Hanumanji ke 2 Chamatkar in Hindi
दो भक्तों के अलग-अलग अनुभव लेकिन नतीजा एक ही – हनुमान जी के चमत्कार से जुड़ी सच्ची घटना
पहला अनुभव
मेरा नाम देवांश है और मैं गुजरात के राजकोट का रहनेवाला हूँ, मैं पुलिस में हूँ, मेरे पिताजी का 8 साल पहले ही स्वर्गवास हो गया था, मैं और मेरी माँ हम दोनों अकेले रहते है, Hanumanji ke 2 Chamatkar in Hindi
मुझे आपके वीडियोस देखने और हनुमान जी के बारे में नयी-नयी बातें जानना बहुत पसंद है, मैं भी एक हनुमान जी का भक्त हूँ, आज मैं भी अपने साथ घटित हुआ हनुमान जी से जुड़ा अनुभव आपसे शेयर करना चाहता हूँ,
पहले मैं कभी-कभी हनुमान जी के मंदिर ऐसे ही जाया करता था, फिर पता नहीं अचानक एक शुक्रवार के दिन मुझे लगा की मुझे कल से यानी शनिवार से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू करना चाहिए, मैंने बिलकुल वैसा ही किया और धीरे-धीरे मेरी हनुमान जी के प्रति श्रद्धा बढ़ती गयी,
सब सही चल रहा था मैं हर रोज शाम के समय हनुमान जी की आरती में भी जाने लगा था, फिर आपकी वीडियोस देखना शुरू किया और आपने जो 5 मंत्र एक वीडियो में बताए थे वो भी बोलता था,
मेरे दिन की शुरूवात आज भी हनुमान जी के मंदिर जाके ही होती है, मैं पहले मंदिर में जाके राम स्तुति, उसके बाद राम नाम की एक माला, फिर हनुमान चालीसा उसके बाद हनुमानअष्टक और फिर हनुमान जी के 12 नामों का जाप करके प्रसाद चढ़ाने के बाद ही मैं काम पे निकलता हूँ,
मैंने कभी भी हनुमान जी से कुछ नहीं माँगा, मैं प्रभु के सामने इतना ही बोलता की अगर जाने अनजाने में मुझसे कोई भूल हो जाए तो माफ़ कीजियेगा,
फिर अचानक थोड़े दिन पहले रात के करीब 12 बजे मेरी मम्मी की तबियत बिगड़ने लगी और मैं रात को कर्फ्यू में ड्यूटी पे था, मुझे मम्मी का फ़ोन आया कि जल्दी घर आजा, मैं जब घर पंहुचा तो मैंने देखा की मम्मी को बहुत जोरो से बॉडी पेन हो रहा था,
उनकी हालत देखकर तो पहले तो मुझे कुछ समझ ही नहीं आया, मम्मी बोल रही थी की मेरे पास अब सुबह तक का समय है, मैं अब मरने वाली हूँ, मुझे मेरा काल दिख रहा है,
जैसे ही वो ये बोली मैं बहुत इमोशनल हो गया, क्योंकि ये सब अचानक हो रहा था, फिर पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने तुरंत हनुमान जी को याद किया और उनके नाम का स्मरण किया,
और उनसे प्रार्थना की, “हे प्रभु मैंने आज तक आपसे कभी कुछ नहीं माँगा, लेकिन आज मैं आपसे मेरी माँ की जिंदगी मांग रहा हूँ, प्रभु अगर सच में मेरी माँ का टाइम आ गया है तो आपको मैं कुछ नहीं कहूंगा पर किसीने उनपर कुछ किया है तो आप उसे निकाल दो,” Hanumanji ki kahani
इतनी प्रार्थना करने के बाद मैंने मेरी माँ को यूट्यूब पे पंचमुखी हनुमान कवच और हनुमान चालीसा दोनों सुनाये और जैसे ही माँ ने पंचमुखी हनुमान कवच सुना तो उनके हाथ पैर हिलने लगे, ऐसा लगा की कुछ बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है,
फिर कुछ देर बाद माँ को नींद आ गयी और सुबह देखा तो वो एकदम स्वस्थ हो गयी थी, मैं तुरंत नहा धोकर हनुमान जी के मंदिर गया और प्रभु को माँ की सेहत के लिए धन्यवाद किया और तब से मेरी माँ को फिर कुछ नहीं हुआ, आज मेरी माँ बिलकुल स्वस्थ है,
मैं आज भी उस दिन के लिए हनुमान जी को बहुत धन्यवाद देता हूँ और उस दिन के बाद मेरा हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और विश्वास और बढ़ गया.
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दूसरा अनुभव
मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं महाराष्ट्र के पुणे की रहनेवाली हूँ, जयेश भाई सबसे पहले तो आपको धन्यवाद देना चाहती हूँ जो आपकी वजह से मुझे हनुमान जी की भक्ति करने का अवसर मिला, आपके वीडियोस देखकर मेरा विश्वास और भी दृढ़ हो गया,
मैं भगवान शिव की भी भक्त हूं और हम सभी को पता है की शिवजी ही बजरंगबली है और बजरंगबली ही शिवजी है, मैं अब बजरंगबली की बहुत बड़ी भक्त बन गयी हूँ, मैं दिन में जब भी फ्री रहती हूँ तब हनुमान चालीसा का पाठ करती रहती हूँ और घर में आते जाते बजरंगबली की तस्वीर देखते ही मन ही मन आनन्द होता है,
आज मैं आपसे मेरा अनुभव शेयर करना चाहती हूँ, 2 महिने पहले मैं और मेरे पति कोरोना पॉजिटिव हो गए थे और कुछ समय बाद ही हमारी रिपोर्ट्स नेगेटिव आई, Hanumanji ki kahani
हमारे घर के पास ही एक चाचा रहते है, उन्होंने मेरा हाथ देखा तो वे बोले की,”तेरी कुंडली में राहु की दशा है तो तू हनुमान जी के 5 मंगलवार का व्रत करना शुरू कर दे और रात को 11:30 बजे चूरमे के लड्डू का हनुमान जी के सामने भोग लगाकर वो लड्डू खाकर व्रत खोल,”
मैंने अगले ही मंगलवार से व्रत शुरू किया, व्रत करने से मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था, लेकिन अचानक उसके कुछ दिनों बाद मेरे पति ने थोड़ी फिजिकल एक्सरसाइज की, तो उस दिन रात के समय उन्हें बहुत बुखार आ गया और बुखार के चलते उन्हें बहुत ज्यादा ठंड लगने लगी थी,
रात के 12 बज गए थे और मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था की मैं क्या करूँ, मैं सिर्फ बजरंगबली की तस्वीर के पास बार-बार आकर बैठती थी और उनसे प्रार्थना करती थी कि मेरे पति को ठीक कर दो प्रभु,
दूसरे दिन उनके हाथ पर और पैरों पर स्वेलिंग यानी सूजन आ गयी, तब मैं बहुत डर गयी थी, उनको बिना सपोर्ट के उठना और बैठना भी मुश्किल हो गया था और डॉक्टर ने बताया की ये पोस्ट कोविड की वजह से हुआ है,
मैं बहुत परेशान हो गयी थी, मैं भगवान के सामने बैठकर रोने लगी कि उनको ठीक कर दो, उनकी परेशानी मुझसे देखी ही नहीं जा रही थी, तब ये बात मैंने मेरी मम्मी को बतायी, तो मम्मी ने मुझे हनुमान चालीसा का पाठ करने को बोला और मम्मी ने खुद भी हनुमान चालीसा के 7 पाठ किये, Hanumanji ki kahani
मैंने तुरंत बजरंगबली के सामने बैठकर प्रभु का स्मरण करकर 1000 बार हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa पाठ करने का संकल्प लिया और दूसरे ही दिन से मैंने पाठ करना शुरू कर दिया, जब मैं पाठ करने बैठती तो रोने लगती थी,
और डॉक्टर ने कहा था की उनकी स्वेलिंग 1 महीने तक रह सकती है, लेकिन प्रभु की कृपा से मेरे पाठ करने के तीसरे दिन से ही उनकी स्वेलिंग कम होनी शुरू हो गयी और मेरे पापा ने उनको एक टेबलेट लेने को बोला था वो भी शुरू कर दी और कुछ दिनों में ही मेरे पति पहले जैसे एकदम नार्मल हो गए और सब पहले जैसा अच्छा हो गया,
और हाँ मेरा कोई भाई नहीं है तो मैं बजरंगबली को ही अपना बड़ा भाई मानती हूँ, मैं बजरंगबलि से एक ही प्रार्थना करती हूँ की उनकी कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे.
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