच गए लेकिन जब हम पहुंचे वहां का अलग ही दृश्य था.
लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर लंबी लाइन थी लाइन के अंतिम छोर पर पहुंचने से पहले समय से लौटने का ख्याल आने के कारण हम लोग वापस मुख्य मंदिर के पास आ गए काफी घोर निराशा थी आंखों में आंसू आ गया कि फिर हम दर्शन नहीं कर पाएंगे.
बहुत ही दुखी मन से हम लौटने के लिए मुड़े तभी मेरी पत्नी की बड़ी बहन मुख्य मंदिर के प्रवेश द्वार के पास पहुंची मुख्य द्वार पर खड़ा एक व्यक्ति ने कहां दूर से आए हो आ जाओ.
उनको प्रवेश मिल गया और मुझे भी इशारे से उन्होंने बुलाया और मुझे भी मंदिर में प्रवेश मिल गया लेकिन अंदर का दृश्य देखकर फिर फिर बेचैनी बढ़ने लगी क्योंकि अंदर लोहे के ग्रिल के द्वारा 10 से 15 लाइनें लगी थी और शायद हनुमान जी के दर्शन करते करते हमारी ट्रेन छूट जाती.
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हमें अब वापस जाने के लिए हनुमान जी के चमत्कार के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा था हम हनुमान जी को याद करते हैं एक चमत्कार हुआ एक लगभग 7 फीट लंबे एक व्यक्ति अचानक लाइनों को से क्रॉस करते हुए हमारे पास आये और कहे कि आप लोग परेशान दिख रहे हो क्या बात है.
हमने उसको सारी बातें बताई कहां चिंता मत करो तुम्हें दर्शन भी मिलेगा और तुम समय से जयपुर अपने बच्चों के पास पहुंचने को मिलेगा.
वो खुद लाइन में लगे लोगों से प्रार्थना करते हम लोगों को हर लाइन को पार कराते हुए मुख्य मंदिर तक ले गए और कहे कि प्रसाद लिए और इस मंदिर कि कुछ नियम है उनको पालन करना पड़ता है.
उन्होंने प्रसाद के लिए अकादमी को इशारे से बुलाया और हमें प्रसाद दिलाया और कहा कि जैसे-जैसे मैं कहूं वैसे करते रहना उन्होंने हनुमान जी का दर्शन कराया और और प्रेत मंदिर के पास ले गए और उन्होंने कहा कि बिना देखे पीछे की तरफ प्रसाद को फेंक दो और फिर बाहर लेकर आए.
उन्होंने कहा की एक बात मेरी मानोगे यहां सामने श्री रामचंद्र जी का मंदिर है बिना वहां दर्शन किए वापस मत जाना यह सब हमारे लिए सब कुछ अद्भुत था हम दोनों लोग उनके पैर छू लिया और श्री रामचंद्र जी के दर्शन के लिए उनकी मंदिर की तरफ बढ़े.
और फिर पीछे मुड़कर देखा वह दोबारा नहीं दिखे हम लोग श्री रामचंद्र जी का दर्शन कर वापस आए शायद यह एहसास अद्भुत था क्योंकि शायद उनका चमत्कार नहीं होता तो हम दर्शन नहीं कर पाते.
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धन्यवाद 🙂
जयेश वाघेला