Hanumanji ke Upay ka Chamatkar
इस भक्त ने किया एक अद्भुत उपाय और हनुमान जी ने दूर किये सारे संकट
मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं असम के नागांव की रहनेवाली हूँ, मैं एक ब्राह्मण फैमिली से बिलॉन्ग करती हूँ, आज मैं आप सभी से हनुमान जी की कृपा से जुड़ा अनुभव शेयर करना चाहती हूँ, क्योंकि मैंने हनुमान जी से प्रॉमिस किया था कि जब भी आपकी कृपा होगी तो मैं अपना अनुभव जयेश भाई के चैनल में जरूर शेयर करुँगी, Hanumanji ke Upay ka Chamatkar
मेरे पापा, बड़े पापा और बुआ आस-पास ही रहते है, मेरे परिवार में मैं, मम्मी, पापा, छोटी बहन और एक बड़े भाई है, भाई अभी बैंगलोर में है और बहन ने B.A.LLB कम्पलीट किया है,
बचपन में जब भी मेरी बुआ रामायण का पाठ करती थी तब परिवार के सारे बच्चो को एक साथ बैठा के पाठ सुनाती थी और अलग से एक आसन हनुमान जी के लिए भी रखती थी, क्योंकि जैसे हम सभी को पता है की जहां कही भी रामायण का पाठ या राम-नाम लिया जाता है, वहां हनुमान जी की उपस्थिति होती ही है,
मैं बचपन से ही भगवान जगन्नाथ जी को मानती थी, फिर भगवान शिव की भक्ति भी करने लगी, पहले मैं इतनी गहराई से भक्ति नहीं करती थी, मेरी पूजा-पाठ में रुचि कम थी, बस थोड़ी बहुत भक्ति करती थी, लेकिन मेरी छोटी बहन भगवान को बहुत मानती है,
पापा ने बहुत स्ट्रगल करके हम तीनो को पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया की हम जीवन में कुछ कर सके, जीवन में बुरा समय भी आया, लेकिन प्रभु की कृपा से हमने उस बुरे समय को भी पार कर लिया,
लेकिन 2020 में जब एक ही साल में मेरी बुआ और मेरे बड़े पापा का देहांत हो गया तब मेरे पापा ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली, एक मेरे पापा ही थे जिसके भरोसे हम सारे थे,
लेकिन 2021 के जुलाई महीने में मेरे पापा की तबियत बहुत ख़राब हो गयी, रात के 3 बजे पापा को हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा और रिपोर्ट्स में कोविड पॉजिटिव आया,
पापा का ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था और उसी दिन शाम को मैं, मेरी मम्मी और मेरी बहन भी कोविड पॉजिटिव पाए गए, ये जानकर थोड़ी देर तो लगा जैसे हमारा सब कुछ खत्म हो गया हो, मैं बिलकुल टूट चुकी थी, क्योंकि पहले बुआ का देहांत, फिर बड़े पापा और अब पापा भी इतनी बुरी कंडीशन में है और हालात ये थे की हम पापा को देखने भी नहीं जा सकते थे,
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पापा की कंडीशन इतनी खराब थी कि पापा ठीक से फ़ोन भी रिसीव नहीं कर पा रहे थे और हममें से किसी को बाहर निकलने की परमिशन नहीं थी क्योंकि हम सब होम क्वारंटाइन थे,
तभी मेरे भैया जो अभी बैंगलोर में है, उन्होंने फ़ोन करके मुझे प्रभु श्री राम का एक मंत्र दिया और बोले की 12 पीपल के पत्तों पर श्री राम नाम लिखकर हनुमान जी के लिए मैं माला करू, क्योंकि हनुमान जी कलयुग के सबसे जाग्रत देवता है जो भी उन्हें प्रभु श्री राम का नाम लेकर याद करता है तो वे उनकी प्रार्थना जरूर सुनते है,
अगले ही दिन सुबह मैंने हनुमान जी की पूजा की, हनुमान चालीसा का पाठ किया और राम-नाम पीपल के पत्तो पर लिखा और हनुमान जी को माला अर्पण किया, फिर देवी माँ की पूजा की और महामृत्युंजय मंत्र का भी रोज़ 108 बार जाप करने लगी, क्योंकि मेरे शिव जी ही तो हनुमान जी है, बस दिन रात पापा की अच्छी सेहत के लिए प्रभु के सामने प्रार्थना करती थी, Hanumanji ke Upay ka Chamatkar
देखते ही देखते पापा ठीक होने लगे, उनका ऑक्सीजन लेवल बेहतर होने लगा और इधर मेरे घर में मैं, मेरी मम्मी और छोटी बहन भी बिना किसी बड़ी ट्रीटमेंट के बस मेडिसिन्स खाकर ही ठीक हो गए,
हनुमान जी ने और माता रानी की कृपा से बिना किसी बड़ी तकलीफ के मेरे पापा 7 दिन में ही ठीक हो गए, मैंने पापा के लिए घर में भी ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था कि थी पर पापा को उसकी जरुरत नहीं पड़ी, हम सब 10 दिन में ही कोविड नेगेटिव आये, पापा की इतनी फ़ास्ट रिकवरी देख कर हम सब चौक गए थे,
बस उस दिन से आज तक एक भी दिन ऐसा नहीं है जब मैंने मेरे हनुमान जी को याद नहीं किया होगा, मेरे प्रभु बहुत दयालु है, हम सब उनकी कृपा से ही इतने जल्दी ठीक हो पाये है, Hanumanji ke Upay ka Chamatkar
बस आखिर में यही कहूँगी जयेश भाई की हमें आप पर गर्व है, क्योंकि यूट्यूब पर धर्म और भगवान के ऊपर लोग कितनी नेगेटिविटी फैलाते है, लेकिन आप और कुछ-कुछ चैनल्स ऐसे भी है जो अँधेरे में भी रौशनी देने का काम करते है, हनुमान जी आपको दुनिया की हर ख़ुशी दे और सभी भक्तों का कल्याण करे.
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