अब तक का सबसे खौफनाक अनुभव जिसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे – हनुमानजी का अद्भुत चमत्कार – Bajrangbali ke chamatkar in Hindi
मेरा नाम शिल्पा है और में यूपी के बिजनौर जिले की रहने वाली हूँ, में अपने जीवन की श्री हनुमानजी से जुड़ी सच्ची घटना आप सभी से शेयर करना चाहती हूँ. Bajrangbali ke chamatkar in Hindi
मेरी बड़ी दीदी की शादी पिछले साल 10 फेब्रुअरी 2019 को हुई थी, शादी के एक महीने बाद ही उनको उनके ससुराल में रात को अजीबो गरीब किसी आदमी की आवाज़ सुनाई देती थी.
उन्होंने उसे मन का भ्रम समझकर ध्यान नहीं दिया, फिर दो महीने बाद अप्रैल 2019 को हमें एक अच्छी खबर मिली कि मेरी दीदी प्रेग्नेंट थी, हम सब बहुत खुश हो गए, घर में ख़ुशी का माहोल था.
की अचानक कुछ दिन बाद मेरी दीदी की तबीयत बहुत ख़राब हो गयी और उनका दुर्भाग्यवश miscarriage हो गया, तभी से हर रात को उन्हें भयानक सपने दिखाई देने लगे और उसे अपने ससुराल में डर लगने लगा.
आप पढ़ रहे है – हनुमानजी का अद्भुत चमत्कार
वो इतनी ज्यादा बीमार हो गयी की 4-4 डॉक्टर बदल दिए लेकिन कुछ आराम नहीं मिला, यहाँ तक की हम सब घर वालों को लगने लगा की अब इनका बचना बहुत मुश्किल है, क्योंकि वो बहुत ही ज्यादा बीमार हो गयी थी और कोई दवा काम नहीं कर रही थी.
फिर हमारे रिश्ते की मामी ने बताया दीदी को एक शास्त्रीजी है उनको दिखा दे, हम दीदी को शास्त्रीजी के पास ले गए, शास्त्री जी ने हमारी दो बार हरिद्वार में पूजा भी कराई.
शास्त्रीजी पूजा से एक दिन पहले शाम को संकल्प दिलाते है और उसमे अपने ऊपर या जो आत्माए हमें परेशान करती है उनको आमंत्रण देते है की वो मुक्ति के लिए हरिद्वार पूजा वाले स्थान पर पहुँचे.
जैसे ही शास्त्री जी ने संकल्प कराया उसी रात को दीदी के ऊपर किन्नर प्रेत और 11 अतिरिक्त आत्माए आ गयी, हमने दो बार शास्त्री जी से दीदी और जीजाजी की पूजा कराई, पूजा से दीदी की जो तबीयत खराब थी उसे तो आराम हुआ, लेकिन वो किन्नर प्रेत और आत्माएं नहीं गयी.
मेरे पापाजी जो की एक टीचर है और वे बचपन से ही श्री हनुमानजी की पूजा करते थे, उन्होंने शादी के बाद से पूजा छोड़ दी थी, दीदी के ऊपर इतनी आत्मा रोज आती ये देख कर हम बहुत परेशान हो गए थे.
लगभग 15 दिन हो गए थे, इस किन्नर प्रेत ने यहाँ तक बोला था कि हम इस लड़की को अमावस्या को हर हाल में ले जायेंगे, कोई भगवान नहीं है सबसे बड़ी में हूँ.
जैसे ही अमावस्या पास आ रही थी सबकी चिंता बढ़ रही थी, आखिर मेरी दीदी की ज़िन्दगी का सवाल था, अमावस्या 3rd जून 2019 को थी 2nd जून के दिन मेरे पापा को श्री हनुमानजी का ध्यान आया.
उन्होंने घर पर ही सच्चे मन से श्री हनुमानजी को याद किया और कहा की “हे संकटमोचन हनुमान अब आप ही है जो हमें कोई रास्ता दिखा सकते है, जिससे मेरी बेटी की जान बच जाए” और फिर उन्होंने श्री हनुमान चालीसा पढ़ी.
फिर अमावस्या वाली शाम को पापा ने हम सभी परिवार के सदस्यों को एक साथ बिठाया और श्री हनुमान चालीसा पढ़ने को कहा.
क्योंकि पापा को मन ही मन लग रहा था की आज अमावस्या वाले दिन वो किन्नर प्रेत ज़रूर कुछ न कुछ करेगी, फिर जैसे ही हमने श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू किया तो दीदी के ऊपर किन्नर प्रेत आ गयी.
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और वो किन्नरों की तरह ताली बजने लगी और हमें डराने लगी, हमने फिर भी श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना बंद नहीं किया, में आपको कैसे बताऊं ये अनुभव खुद मेरी आँखों के सामने प्रत्यक्ष रूप से हुआ है.
मेरे प्रभु श्री हनुमानजी ने उसके हाथ बांध दिए और उसकी पिटाई भी की वो अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी और जपपट्टे मार रही थी.
पूजा में जो दीपक जल रहा था वो उसे बुझाने और श्री हनुमानजी की मूर्ति को गिराने का भी प्रयास करने लगी, तब प्रभु ने उसके हाथ बांध दिए.
और जब उसकी ताकत नहीं चली तो अंततः उसने प्रभु के सामने हाथ जोड़े और अपनी गर्दन जमीन पर प्रभु के सामने झुकाई.
उस दिन की वो काली रात मेरे ज़िन्दगी की भयानक रात थी, हमने उस दिन लगातार साढ़े तीन घंटे श्री हनुमान चालीसा का जाप किया, तब जाकर श्री हनुमान जी ने उसे पकड़ लिया और दंडित किया.
और हम आज उनकी कृपा से सही सलामत है, मेरी दीदी भी ठीक हो गयी, तब से ही श्री हनुमानजी के प्रति हमारी भक्ति इतनी बढ़ गयी है की हम बता नहीं सकते, हम तुमसे आज भी उनकी कृपा से एकदम ठीक है.
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धन्यवाद 🙂
जयेश वाघेला