वे जरूर आते है – हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना

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Sunderkaand Hanumanji Chamatkar in Hindi

Sunderkaand Hanumanji Chamatkar in Hindi

वे जरूर आते है – हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना

मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, मैं उत्तर प्रदेश से हूँ और दिल्ली में जॉब करती हूँ, मैं पिछले 5 साल से हनुमान चालीसा का हर रोज पाठ करती आ रही हूँ और मैंने कई बार हनुमान जी की कृपा को महसूस किया है, Sunderkaand Hanumanji Chamatkar in Hindi

ये बात लॉकडाउन के समय की है, दिल्ली से पहले मेरी पोस्टिंग राजस्थान की एक सिटी में हुई थी, लॉकडाउन की अनाउंसमेंट 20th मार्च को हुई थी और 22nd मार्च को जनता कर्फ्यू था और उसी के थोड़े दिन पहले होली का त्यौहार था और मैं होली की छुट्टी मनाकर वापस जॉब पर आ गयी थी,

जब जनता कर्फ्यू अनाउंस हुआ था तब उस मंथ मार्च की क्लोजिंग थी, मैं घर नहीं आयी मैं गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी और हमारे हॉस्टल में सभी लड़कियां अपने घर जा चुकी थी मैं अकेली हॉस्टल में थी,

पहले तो लगा कि लॉकडाउन जल्दी हट जायेगा, पर फिर लॉकडाउन को 14th अप्रैल तक बढ़ाया गया, मैं अकेली हॉस्टल में थी और हर दिन कोरोना के केसेस बढ़ते जा रहे थे,

मेरी फैमिली ने बहुत कोशिश की इंटर-स्टेट पास बनवाने की, क्योंकि रास्ते में 3 स्टेट्स क्रॉस करने थे, हर बार मेरा पास रिजेक्ट हो जाता और मैं बहुत ज्यादा परेशान थी, दिन रात घर जाने के बारे में ही सोचती और रोने लगती,

उस समय बस एक ही विचार आ रहा था की किसी भी तरह घर जाना है, मैं अपने घर से 500km दूर थी वो भी अकेले, कोई और लड़की नहीं थी हॉस्टल में, Sunderkaand Hanumanji Chamatkar in Hindi

फिर एक दिन पता नहीं मेरे दिमाग में आया की मैं सुंदरकांड का पाठ शुरू करू, मेरे रूम में कोई भगवान की तस्वीर नहीं थी, बस एक सुंदरकांड पाठ की बुक थी और मैंने पूरी श्रद्धा से पाठ करना शुरू कर दिया और उसी बीच कुछ दिनों बाद हनुमान जी का जन्मोत्सव भी आया और मैं हनुमान जी से एक ही प्रार्थना करती कि प्रभु मुझे किसी भी तरह मेरे परिवार के पास घर भेज दो,

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जयेश भाई मुझे पाठ किये हुए 30 दिन भी नहीं हुए थे की मैं एक दिन अपना मोबाइल देख रही थी, तो सोशल मीडिया पर मुझे एक लिंक मिला जो की इंटर-स्टेट पास के लिए था, मैंने तुरंत अप्लाई किया तो उसमे गाडी नंबर भी फील करना होता है, लेकिन मेरे पास कोई गाडी नहीं थी और उस वक़्त ओला उबेर भी उपलब्ध नहीं थी,

तब मुझे गूगल पर ट्रांसपोर्ट एजेंसी का नंबर मिला और उनसे बात की और मैंने गाड़ी बुक कर ली और उनका रजिस्ट्रेशन नंबर मिल गया और मैंने पास के लिए अप्लाई कर दिया और दो दिन में मेरा पास नंबर आ गया, लेकिन उस पास में ड्राइवर का नाम नहीं था, तब उन्होंने चलने से मना कर दिया की हमारी गाडी रोक लेंगे हम नहीं जायेंगे,

एक बार फिर से मेरा घर जाने का सपना टूट गया, पर फिर भी मैंने पाठ करना नहीं छोड़ा और प्रभु के सामने प्रार्थना करती रही और कोशिश करती रही, फिर मैंने 100 नंबर डायल किया और पुलिस को कॉल किया मदद के लिए, उन्होंने मेरी बहुत हेल्प की लेकिन फिर भी मुझे पास नहीं मिला,

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फिर एक दिन मैंने एक नंबर पर कॉल किया वो भी गूगल से मिला था ई-पास के लिए और लकिली मेरा कॉल किसी ने उठाया और उन्होंने बोला आप हमारे गेस्ट है आप चिंता ना करे आप घर पहोच जायेंगे, आपका काम आज ही हो जायेगा और आप मानेंगे नहीं शाम तक ही मेरे पास ई-पास आ गया, लेकिन फिर से उसमें ड्राइवर का नाम नहीं था,

तब मैंने उसी ट्रेवल एजेंसी को कॉल किया और उनसे कहा कि प्लीज ड्राइवर का नाम बताये, तब जैसे ही उन्होंने ड्राइवर का नाम बताया मेरे तो होश ही उड़ गए, उनका नाम था ‘हनुमान’ और अब तो मुझे यकीन हो गया कि मुझे खुद मेरे बजरंगबली घर छोड़ने आ रहे है, Sunderkaand Hanumanji Chamatkar in Hindi

मेरा फाइनल ई-पास आ गया और सुबह के 5:30 बजे मैं अपने घर आने के लिए निकल गयी और वो दिन एक अलग ही चमक थी, जहां रास्ते में 3 स्टेट के बॉर्डर आते है, लेकिन वो पता नहीं कौनसे रास्ते से लेकर आये, हमें बस एक ही बॉर्डर मिला और जहा 9-10 घंटे लगते है वहां मैं सिर्फ 7 घंटे में ही अपने घर पहुँच गयी हनुमान जी के साथ और तबसे मैं हर रोज हनुमान चालीसा के साथ सुंदरकांड का पाठ भी करती हूँ.


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