जब कोई काम न आया तब हनुमान जी दौड़े चले आए

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Bajrangbali ki Real Story

Bajrangbali ki Real Story in Hindi

जब कोई काम न आया तब हनुमान जी दौड़े चले आए – Hanuman ji के चमत्कार की सच्ची कहानी

मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं गुजरात की रहने वाली हूँ और मैं श्री हनुमानजी की बहुत बड़ी भक्त हूँ और मेरा रोज का नियम है की सुबह उठकर नहाके सबसे पहले मंदिर जाकर श्री हनुमानजी की पूजा करने के बाद ही मैं खाती पीती हूँ और ये नियम हमारे घर में सब पालन करते है, Bajrangbali ki Real Story in Hindi

मैंने श्री हनुमानजी के बहुत चमत्कार देखे है, मेरे बजरंगबली ने हमेशा मेरा साथ दिया है और हमेशा मेरी और मेरे परिवार की रक्षा की है और मुझे मेरे बजरंगबलि पर पूरा भरोसा है की कितनी भी बड़ी मुसीबत क्यों आये मेरे प्रभु सब दूर कर देते है,

9th जुलाई 2020 के दिन मेरे पापा ऑफिस से आ रहे थे और बीच रास्ते में उनको चेस्ट पेन शुरू हो गया था और गाडी वो ही चला रहे थे, तब दर्द थोड़ा कम था जब घर आये तो उन्होंने कहा कि मुझे पेट में दर्द है मैं आता हूँ,

फिर वो थोड़ी देर चलकर वापस आये और बोले की अभी भी दर्द हो रहा है, वो बोले की गैस हो गया है तो मैंने उन्हें ENO पीने के लिए दिया, फिर भी उनका दर्द कम नहीं हुआ तो मुझे लगा की पापा को हॉस्पिटल ले जाना पड़ेगा,

क्योंकि पहले भी उनको कई बार ऐसी तकलीफ हो चुकी है और हर बार श्री हनुमानजी ने उनकी रक्षा की है और मेरे पापा हर बार कहते है की हमारे साथ बजरंगबली है,

उस दिन हॉस्पिटल जाने के लिए गाडी निकाली, पापा को दर्द हो रहा था पर गाडी उन्होंने ही चलायी और पापा के साथ हमेशा की तरह हम दोनों बहने ही होती है, बाकी कोई हमें साथ नहीं देता और अगर कोई साथ हो तो भी मदद नहीं करता लेकिन तमाशा देखने आते है,

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पर हमारे प्रभु श्री हनुमानजी हमेशा मेरे पापा और हमारे परिवार की रक्षा करते है, उस दिन भी पापा गाडी चला रहे थे, मैंने पापा से कहा भी कि मैं गाडी चलाती हूँ, पर पापा ने साफ़ मना कर दिया क्योंकि मैंने हाईवे पर कभी गाड़ी नहीं चलायी थी, पापा ही गाड़ी चला रहे थे और बोल रहे थे की तू टेंशन मत ले गाडी बजरंगबलि चला रहे है,

फिर 9-10 बजे के आस पास हम हॉस्पिटल पहुंच गए थे, पहुंचते ही पापा की ट्रीटमेंट शुरू हो गयी, पापा को दवाई दी गयी और उनका दर्द कम हो गया, पूरी रात पापा को बोतल चढ़ रही थी, हम दोनों बहने पूरी रात सोयी नहीं थी,

मेरी बहन मुझसे छोटी है और मेरा भाई हम दोनों से छोटा है, हम दोनों बहनों के साथ कोई बड़ा नहीं था, रिश्तेदार है पर जब उनको पापा का काम होता है तब आते है, पर जब-जब पापा को प्रॉब्लम हुई है कोई मदद के लिए नहीं आया, मम्मी और भाई दोनों को घर पर रखा था, Hanuman ji ki Kahani

दूसरे दिन पापा का पूरा चेकउप हुआ और हमें पता चला की उनकी लेफ्ट साइड पर दिल वाली नस में ब्लॉकेज था, पहले पापा को 2018 में जब अटैक आया था तब डॉक्टर ने बताया था कि ब्लॉकेज है तब उन्हें राइट साइड पेन हो रहा था और हमें किसी को पता नहीं कि उनको अटैक आ रहा है तब भी हम दोनों बहनें उनके साथ थी,

पर हमारे बजरंगबली ने उनकी रक्षा की थी, तब उन्हें 3 ब्लॉकेज थे जिनकी वजह से खून दिल तक पहुँच नहीं रहा था, तब डॉक्टर ने राइट साइड बैलून चढ़ाया था और स्टैंड रखा था, फिर पापा ठीक हो गए थे पर डॉक्टर ने बोला था कि ब्लॉकेज अब भी है पर दवाई लेने से ठीक हो जायेगा,

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पर जब पापा को फिर से पेन हुआ और जब उन्हें एडमिट किया गया तो डॉक्टर ने बताया कि पहले वाला ब्लॉकेज ठीक हो गया है, इस बार ब्लॉकेज लेफ्ट साइड है और उन्हें अब बहुत खतरा है उन्हें रेगुलरली दवाई लेनी होगी, अगर आप कहें तो हम लेफ्ट साइड वाला ब्लॉकेज हटा सकते है, पर हम रिस्क नहीं लेना चाहते थे मैं बहुत टेंशन में आ गयी थी,

मैंने मेरे बजरंगबलि से प्रार्थना की कि, “हे प्रभु मेरे पापा की रक्षा करो और उन्हें ठीक कर दो, आपने हर बार साथ दिया है हमारा, आपके सिवा कोई नहीं है हमारा, प्लीज हनुमान दादा मेरे पापा को ठीक कर दो,”

पापा का तब एंजियोग्राफी किया गया और जिस तरह पापा को लेता के लाये थे मैं बहुत डर गयी थी, पापा को आराम करने के लिए कहा गया था और 6 घंटे बेड से उतरने से मना किया था और पैर सीधा रखना था,

उस दिन भी मैंने मेरे प्रभु से मेरे पापा की सेहत के लिए बहुत प्रार्थना की, मैं और मेरी बहन जब से पापा को एडमिट किया था तब से सोए नहीं थे, मैं बस श्री हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ कर रही थी,

मुझे बहुत रोना आ रहा था पर छोटी बहन थी अगर मैं रोती तो वो भी रो देती, हम दोनों एक दूसरे को हिम्मत दे रहे थे और दुसरे दिन जब मेरी मम्मी आई तो मैंने छोटी बहन को घर भेज दिया था,

क्योंकि वहा कोरोना के केसेस भी आ रहे थे, पेशेंट के साथ एक ही व्यक्ति को रहने देते थे, फिर भी मैं और मेरी मम्मी रुके थे, क्योंकि मम्मी को पेपरवर्क क्या करने होते है वो कुछ पता नहीं था और मैं पेपरवर्क का काम कर रही थी और मम्मी को पापा के पास रहने को कहा था,

पापा की तबियत नार्मल हो रही थी, मेरे प्रभु हनुमानजी ने फिर से मेरे पापा की जान बचायी है, क्योंकि 2-3 घंटे तक कोई भी इंसान वो दर्द सहन नहीं कर पाता और उस पेन के साथ मेरे पापा ने खुद गाडी चलाके हॉस्पिटल पहुंचे थे,

10th July 2020 रात को मेरे पापा को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गयी, हम रात को ही घर चले आये, मेरे हनुमान दादा ने इस कोरोना के संकट समय में भी हमारी रक्षा की है, हमारे साथ और भी बहुत चमत्कार हुए है और जब-जब हमारे ऊपर मुसीबत आयी है तब-तब प्रभु ने हमारी रक्षा की है,

श्री हनुमानजी कुछ भी कर सकते है और मुझे मेरे प्रभु पर पूरा भरोसा है कि वे जीवन के हर कदम पर हमारी इसी तरह रक्षा करते रहेंगे, वे अपने भक्तों की सहायता करने ज़रूर आते है, मैं उन्हें अपना सब कुछ मानती हूँ, जब भी मैं मेरे हनुमान दादा को अपनी प्रॉब्लम बताती हूँ, वे मेरा साथ हर बार देते है.


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

 

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